Jharkhand News: होली आते ही बिहार में शराब की बढ़ी डिमांड, झारखंड बॉर्डर से ऐसे होती है तस्करी

झारखंड बॉर्डर पर शराब माफियाओं की सक्रियता इन दिनों काफी बढ़ गयी है. बाइक और पत्थर एवं बालू लदे वाहनों के सहारे अवैध शराब को बिहार पहुंचाया जा रहा है. सीमावर्ती गांवों में स्थित कई घरों के साथ-साथ जंगलों में बंकर बनाकर स्टॉक रखे शराब की पेटी को बिहार भेजा जा रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 7, 2023 5:57 PM

गिरिडीह, मृणाल कुमार : होली आते ही बिहार में शराब की डिमांड काफी बढ़ जाती है. इसी डिमांड को पूरा करने के लिए झारखंड के शराब माफिया बिहार के अलग-अलग क्षेत्र में अंग्रेजी विदेशी शराब की खेप खपाने लगे हुए हैं. शराब माफियाओं का यह खेल दिन-रात चल रहा है. शराब बाइक से लेकर चार चक्का वाहन और बड़े वाहनों से बिहार तक पहुंचाया जा रहा है. शराब माफिया बालू, गिट्टी और पुआल लदे वाहनों का प्रयोग कर रहे हैं. इसका खुलासा भी कई बार हो चुका है. हाल में ही तिसरी के घंघरीकुरा के समीप 15 दिन पूर्व एक गिट्टी लदी ट्रक के पलटी करने के बाद भारी मात्रा में अवैध शराब बरामद हुआ था. इसके बाद भी अवैध शराब का यह कारोबार बदस्तूर जारी है.

करीब एक करोड़ रुपये के शराब का स्टॉक

कुछ दिनों पूर्व से ही झारखंड के सीमावर्ती इलाके में शराब के तस्कर सक्रिय थे. सीमावर्ती गांवों में स्थित कई घरों के साथ-साथ जंगलों में बंकर बनाकर शराब स्टॉक किया गया था. अब शराब की पेटी में बंद कर बिहार भेजा जा रहा है. इसके लिए सबसे ज्यादा उपयोग पत्थर और बालू से लदे ट्रैक्टरों और ट्रकों का किया जा रहा है. इस खेल में न सिर्फ झारखंड के शराब माफिया बल्कि बिहार के भी शराब माफिया शामिल है. अवैध शराब का यह काला कारोबार गिरिडीह जिला के बेंगाबद, तिसरी, देवरी और गावां क्षेत्र में हो रहा है. क्योंकि, इन प्रखंडों की सीमा बिहार से सटी हुई है. जानकारी के अनुसार, होली को लेकर गिरिडीह के शराब माफियाओं के द्वारा करीब एक करोड़ रुपये की शराब का स्टॉक किया गया था. इसमें आधे से अधिक शराब की खेप को बिहार भेज दिया गया है.

कहां – कहां से हो रही है शराब की तस्करी

बेंगाबाद से बिहार के बॉर्डर में बसे लुप्पी, गेनरो, गोलगो, बदवारा पंचायतो में संचालित विभिन्न होटलों, किराना दुकानों में अंग्रेजी शराब की खेप जमा की जा रही है. वहीं, तिसरी प्रखंड के उज्जवे और खटपोंक के रास्ते बिहार के गगनपुर में खपाया जा रहा है. वहीं गावां के गावां-सतगावां होते हुए डुमरझारा ओर भगतजी चौक होते हुए गढ़कोल के रास्ते बड़े पैमाने पर शराब की खेप को बिहार भेजी जा रही है. इसके अलावा देवरी प्रखंड के भी कुछ हिस्सों से शराब की खेप बिहार भेजी जा रही है.

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बिना लाइसेंस के ही शहर के प्रसिद्ध होटलों में भी शराब की बिक्री

एक ओर जहां शराब बेचने वाले सरकारी दुकान में मूल्य वसूली को लेकर दुकानदार अपनी मनमानी कर रहे हैं, वहीं विभागीय अनदेखी के कारण बड़े पैमाने पर शहरी क्षेत्र के प्रसिद्ध होटलों में भी बिना लाइसेंस के ही शराब परोसी जा रही है. गिरिडीह में बार के लिए तीन लाइसेंस जारी किये गये हैं. लेकिन, एक दर्जन से भी ज्यादा होटलों में अवैध तरीके से शराब खपायी जा रही है. कई होटलों में तो रूम के अंदर शराब उपलब्ध करायी जा रही है.

कई प्रखंडों में नकली शराब की हो रही है बिक्री

जिले के कई प्रखंडों में नकली शराब की बिक्री भी धड़ल्ले से हो रही है. बगोदर व राजधनवार में के इलाके में ब्रांडेड कंपनियों की नकली शराब की बोतल तैयार की जा रही है. नकली शराब बनाने वाले लोगों को अलग-अलग ब्रांड का लेबल, कलर, ढक्कन आदि आसानी से उपलब्ध हो रहा है. शराब से जुड़े कारोबारियों की माने तो विदेशी अंग्रेजी शराब बनाना आसान है. बगोदर व राजधनावर में सभी विदेशी अंग्रेजी शराब का लेबल स्टिकर व ढक्कन, कलर व स्प्रिट आसानी से उपलब्ध हो जाता है.

एमआरपी से ऊंची दर पर बेची जा रही है शराब, अधिकारी मौन

अंग्रेजी शराब की मांग होली के अवसर पर हमेशा बढ़ जाती है. इसका लाभ सरकारी लाइसेंसी दुकान वाले भी उठा रहे हैं. बोतलों में एमआरपी का उल्लेख रहने के बाद भी दुकान वाले ऊंची कीमत पर बेच रहे हैं. शहरी क्षेत्र में दस रुपये से लेकर 70-80 रुपये प्रति बोतल एमआरपी से ज्यादा की वसूली की जा रही है. अधिकांश दुकानों में शराब की दर तालिका भी नहीं लगी हुई है. इस मामले को लेकर कई बार उत्पाद अधीक्षक से शिकायतें भी की गयी है. भाकपा माले के राजेश सिन्हा का कहना है कि कई बार लोगों ने उनके पास शिकायत व उत्पाद अधीक्षक से बात की थी. लेकिन, उत्पाद अधीक्षक बराबर मूल्य तालिका लगाने की बात कहकर मामले को टाल रहे हैं. इस संबंध में उत्पाद अधीक्षक सुधीर कुमार ने बताया कि पहले से भी कई दुकानों में छापेमारी की गयी है. दुकान वाले स्कैन करने के बाद बोतले बेचते हैं. ऐसे में जो एमआरपी है, उसी दर पर उपभोक्ताओं को बोतल मिलती है. कहा कि शराब की बोतलों में एमआरपी से ज्यादा वसूलना हो, उसके लिए उत्पाद विभाग की एक टीम लगातार गश्ती कर रही है. वहीं, दूसरी ओर छापेमारी के लिए एक टीम को लगाया गया है. सीमावर्ती इलाके में भी नजर रखी जा रही है.

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बिरनी : गुमटियों में भी बिकती है अंग्रेजी शराब

बिरनी प्रखंड में इन दिनों होली त्योहार नजदीक आते ही अवैध शराब का बढ़ गया है. प्रखंड में नकली स्प्रिट का इस्तेमाल कर काफी कम दाम पर विदेशी शराब तैयार हो रहा है. शराब माफिया तीन गुना मुनाफा पर इस शराब को बेच रहे हैं. थाना प्रभारी थाना प्रभारी अमरजीत सिंह ने कहा कि सूचना के आधार पर कार्रवाई की जा रही है.

तिसरी में चल रहा है अंग्रेजी शराब का गोरखधंधा

वहीं, तिसरी प्रखंड में भारी पैमाने पर देशी और अंग्रेजी शराब का गोरखधंधा किया जा रहा है. यहां इस अवैध धंधे में रोजाना लाखों का कारोबार हो रहा है. प्रतिदिन लाखों रुपए की शराब को बिहार में खपायी जा रहा है. नक्सल प्रभावित पंचायत थानसिंहडीह के कारीपहरी, मनसादिह के बिरनी, कुंडी, उज्ज्वे, ख्टपोंक आदि जगहों पर भारी मात्रा में अंग्रेजी शराब को इक्कठा कर के रखा जाता है और फिर वहां से दोगुने-तिगुणे दाम पर बिहार भेज दिया जाता है. तिसरी थाना प्रभारी पीकू प्रसाद ने कहा कि तिसरी में अवैध शराब का धंधा रोकने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है.

सरिया पुलिस ने जावा महुआ व शराब किया नष्ट

सरिया अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के निर्देश पर सरिया पुलिस द्वारा थाना क्षेत्र के बाघानाल व बंदखारो के आधे दर्जन अवैध शराब ठिकानों पर छापेमारी की गयी. मौके से लगभग 500 लीटर अवैध महुआ शराब व 20 क्विंटल जावा महुआ जब्त कर नष्ट किया गया. इस संबंध में एसडीपीओ नौशाद आलम ने बताया कि लगातार सूचना मिल रही थी कि उक्त क्षेत्रों महुआ शराब की चुलाई बड़े पैमाने पर की जा रही है. सूचना के आधार पर तथा होली को लेकर सरिया पुलिस द्वारा यह कार्रवाई की गयी है. हालांकि इस दौरान अवैध शराब के धंधेबाज फरार होने में सफल रहे. हालांकि, धंधेबाजों को चिह्नित किया जा रहा है.

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