कोरोना के बाद बढ़ी नन फिक्शन किताबों की मांग, बोले अशोक महेश्वरी- मुफ्त में पढ़ाने की हो रही व्यवस्था

राजकमल प्रकाशन समूह के अध्यक्ष अशोक महेश्वरी ने कहा है कोरोना काल में किताबों से लोगों के संबंध बेहतर हुए हैं. इस दौरान लोगों ने खूब किताबें पढ़ी हैं. उन्होंने कहा कि लोगों रुझान पहले की तरह कहानी और उपन्यास की ओर तो है ही, अब नये विषयों पर भी लोग किताबें पसंद कर रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2022 11:09 AM

पटना. राजकमल प्रकाशन समूह के अध्यक्ष अशोक महेश्वरी ने कहा है कि कोरोना काल के दौरान किताबों से लोगों के संबंध बेहतर हुए हैं. इस दौरान लोगों ने खूब किताबें पढ़ी हैं. प्रभात खबर से खास बातचीत में अशोक महेश्वरी ने कहा कि लोगों का रुझान पहले की तरह कहानी और उपन्यास की ओर तो है ही, अब नये विषयों पर भी लोग किताबें पसंद कर रहे हैं. महेश्वरी ने कहा कि कोरोना काल के बाद नन फिक्शन किताबों की मांग बढ़ी है. रविश कुमार और अशोक कुमार पांडेय जैसे लेखकों की पुस्तकें हाथों हाथ दस हजार से अधिक प्रति बिक गयी हैं.

पटना सबसे मजबूत केंद्र

अशोक महेश्वरी ने कहा है कि कोरोना काल के खत्म होने के बाद यह तीसरा आयोजन है. पटना से पहले भोपाल और बनारस में ऐसे किताब उत्सव का आयोजन हो चुका है. पटना का आयोजन बेहद खास रहा. इसके दो कारण हैं, एक तो यहां सरकार से लेकर निजी संस्थाओं तक का सहयोग मिला. दूसरा यहां 60 से अधिक साहित्यकारों की भागीदारी रही, जिनमें 26 साहित्यकार पटना या बिहार के बाहर से रहे हैं. एक सवाल पर महेश्वरी ने कहा है कि पटना के अलावा वो बिहार के अन्य शहरों में भी ऐसे उत्सव का आयोजन करते रहे हैं और आगे भी उनका ऐसा करने का विचार है.

मुफ्त में पढ़ने की व्यवस्था जल्द

नवनिर्मित भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया. महेश्वरी ने रेणु, दिनकर, नागार्जुन सहित अन्य नामी लेखकों का एक फोटो फ्रेम और पुस्तक मुख्यमंत्री को भेंट की. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार देश के पहले मुख्यमंत्री होंगे, जो प्रकाशक के घर आये हैं. मुख्यमंत्री की बातों पर ध्यान रखते पाठकों के लिए मुफ्त में पढ़ने की व्यवस्था जल्द होगी. उन्होंने कहा कि राजकमल प्रकाशन के नये भवन में रीडिंग रूम की व्यवस्था की जा रही है.

नीतीश कुमार ने किया नवनिर्मित भवन का उद्घाटन

इससे पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को राजकमल प्रकाशन के स्थापना दिवस पर अशोक राजपथ स्थित उसके नवनिर्मित भवन का उद्घाटन किया. मौके पर उन्होंने कहा कि करीब 52-53 साल से छात्र जीवन से ही हम यहां आते रहे हैं. यहां की किताबों से भी गहरा जुड़ाव रहा है. यहां से कई किताबें खरीदी हैं. यहीं से दिनकर की पुस्तक लेकर पढ़ी थी. मुख्यमंत्री ने राजकमल प्रकाशन के भवन बाहर लगे बोर्ड को देख कहा कि राजकमल प्रकाशन नाम के साथ समूह के अध्यक्ष अशोक महेश्वरी का नाम नेम प्लेट पर लिखें.

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