मुजफ्फरपुर. दिल्ली क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़े साहेबगंज के रावण के नाम से मशहूर कुख्यात अंतरराज्यीय गैंगस्टर रामनरेश सहनी से पूछताछ पूरी हो गयी है. क्राइम ब्रांच के एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस संजय भाटिया ने दिल्ली में मंगलवार को पूरी कार्रवाई का खुलासा किया है. उन्होंने मीडिया कर्मियों को दी जानकारी में बताया है कि बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के साहेबगंज के रहने वाले गैंगस्टर रामनरेश सहनी के खिलाफ बिहार, गुजरात, दिल्ली समेत चार राज्यों में हत्या, लूट, रंगदारी, फिरौती के लिए अपहरण, एनडीपीएस, शराब अधिनियम समेत कई गंभीर धाराओं में 25 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज है.
बीते दिनों गिरफ्तार हुआ था रावण
क्राइम ब्रांच के डीएसपी अमित गोयल के नेतृत्व में पुलिस टीम ने बीते दिनों रामनरेश सहनी को मुजफ्फरपुर के मोतीपुर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया था. कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड लेने के बाद उसको दिल्ली लाया गया. यहां कोर्ट से रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही थी. दिल्ली के एनडीपीएस अधिनियम के एक मामले में भगोड़ा घोषित किया गया अपराधी भी था. उसे उत्तर बिहार के क्षेत्र में “साहेबगंज के रावण” के रूप में जाना जाता है.
दिल्ली समेत कई राज्यों की पुलिस को थी तलाश
दिल्ली क्राइम ब्रांच की पूछताछ में राम नरेश सहनी ने बताया है कि वर्ष 2005 में, दुर्गा पूजा के दशहरा के दिन गुजरात के सूरत में अपने तीन और साथियों के साथ मिलकर कुमोद नाम के एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी. यह हत्या कुमोद हत्याकांड के नाम से प्रसिद्ध हुआ. हत्या के बाद रामनरेश अपने दोस्तों के साथ वहां से फरार हो गया था. बाद में उसे उक्त मामले में भगोड़ा घोषित कर दिया गया. इसके बाद वह 25.03.2012 को एसओएस दिल्ली में 29.400 किलोग्राम गांजा के साथ गिरफ्तार हुआ था. उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में मामला दर्ज किया गया. बाद में वह 10.07.2013 को सुनवाई के दौरान उसकी बेटी की शादी के लिए अंतरिम जमानत मिल गयी. उसने अंतरिम जमानत छोड़ दी. इसके बाद से वह लगातार फरार चल रहा था.
गिरोह में 50 से अधिक सदस्य
10.07.2014 को अभियुक्त रामनरेश सहनी को न्यायालय द्वारा उद्घोषित अपराधी घोषित कर दिया गया. बार – बार मोबाइल नंबर, हुलिया व ठिकाना बदलने के कारण टीम उसको गिरफ्तार नहीं कर पा रही थी. इसके बाद 05.01.2024 को एसआई बृजपाल, एचसी जोगिंदर, सवाई सिंह, गौरव और सीटी मोनू की एक टीम गठित की करके छापेमारी के लिए भेजी गयी. मुजफ्फरपुर में टीम कई दिनों तक रहकर उसके बारे में गोपनीय जानकारी जुटायी. पता चला कि आरोपी राम नरेश सहनी एक कुख्यात अपराधी है. वर्तमान में वह शराब के धंधे में भी सक्रिय है. उसे साहेबगंज के रावण के रूप में जाना जाता है. इलाके में उसका गिरोह है, जिसमें 50 से ज्यादा सदस्य हैं.
2006 में अपराध की दुनिया में कदम रखा
कुख्यात रामनरेश सहनी ने दिल्ली क्राइम ब्रांच के अधिकारियों को बताया है कि उसने 2006 में अपराध की दुनिया में कदम रखा. उसके बाद वह लगातार अपराध कर रहा था. उन्होंने अवैध तरीकों से काफी धन और संपत्ति अर्जित की है. उसके खिलाफ पहली एफआईआर साल 2005 में दर्ज हुई. इसके बाद गुजरात के सूरत में हत्या और हत्या के प्रयास की धाराओं के तहत दर्ज की गई थी. 2005 में उसने बिहार के मुजफ्फरपुर के साहेबगंज में एक और हत्या की. उसने अपनी आपराधिक गतिविधियों से एक साम्राज्य खड़ा कर लिया था.