बिहार में जानलेवा हुआ डेंगू, मिले 335 नए मरीज, सारण में अब तक तीन की मौत, जानें कहां कितने मामले
सारण जिले में डेंगू से अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है. छपरा शहरी क्षेत्र के अलावे गड़खा, दिघवारा तथा रिविलगंज में भी कई डेंगू पीड़ित मरीज मिले हैं. रिविलगंज में दो तथा दिघवारा के एक व्यक्ति की डेंगू से जान गयी है. साथ ही राज्य में इस वर्ष डेंगू मरीजों की संख्या 4168 हो गयी है.
बिहार में डेंगू घातक हो चुका है. राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान 335 नये डेंगू मरीज पाये गये हैं. इसके साथ ही राज्य में इस वर्ष डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 4168 हो गयी है. इसमें सितंबर के 22 दिनों में 3893 मरीज शामिल हैं. वहीं सारण जिले में डेंगू से अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है. छपरा शहरी क्षेत्र के अलावे गड़खा, दिघवारा तथा रिविलगंज में भी कई डेंगू पीड़ित मरीज मिले हैं. रिविलगंज में दो तथा दिघवारा के एक व्यक्ति की डेंगू से जान गयी है. जिन क्षेत्रों में कई डेंगू पीड़ित मरीज भी मिले हैं. जिनकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है. प्रखंड स्तर पर स्थानीय पीएचसी में डेंगू के संभावित लक्षण वाले मरीजों की प्रारंभिक जांच के बाद उन्हें छपरा सदर अस्पताल भेजा जा रहा है. जहां ओपीडी में बने जांच घर में लक्षण वाले मरीजों का सैंपल लिया जा रहा है और उसे तुरंत ब्लड बैंक के डेंगू जांच केंद्र में भेजा जा रहा है. जहां 24 घंटे के अंदर ही सैंपल की जांच कर रिपोर्ट भेज दी जा रही है. प्रतिदिन करीब 100 सैंपल जांचे जाने की बात कही जा रही है. जांचे गये सैंपल में से पांच-छह मरीजों में डेंगू के प्रारंभिक लक्षण मिल रहे हैं.
निजी अस्पतालों में एडमिट हो रहे मरीज
चार से पांच दिनों तक तेज बुखार रहने तथा डेंगू के संभावित लक्षण दिखने के बाद कई मरीज निजी अस्पतालों में भर्ती हो जा रहे हैं. शहर के दारोगा राय चौक तथा नगरपालिका चौक के कई निजी क्लिनिक में इस समय डेंगू से पीड़ित मरीज एडमिट है. वहीं कुछ मरीजों को गंभीर अवस्था में पटना के निजी अस्पतालों में भी रेफर किया गया है. सदर अस्पताल ने भी निजी क्लिनिकों में भर्ती डेंगू पीड़ित मरीजों की जानकारी मांगी है. वहीं स्थानीय पीएचसी स्तर पर भी आ रहे मरीजों की बेहतर मॉनिटरिंग करने हेतु चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एसडी सिंह ने बताया कि डेंगू के लक्षण मिलने पर उसे गंभीरता से लेना चाहिये और तुरंत सदर अस्पताल या स्थानीय पीएचसी में संपर्क करना चाहिये.
अस्पताल में अतिरिक्त डेंगू वार्ड बनाया गया
सदर अस्पताल के इमरजेंसी विभाग के ऊपरी मंजिल पर डेंगू वार्ड बनाया गया है. जिस वार्ड में 10 बेड लगाये गये हैं. हालांकि तीन दिन पहले सभी दसों बेड पर मरीज भर्ती हो गये थे. वहीं इसी बीच कुछ नये मरीज भी वार्ड में शिफ्ट किये गये. जिस कारण उन्हें बेड अलॉट करने में दिक्कत आयी. जिसके बाद इसी मंजिल पर बगल के एक दूसरे कमरे में अतिरिक्त डेंगू वार्ड बनाया गया है. इस वार्ड में पहले कालाजार के मरीजों को रखने की व्यवस्था थी. लेकिन इस समय डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस वार्ड को डेंगू वार्ड के रूप में तैयार किया गया है. डेंगू वार्ड में ऑक्सीजन की नियमित सप्लाइ की व्यवस्था भी कर दी गयी है. वहीं वार्ड में भर्ती सभी मरीजों की मॉनिटरिंग के लिए दो चिकित्सकों की टीम बनायी गयी है.
फॉगिंग में अनियमितता से बढ़ रही नाराजगी
शहरी व ग्रामीण इलाकों में फॉगिंग के लिए रोस्टर बनाया गया है. वहीं अधिकारियों की टीम भी गठित की गयी है. खासकर नगर निगम क्षेत्र के सभी 45 वार्डों में फागिंग के लिए एक रोस्टर बनाया गया है. जिसके लिए दो सिटी मैनेजर की देखरेख में फॉगिंग कार्य किया जाना है. लेकिन शहर के कई ऐसे मुहल्ले हैं जहां अब तक फागिंग के लिए नगर निगम के कर्मी पहुंचे ही नहीं है. जिला प्रशासन ने भी नगर आयुक्त व अन्य अधिकारियों को नियमित रूप से फॉगिंग कराने का निर्देश दिया है. रिविलगंज, दिघवारा व गरखा में जिन इलाकों से डेंगू पीड़ित मरीज मिले हैं. वहां हर मुहल्ले के गली-गली में जाकर फागिंग कार्य करने का निर्देश भी डीएम ने जारी किया है.
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प्रदेश के जिन जिलों में सर्वाधिक नये मरीज पाये गये हैं उसमें पटना में 54, भागलपुर में 20, सारण में 18, मुंगेर में 17 और वैशाली में 13 मरीज शामिल हैं. अभी राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 261 मरीज भर्ती होकर इलाज करा रहे हैं. इसमें सर्वाधिक 110 मरीज जेएलएनएमसीएच भागलपुर में भर्ती हैं. इसके अलावा एम्स पटना में 14, आइजीआइएमएस पटना में 18, पीएमसीएच में 26, एनएमसीएच पटना में 11, एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर में 15, डीएमसीएच दरभंगा में चार, एएनएमसीएच गया में 16, जीएमस ,बेतिया में तीन, जीएमसी पूर्णिया में छह, जेएनकेटीएमसीएच मधेपुरा में दो और विम्स पावापुरी में 36 मरीज भर्ती हैं.