पटना. कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस का पर्व मनाया जाता है. इस पर्व पर लोग अपने घर में सुख, समृद्धि और शांति के लिए कुछ न कुछ खरीदना चाहते है. धनतेरस में चांदी के सिक्को की खरीदारी करना शुभ माना गया है. इस बार सोने व चांदी में आयी तेजी के बाद भी शहर के आभूषण दुकानों में रौनक बढ़ गयी है. ज्वेलरी दुकानदार अपने दुकानों में हर तरह के मेल व डिजाइन मंगाकर सजाने लगे है. इस बार चांदी के सिक्कों की बुकिंग भी शुरू कर दी गयी है. दुकानदारों का कहना है कि पिछले बार से इस बार धनतेरस में चांदी के सिक्कों के दामों में बढ़ोतरी हुई है बावजूद ग्राहकों की मांगों में इजाफा है.
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा ने बताया कि चांदी को चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है. इस दिन चांदी के सिक्के व आभूषण खरीदने से यश और पराक्रम में वृद्धि होती है. धनतेरस दीपावली से दो दिन पूर्व मनाया जाता है. धन का मतलब समृद्धि और तेरस का मतलब तेरहवां दिन होता है. इस दिन के खरीदारी पर धन को तेरह गुना बनाने और वृद्धि करने का दिन माना गया है. इस वर्ष के धनतेरस में चांदी के सिक्के व आभूषण की खरीदारी से मां लक्ष्मी प्रसन्न होगी और वर्ष भर धन्य-धान्य में बढ़ोतरी होगी.
धनतेरस पर ग्राहकों में लक्ष्मीवान बनने की ललक ने इस बार रानी और राजा सिक्को की दामों में इजाफा कर दिया है. चांदी का विक्टोरिया रानी सिक्का अपनी चमक बरकरार रखते हुए थे इम्पोरियम मार्का राजा के सिक्के को पीछे धकेल दिया है. आभूषण दुकानों पर रानी का सिक्का 1500 रुपये प्रति पीस तो राजा मार्का सिक्का 1350 रुपये प्रति पीस की दर से बिक्री होगी. धनतेरस को लेकर ज्वेलर्स की दुकानों पर चांदी धातु की बनी सामग्री की चमक बढ़ गयी है. दुकानदार अपनी दुकानों को सजाने-संवारने में जुट गये है.
इस बार आभूषण के दुकानों पर सोने व चांदी के आभूषणों में कई तरह के धातुओं को मिलाकर बनायी गयी है. दुकानदार अपनी ओर से ग्राहकों को खींचने की कोशिश में कई ऑफर दे रहे है. आभूषण खरीदते समय हॉलमार्क युक्त आभूषण खरीदना बेहतर विकल्प रहता है. मौजूद रेट के साथ मेकिंग चार्ज का गणित समझ कर ही खरीदे और दुकानदार से मुहर लगाकर बिल की मांग करें.