पटना. बिहार में वन नेशन वन टैरिफ लागू करने की मांग तेज हो रही है. आम लोग भी इस बात से खफा दिख रहे हैं कि केंद सरकार बिजली के मामले में बिहार के साथ अन्यायपूर्ण भेदभाव कर रही है. केंद्र पर यह आरोप मुख्ममंत्री नीतीश कुमार भी कई बार लगा चुके हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों ऊर्जा विभाग पर विधान सभा में बोलते हुए कहा था कि मोदी सरकार अन्य राज्यों की तुलना में बिहार जैसे गरीब राज्य को ज्यादा महंगी बिजली दे रही है. उन्होंने वन नेशन वन टैरिफ लागू करने की अपनी मांग दोहराते हुए कहा कि केंद्र सरकार को यह जल्द से जल्द लागू करना चाहिए.
कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया था कि बिजली को लेकर पहले से मांग की जा रही है कि वन नेशन वन बिजली दर लागू हो. राज्य सरकार ने केंद्र को मदद करने के लिए राज्य की बिजली उत्पादन इकाइयों को भी भारत सरकार को सौंप दिया. इसके बावजूद देश में सबसे महंगी बिजली बिहार को मिलती है.
उन्होंने कहा कि बिहार जैसे गरीब राज्य को 5.82 रुपये प्रति यूनिट बिजली दी जा रही है, जबकि गुजरात जैसे विकसित राज्य को महज 3.74 रुपये प्रति यूनिट बिजली दी जाती है. सबसे अमीर राज्य महाराष्ट्र को 4.32 रुपये प्रति यूनिट बिजली दी जाती है. यहां तक कि मध्यप्रदेश को भी 3.49 रुपये प्रति यूनिट बिजली दी जाती है.
उन्होंने भाजपा सदस्यों से कहा कि वह बाहर जो भी बोलते हैं, वह बोलते रहे पर केंद्र सरकार से कहें कि राज करना चाहते हैं, तो देश में बिजली की एक ही रेट तय करें तब फायदा मिलेगा. बिहार ने तो एक-एक घर में बिजली पहुंचा दी है. वर्ष 2018 में दो माह पहले ही हर घर बिजली पहुंचा दी गयी. आप सब भी इस बात को समझिये. बिहार के लिए आप सबका बोलना जरूरी है.