पटना. धनबाद हाउसिंग कॉलोनी निवासी रिटायर्ड अमीन साधु शरण पाठक के घर में एसीबी ने मंगलवार को सर्च अभियान चलाया. साधु शरण के खिलाफ एसीबी ने कोर्ट से सर्च वारंट लिया था. इस दौरान सौ से ज्यादा डीड के कागजात, बीमा और अन्य सामान मिले. गौरतलब है कि साधु शरण के खिलाफ एसीबी में कांड संख्या 4-2022 दर्ज किया गया है. उनके खिलाफ वर्ष 2016 में आय से अधिक संपत्ति मामले में शिकायत की गयी थी. जांच के बाद शिकायत सही मिलने पर प्राथमिकी दर्ज हुई. साधु शरण पाठक मूलत बिहार के भोजपुर जिला के आरा, पीरपाती, बलुआ, पोस्ट- थाना किशनगढ़ के हैं. साधु शरण के दो बेटे और एक बेटी है. एक बेटा फौज में है जबकि दूसरा बेटा घर में रहता है. एक बेटी है. यहां अपने पूरे परिवार के साथ रहता है.
हाउसिंग कॉलोनी स्थित एलआइजी 346 में रहने वाले साधु शरण पाठक के घर एसीबी की 15 सदस्यीय टीम ने मंगलवार को सर्च अभियान चलाया. पहले तो श्री पाठक ने टीम को बरगलाने का प्रयास किया. बताया कि वह यहां किराये पर रहते हैं. इसका किराया 19 हजार रुपये प्रतिमाह देते हैं, लेकिन एसीबी टीम के पास सभी कागजात पहले से मौजूद थे. जब टीम ने उन्हें बताना शुरू किया तो वह तुरंत शांत हो गये और एसीबी के कार्रवाई में सहयोग करने लगे. सर्च अभियान के दौरान घर से सौ से ज्यादा डीड के कागजात, बीमा और अन्य सामान मिले. टीम ने पूरे तीन तल्ला बिल्डिंग के हर कमरे की जांच की और सभी सामान की दर के साथ सूची तैयार की. सूत्रों ने बताया कि पूरे घर में मार्बेल लगा है और सभी तरह की सुविधाएं मौजूद है. टीम ने लगभग पांच घंटे तक यहां सर्च अभियान चलाया.
सूत्रों ने बताया कि उनके पास आय से लगभग 10 गुणा अधिक संपत्ति है. मकान की कीमत लगभग चार से पांच करोड़ रुपये आंकी जा रही है. साथ ही जनता मार्केट में उनकी एक जूता-चप्पल की दुकान (13) है. उनके पास जो डीड के पेपर मिले हैं उसमें से 51 डीड के पेपर रजिस्ट्री ऑफिस से मिले हैं. वहीं बिहार के आरा में प्रोपर्टी से संबंधित छह डीड और पटना तथा राज्य के अन्य स्थानों से संबंधित कुल सौ से ज्यादा डीड पेपर मिले हैं. टीम इसकी जांच कर रही है.
साधु शरण के खिलाफ एसीबी में पहले से तीन प्राथमिकी दर्ज हैं. पहला मामला कांड संख्या 30-2016 (रिंग रोड भू -अर्जन घोटाला ), दूसरा 31-2016 ( तिलाटांड़ भू-अर्जन घोटाला) और तीसरा 32-2016 (फर्जी डीड पर राशि निकासी) का मामला चल रहा है. सूत्रों ने बताया कि इस मामले में साधु शरण पर आरोप है कि तीन लोग भोला सिंह, मंटू महतो और हरि महतो नामक व्यक्ति जो अस्तित्व में नहीं हैं, साधु शरण ने उनके नाम पर खाता खुलवाया और उसमें अपना आइडी कार्ड दिया. उसके बाद इन तीनों खातों से एक करोड़ रुपये से ज्यादा की निकासी की.