18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार के 75% आरक्षण में फंस सकता है कानूनी पेंच? जानिए इसे कवच पहनाने की कोशिश में कैसे जुटी है नीतीश सरकार..

बिहार में अब 75 प्रतिशत आरक्षण लागू कर दिया गया है. वहीं नीतीश सरकार अब इसे कानूनी पेंच में नहीं फंसने देने के लिए कवच पहनाने की कोशिश में लगी है. 75 प्रतिशत आरक्षण नीति को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल कराने की मांग क्यों की जा रही है जानिए..

Bihar Reservation News: बिहार में आरक्षण का दायरा अब 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दिया गया है. आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को मिलने वाले 10 प्रतिशत आरक्षण को पूर्व की तरह ही यथावत रखा गया है. राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद अब यह आरक्षण सूबे में लागू कर दिया गया है. वहीं राज्य सरकार ने प्रदेश की नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में 75 प्रतिशत आरक्षण से संबंधित दो संशोधित ताजा अधिनियमों को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल कराने की अनुशंसा केंद्र को भेजने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इससे जुड़े प्रस्तावों पर मंजूरी दी गयी है. वहीं अब डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी 75 प्रतिशत आरक्षण को नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग केंद्र सरकार से की है. दरअसल, बिहार में लागू हुआ किए गए नयी आरक्षण नीति को कानूनी चुनौती से बचाने के लिए ये मांग की जा रही है.

बिहार के नए आरक्षण नीति को अब कवच पहनाने की तैयारी

बिहार में लागू किए गए 75 प्रतिशत आरक्षण नीति को अब कवच पहनाने की तैयारी शुरू की गयी है. नीतीश कुमार की सरकार ने तय किया है कि बिहार की नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में 75 प्रतिशत आरक्षण से संबंधित दो संशोधित ताजा अधिनियम 2023 को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए केंद्र सरकार को अनुशंसा भेजेगी. बिहार (शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन में ) आरक्षण संशोधन अधिनियम 2023 और बिहार पदों एवं सेवाओं की रिक्तियों में आरक्षण (अनुसूचित जाति, जनजातियों एवं अन्य पिछड़े वर्गों के लिए) संशोधन अधिनियम 2023 को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल कराने के पीछे के सरकार की मंशा यह है कि इसे कानूनी चुनौती से भविष्य में बचाया जा सके.

Also Read: लालू यादव के बाद सीएम नीतीश कुमार भी पहुंचे दिल्ली, जानिए बिहार में क्यों बढ़ा है सियासी तापमान..
नीतीश-तेजस्वी ने की केंद्र से मांग

बिहार में लागू हुए 75% आरक्षण को केंद्र सरकार से 9वीं अनुसूची में डालने की मांग लगातार तेज हो रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद अब उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मोर्चा संभाल लिया है.उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार से बिना सोचे- विचारे इस मांग को तुरंत पूरा करने को कहा, ताकि आरक्षण के नये नियमों पर किसी तरह की अड़चन नहीं आ सके.

बिहार सरकार की क्या है मांग?

इससे पहले  कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डा एस सिद्धार्थ ने यह बताया कि क्यों बिहार सरकार की ओर से यह मांग की जा रही है. उन्होंने तमिलनाडु का उदाहरण देते हुए कहा कि तमिलनाडु की तर्ज पर बिहार सरकार ने भी आरक्षण का दायरा 50 प्रतिशत से अधिक करने का निर्णय लिया. तमिलनाडु द्वारा दिये जा रहे 50 प्रतिशत से अधिक के आरक्षण को नौवीं अनुसूची में शामिल किया गया है. इसी तरह बिहार सरकार द्वारा मंजूर आरक्षण अधिनियमों को भारतीय संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए राज्य सरकार अनुशंसा भेजेगी, इस फैसले पर कैबिनेट ने सहमती दी है.

बिहार के 75% आरक्षण को 9वीं अनुसूची में शामिल करने के फायदे

कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डा एस सिद्धार्थ ने बताया कि बिहार में दो नये विधेयकों के प्रभावी होने से आरक्षण का दायरा अब 60 के बदले बढ़कर 75 प्रतिशत हो गया है. अगर संसद द्वारा राज्य की अनुशंसा मान ली गयी और इन प्रस्तावों को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल कर लिया जाता है तो इस अधिनियम को न्यायालय द्वारा हस्तक्षेप नहीं किया जायेगा. उन्होंने बताया कि नौवीं अनुसूची में शामिल करने की शक्ति संसद के पास है.

जानिए क्यों कोशिश में लगी है सरकार..

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 1992 में इंदिरा सहनी के एक मामले में सुनवाई करते हुए अदालत ने अधिकतम 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को तय किया था. लेकिन इसमें कहा गया था कि किसी असाधारण या अप्रत्याशित परिस्थिति में इसे तोड़ा जा सकता है. कानून के जानकार बताते हैं कि अगर बिहार में लागू किए गए 75 प्रतिशत आरक्षण को अदालत में चुनौती दी गयी तो सरकार को बताना हाेगा कि इसे किन असाधारण परिस्थिति में लागू किया गया. बता दें कि जो 10 फीसदी आरक्षण आर्थिक रूप से पिछड़े समुदाय को दिया गया है उसमें आर्थिक आधार के तहत इसे लागू करने की मंजूरी मिली थी. कुछ राज्यों में लिए गए फैसले को अदालत से चुनौती भी मिल चुकी है. जिसे देखते हुए बिहार सरकार इसे मजबूत कवच पहनाने की कोशिश में लगी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें