पटना. राजधानी पटना में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में सभी को सावधान और इससे बचने के उपाय करने की जरूरत है. बीते एक सप्ताह से लगातार 100 से अधिक मिल रहे मरीजों के बाद मामला और गंभीर हो गया है.
शुक्रवार भी शहर के पीएमसीएच, आइजीआइएमएस व एनएमसीएच में हुई जांच में 148 मरीजों की पुष्टि हुई है. इनमें पीएमसीएच में 54, आइजीआइएमएस में 44 और एनएमसीएच में 50 मरीजों में डेंगू पाया गया है. इनमें सभी मरीजों का एलाइजा व कार्ड टेस्ट के बाद पॉजिटिव आये हैं. वहीं सिविल सर्जन डॉ. केके राय ने बताया कि डेंगू मरीजों का आंकड़ा 1702 पहुंच गया है. उन्होंने कहा कि पॉजिटिव रोगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए एंटी लारवा छिड़काव के साथ फॉगिंग कराने के निर्देश दिये हैं.
गार्डिनर रोड अस्पताल के निदेशक डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि डेंगू बुखार एक मच्छरजनित रोग है. यह चार प्रकार के डेंगू वायरस में से किसी एक के कारण होता है, जो एक संक्रमित मादा एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है. डेंगू के सामान्य लक्षणों में तेज बुखार, नाक बहना, त्वचा पर हल्के लाल चकत्ते, आंखों के पीछे और जोड़ों में दर्द शामिल हैं. हालांकि, कुछ लोगों को लाल और सफेद धब्बेदार चकत्ते विकसित हो सकते हैं. डेंगू से पीड़ित मरीजों को चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए. आराम करने के साथ ही तरल पदार्थ पीना चाहिए.
सिविल सर्जन डॉ. केके राय ने कहा कि बुखार को कम करने और जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए पैरासिटामोल लिया जा सकता है. हालांकि, एस्पिरिन या इबुप्रोफेन नहीं लिया जाना चाहिए, क्योंकि वे रक्तस्राव के जोखिम को बढ़ा सकते हैं.