कुढ़नी में हार भी वीआईपी के लिए जीत, जानें मुकेश सहनी ने क्यों लालू यादव व रामविलास से की अपनी तुलना
उन्होंने कहा कि वीआईपी संघर्ष करने वाली पार्टी है और आगे भी संघर्ष करेगी. उन्होंने कहा कि कुढ़नी में एक तरफ सत्ताधारी गठबंधन था, जबकि दूसरी तरफ केंद्र वाली सरकार की पार्टी भाजपा थी, इन दोनों के बीच वीआईपी को 10 हजार वोट मिलना बड़ी बात है.
पटना. कुढ़नी उपचुनाव का परिणाम आने के बाद विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी ने विजयी प्रत्याशी केदार गुप्ता को बधाई देते हुए कुढ़नी के सभी मतदाताओं का आभार जताया है. उन्होंने कहा कि इस चुनाव में वीआईपी को मिले वोट से तय हो गया कि निषादों का वोट निषाद के बेटा के ही पास है.
वीआईपी संघर्ष करने वाली पार्टी है
पटना में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वीआईपी संघर्ष करने वाली पार्टी है और आगे भी संघर्ष करेगी. उन्होंने कहा कि कुढ़नी में एक तरफ सत्ताधारी गठबंधन था, जबकि दूसरी तरफ केंद्र वाली सरकार की पार्टी भाजपा थी, इन दोनों के बीच वीआईपी को 10 हजार वोट मिलना बड़ी बात है.
वीआईपी की हार को भी जीत
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि भाजपा ने चुनाव में वोट काटने के लिए निषाद समाज में आने वाले तीन लोगों को बतौर उम्मीदवार उतार दिया था, उन तीनों को भी निषाद समाज का वोट मिला है. उन्होंने कहा कि यह तय है कि निषाद का वोट निषाद के बेटों को ही मिला है. उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि कोई पार्टी यह नहीं कह सकती कि उन्हें निषाद जाति का वोट मिला. वीआईपी की हार को भी अपनी जीत बताते हुए सहनी ने कहा कि काशीराम कहा करते थे कि पहली बार चुनाव समझने के लिए, दूसरी बात हराने के लिए और तीसरे बार जीत दर्ज के लिए लड़ना चाहिए.
किसी पार्टी को हराने के लिए नहीं बल्कि जीत के लिए चुनाव लड़ा था
उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ी बात है कि मेरी अपील पर निषाद समाज का वोट सवर्ण समाज से उतारे गये प्रत्याशी को मिला. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि 1990 के बाद लालू प्रसाद, नीतीश कुमार और रामविलास पासवान के बाद मेरे अपील पर किसी समाज का वोट ट्रांसफर हुआ. सन ऑफ मल्लाह के नाम से चर्चित सहनी ने कहा कि वीआईपी किसी पार्टी को हराने के लिए नहीं बल्कि खुद की जीत के लिए चुनाव लड़ा था और तब तक लड़ेगी जब तक जीत दर्ज नहीं करूंगा. उन्होंने कहा कि वीआईपी को सभी समाज, सभी धर्म और सभी जातियों का वोट मिला है.