पटना में 24 घंटे में डेंगू के 252 नये मरीज मिले हैं, जो इस सीजन का अब तक का रिकॉर्ड है. इससे एक दिन पूर्व इस सीजन में सबसे अधिक 207 डेंगू मरीज चिह्नित किये गये थे. इसके साथ ही पटना जिले में डेंगू मरीजों का आंकड़ा 4453 पहुंच गया है. सबसे अधिक पाटलिपुत्र अंचल में 116, बांकीपुर में 32, नूतन राजधानी अंचल में 33, कंकड़बाग में 12, अजीमाबाद में 16, पटना सिटी में चार, दानापुर में पांच, फुलवारीशरीफ व मसौढ़ी में दो-दो नये मरीज मिले हैं. बाकी मरीज जिले के पीएचसी, अनुमंडलीय अस्पतालों के अलावा निजी अस्पतालों में मिले हैं.
पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में 373 नये डेंगू के मरीज पाये गये. पटना के बाद सारण में 25, नवादा में 19, बेगूसराय में 16 और वैशाली जिले में 14 नये मरीज मिले हैं. इसके साथ इस वर्ष राज्य में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ कर 11675 हो गयी है. इनमें से 4940 मरीज अक्टूबर में मिले हैं. वहीं अस्पतालों में 255 डेंगू मरीज भर्ती हुए.
पटना के सिविल सर्जन डॉ श्रवण कुमार ने बताया कि मौसम में नमी आने और ठंड बढ़ने के बाद केस घटने लगे हैं. जहां-जहां केस मिल रहे हैं, वहां-वहां फॉगिंग भी करवायी जा रही है. सभी पीएचसी और अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि जो भी सस्पेक्टेड केस आते हैं, उनकी जांच की जाये. हमारे यहां जांच की पूरी व्यवस्था है. एलाइजा टेस्ट करवाया जा रहा है, उसके बाद ही पुष्टि हो रही है. सामान्य बुखार के भी मामले आ रहे हैं.
डेंगू से ठीक होने के वाले अधिकतर मरीजों में कमजोरी के साथ किडनी, लिवर, फेफड़ों में साइड इफेक्ट देखने को मिल रहे हैं. इनमें सबसे अधिक आइजीआइएमएस के ओपीडी में मरीज इलाज को पहुंच रहे हैं. बीते 48 घंटे में यहां 16 मरीज ऐसे पहुंचे, जो डेंगू से रिकवर होने के बाद किसी-न-किसी तरह की परेशानी से ग्रस्त हैं. इसके अलावा पीएमसीएच, एनएमसीएच, पटना एम्स व अन्य बड़े प्राइवेट अस्पतालों के ओपीडी में इलाज कराने पहुंचे हैं. वहीं हल्के लक्षण वाले मरीजों में सबसे अधिक कमजोरी, भूख नहीं लगना व पाचन तंत्र की समस्या देखने को मिल रही है. पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने बताया कि रिकवरी के बाद कई लोग डेंगू के बाद होने वाले लक्षणों से पीड़ित नहीं होते हैं, लेकिन यह उन लोगों के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है