अमरेंद्र, सुपौल. बीते साल 2020 पूरी दुनिया के लिए किसी भयावह दुःस्वप्न से कम नहीं रहा. लेकिन कोरोना महामारी जैसी वैश्विक आपदा को भी दुनियां में बहुत सारे लोगों ने अवसर के रूप में तब्दील किया.
उन्हीं में से एक हैं सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज प्रखंड के गुड़िया पंचायत निवासी दीपिका झा जिन्होंने लाकडॉउन के समय में घर बैठने के बजाय पोधरोपण करके अपने खाली समय का सदुपयोग किया.
दीपिका झा की शैक्षणिक उपलब्धि की बात करें तो वो वर्तमान में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय खुला विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर कर रही हैं. वही व्यावसायिक प्रशिक्षण के तौर पर इन्होंने एनआइओएस से प्राथमिक शिक्षा में डिप्लोमा भी की है. साथ ही सांस्कृतिक क्षेत्र में भी इनकी शिक्षा- दीक्षा अच्छा रहा है.
उन्होंने चंडीगढ़ विश्वविद्यालय से संगीत में प्रवीण (एमए) की है. इन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर कई बार कबड्डी , एथलेटिक्स , नेटबाल, साइकिलींग एवं पोलो जैसे खेल में भाग ली है. ये जूडो कराटे में ब्लैकबेल्ट भी हैं. साथ ही भारत स्काउट गाइड की राज्यस्तरीय कैडेट भी रही हैं. अनेक पुरस्कारों से हो चुकी है सम्मानित विभिन्न क्षेत्रों में योगदान को लेकर दिपीका को कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है.
हरियाणा में 03 जनवरी 2018 को आयोजित राष्ट्र स्तरीय एम्पावर्ड वुमेन एवार्ड से सम्मानित किया गया. इनके अलावा भी इन्हें राज्यस्तर पर कई बार सम्मानित किया गया है. कोविड महामारी के समय बेहतरीन कार्य के लिए इन्हें अंतरराष्ट्रीय स्त्तर के कई संस्थाओं ने भी इन्हें सम्मानित किया है.
बीते वर्ष मार्च से दिसंबर तक उन्होंने 01हजार से अधिक पौधे जिले के पिपरा , सरायगढ़ , त्रिवेणीगंज , राघोपुर और सुपौल जैसे प्रखंड में लगाकर प्रकृति को संरक्षित करने में बहुमूल्य योगदान दिया. दीपिका मद्यनिषेध, स्वच्छता अभियान , बाल विवाह एवं दहेज उन्मूलन के लिए भी लगातार सक्रिय और सार्थक प्रयास करती रही हैं.
Posted by Ashish Jha