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सारण में डेंगू को लेकर अलर्ट, एक सप्ताह में मिले हैं 10 मरीज

नगर निगम के आयुक्त सुमित कुमार ने बताया कि एक दिन में दो वार्डों को फॉगिंग के लिए चिह्नित किया गया है. फॉगिंग वार्ड पार्षदों की उपस्थिति में करायी जा रही है. विदित हो कि शहर में फाॅगिंग नहीं होने के कारण लोगों में नाराजगी बढ़ गयी थी.

छपरा. नगर निगम के विभिन्न वार्डों में फागिंग कराने के लिए शेड्यूल का निर्धारण कर दिया गया है. 30 अगस्त से नगर निगम के कर्मी अलग-अलग वार्ड में फागिंग कर रहे हैं. नगर निगम के आयुक्त सुमित कुमार ने बताया कि एक दिन में दो वार्डों को फॉगिंग के लिए चिह्नित किया गया है. फॉगिंग वार्ड पार्षदों की उपस्थिति में करायी जा रही है. विदित हो कि शहर में फाॅगिंग नहीं होने के कारण लोगों में नाराजगी बढ़ गयी थी.

नगर निगम के अधिकारियों को लगी कड़ी फटकार

डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए डीएम ने नगर निगम के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगायी थी. इसके बाद विभिन्न वार्डों में फाॅगिंग कराने का शेड्यूल बनाकर निगम कर्मियों को सूचित कर दिया गया है. अलग-अलग वार्ड में फाॅगिंग करने के लिए कर्मियों की भी ड्यूटी निर्धारित हुई है. जिस कर्मी को संबंधित वार्ड में फागिंग के लिए जाना है उस वार्ड के साथ उसके नाम को टैग किया गया है. संबंधित कर्मियों की अनुपस्थिति में निगम के रिजर्व कर्मचारी फाॅगिंग के कार्य को संपन्न करायेंगे. वार्ड संख्या एक से शुरू होकर या अभियान वार्ड 45 में जाकर संपन्न होगा. प्रत्येक दिन दो-दो वार्डों में फॉगिंग होगी.

पदाधिकारियों को अलर्ट रहने का निर्देश

छपरा नगर निगम की प्रभारी मेयर को भी इस बाबत सूचना भेज दी गयी है. फाॅगिंग में किसी प्रकार की अनियमितता ना हो इसके लिए पर्यवेक्षक भी बनाये गये हैं, जिसकी मॉनीटरिंग के लिए नगर निगम के पदाधिकारियों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है. फॉगिंग का अनुश्रवण सिटी मैनेजर वेद प्रकाश वर्णवाल कर रहे हैं. वहीं, नगर निगम द्वारा शहर के बाजारों व इसके साथ ही नगर निगम के कर्मियों को नियमित साफ-सफाई व नाले की उड़ाही का भी निर्देश दिया गया है.

सदर अस्पताल में आधी-अधूरी है तैयारी

विगत एक सप्ताह में जिले में डेंगू पीड़ित करीब 10 मरीज मिले हैं. जिले के सदर अस्पताल में अभी डेंगू से बचाव को लेकर कोई खास तैयारी नहीं दिखायी दे रही है. अस्पताल में किसी भी वार्ड के बाहर कहीं पर भी डेंगू वार्ड का बोर्ड नहीं लगाया गया है. डेंगू की जांच करने के लिए 50 किट उपलब्ध हैं. डीएस ने बताया कि अगर अस्पताल में डेंगू के लक्षण किसी मरीज में दिखायी देते हैं, तो उसकी जांच के लिए अस्पताल के पास करीब 50 जांच किट संगृहीत है. जरूरत के हिसाब से उसे उपयोग में लाया जायेगा. आपातकालीन विभाग हो या ओपीडी में अगर जांच में डेंगू से ग्रसित पाये जाते हैं तो उन्हें तत्काल डेंगू वार्ड में भर्ती करा दिया जायेगा.

लक्षणों के प्रति सावधान रहने की जरूरत

डेंगू एवं चिकनगुनिया की बीमारी संक्रमित एडीस मच्छर के काटने से होती है. यह मच्छर सामान्यत: दिन में काटता है एवं यह स्थिर पानी में पनपता है. डेंगू का असर शरीर में तीन से नौ दिनों तक रहता है. इससे शरीर में अत्यधिक कमजोरी आ जाती है और शरीर में प्लेटलेट्स लगातार गिरने लगता है. वहीं, चिकनगुनिया का असर शरीर में तीन माह तक होता है. गंभीर स्थिति में यह छह माह तक रह सकता है. डेंगू एवं चिकनगुनिया के लक्षण तकरीबन एक जैसे ही होते हैं. इन लक्षणों के प्रति सावधान रहने की जरूरत है.

डेंगू की जांच के लिए लिया जा रहा सैंपल

जिले के गड़खा बाजार बसंत रोड कुछ लोगों को डेंगू का सैंपल मिलने से चिकित्सक के साथ लोग भी जागरूक हो गये और हल्के बुखार होने पर अपनी जांच करवा रहे हैं. गड़खा चिकित्सा प्रभारी डॉ सर्वजीत कुमार ने बताया कि अभी तक कुछ लोगों का सैंपल लिया गया है. इससे लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. वही सीएस डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बुधवार को गड़खा बाजार पहुंच प्रभावित क्षेत्र का जायजा लिया. साथ ही सैंपलिंग की पूरी जानकारी ली. उन्होंने बताया कि अभी तक पांच लोगों का सैंपल लिया गया है, जिनकी रिपोर्ट आनी अभी बाकी है.

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