पटना . पटना नगर निगम में डिप्टी मेयर के पद पर आसीन मीरा देवी के खिलाफ लाये गये ‘अविश्वास प्रस्ताव’ पर शुक्रवार को हां या ना की मुहर लगेगी. अगर अविश्वास प्रस्ताव को गिराने में डिप्टी मेयर गुट के पार्षद सफल रहे, तो उनकी कुरसी सुरक्षित रहेगी. अन्यथा उन्हें अपने पद से हटना होगा. बांकीपुर अंचल सभागार में डिप्टी मेयर मीरा देवी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए बैठक बुलायी गयी है.
पूर्वाह्न 11:30 बजे से होनेवाली बैठक के लिए सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम किया गया है. मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात होंगे. बैठक स्थल के आसपास धारा-144 लागू रहेगी. बैठक में पार्षदों के साथ-साथ अधिकारियों व निगमकर्मियों का केवल प्रवेश होगा. पार्षद प्रतिनिधियों को जाने की इजाजत नहीं रहेगी.
डिप्टी मेयर के खिलाफ लाये अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन व विरोध को लेकर दोनों गुट के अलग-अलग दावे हैं. डिप्टी मेयर गुट का दावा है कि अविश्वास प्रस्ताव को गिराने में वे सफल रहेंगे. जबकि मेयर गुट का दावा है कि डिप्टी मेयर मीरा देवी का जाना तय है. अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में संख्या बल से काफी अधिक पार्षद मुहर लगायेंगे.
दोनों गुट की ओर से समर्थन जुटाने के लिए गुरुवार की देर रात तक मुहिम चलती रही. खुद डिप्टी मेयर मीरा देवी अपने समर्थित पार्षदों से मिल कर आशीर्वाद मांग रही हैं. साथ ही कुरसी पर आसीन करने के दौरान जिन पार्षदों का समर्थन मिला था, उनसे दुबारा सहयोग की अपेक्षा की है.
डिप्टी मेयर गुट का दावा है कि अंतिम क्षण तक पासा पलट सकता है. सूत्रों की मानें, तो डिप्टी मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पत्र पर हस्ताक्षर करनेवाले 29 पार्षदों में 12 पार्षद डिप्टी मेयर गुट के हैं. इन पार्षदों का इस बार मेयर गुट को समर्थन देने की बात हो रही है. ऐसी स्थिति में डिप्टी मेयर मीरा देवी को अपना पद बचाना मुश्किल हो सकता है.
दो साल पहले लॉटरी से जीत कर डिप्टी मेयर बनी मीरा देवी के भाग्य का फैसला इस बार मत पत्र से होगा. मत पत्र में पार्षद अपना मुहर लगायेंगे. इसके लिए 74 मत पत्र छप चुके हैं. शुक्रवार को बैठक में चर्चा होने के बाद मत पत्र से वोटिंग होगी.
पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव में डिप्टी मेयर मीरा देवी पर कई आरोप लगाये हैं. इसमें डिप्टी मेयर पर पद का दुरुपयोग, आउटसोर्सिंग व योजना के मुद्दे पर पार्षदों को गुमराह करने, मेयर पर पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर बिना आधार के अनर्गल व बेबुनियाद आरोप शामिल है.
विकास से संबंधित एजेंडे पर नकारात्मक रुख रखने, अकर्मण्य पदाधिकारियों को हटाने के सवाल पर दोहरा चरित्र अपनाने, निगम की छवि का धूमिल करने का आरोप भी लगाया गया है.
Posted by Ashish Jha