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Dengue Fever: कोरोना और यास तूफान के बाद बिहार में अब डेंगू का खतरा, जानकारी के साथ रखें ये सावधानी

Dengue Fever Bihar: यास तूफान के कारण मौसम में अचानक बदलाव हुआ है. वहीं, बारिश के कारण जिले में जलजनित रोगों की संभवना भी प्रबल हो गयी है. बारिश के कारण तापमान में गिरावट तो हुई है, वहीं अभी का मौसम मच्छरों के अनुकूल भी हो गया है. इस वजह से मच्छरजनित बीमारियों की संभावना भी बढ़ गयी है. बारिश के बाद मोहल्लों में जलजमाव के कारण डेंगू व मलेरिया होने की संभावना है. इसलिए तब तक सतर्क रहें. सदर अस्पताल के डॉ. अनिल कुमार ने कहा, डेंगू को लेकर अब मौसम अनुकूल होता जा रहा है.

यास तूफान के कारण मौसम में अचानक बदलाव हुआ है. वहीं, बारिश के कारण जिले में जलजनित रोगों की संभवना भी प्रबल हो गयी है. बारिश के कारण तापमान में गिरावट तो हुई है, वहीं अभी का मौसम मच्छरों के अनुकूल भी हो गया है. इस वजह से मच्छरजनित बीमारियों की संभावना भी बढ़ गयी है. बारिश के बाद मोहल्लों में जलजमाव के कारण डेंगू व मलेरिया होने की संभावना है. इसलिए तब तक सतर्क रहें. सदर अस्पताल के डॉ. अनिल कुमार ने कहा, डेंगू को लेकर अब मौसम अनुकूल होता जा रहा है.

तापमान गिरकर 30 डिग्री के पास पहुंच गया है. अभी के मौसम में ना गर्मी ज्यादा है और ना ही सर्दी. ऐसे मौसम में डेंगू व मलेरिया के मच्छर ज्यादा पनपते हैं. ऐसा मौसम डेंगू के लिए अनुकूल माना जाता है. लोग डेंगू के प्रति सचेत रहें. घर के आसपास पानी का जमाव न होने दें. इससे मच्छर नहीं पनपेगा और आपका डेंगू से बचाव होगा. इसके बावजूद भी अगर कोई डेंगू के चपेट में आ गया तो, तत्काल अपने नजदीकी अस्पताल में जाकर अपना इलाज कराएं.

चिकित्सकों के परामर्श से लें जरूरी दवाएं- डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि अमूमन बारिश का मौसम शुरू होते ही जिला स्वास्थ्य समिति सतर्क हो जाती है. जब बारिश का मौसम समाप्त होता है और सर्दी शुरू होने वाली रहती है उस दौरान डेंगू के ज्यादा मामले सामने आते हैं. अभी से लेकर नवंबर महीने तक लोगों में डेंगू होने की आशंका अधिक रहती है. डॉ. चौधरी ने कहा अगर मरीज को साधारण डेंगू बुखार है तो उसका इलाज व देखभाल घर पर ही किया जा सकता है. चिकित्सकों की सलाह लेकर जरूरी दवाईयां ले सकते हैं. बिना चिकित्सक की सलाह से दवा लेने पर शरीर से प्लेटलेट्स अचानक कम हो सकते हैं. सामान्य रूप से खाना देना जारी रखें, बुखार की हालत में शरीर को और ज्यादा पौष्टिक भोजन की जरूरत होती है.

मच्छरदानी का करें इस्तेमाल– डॉ. अनिल कुमार ने बताया, घरेलू स्तर पर सावधानी बरतने से भी डेंगू को पांव पसारने से रोका जा सकता है. इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि घर के आसपास पानी को जमने नहीं दें. रात में सोते समय मच्छदानी का प्रयोग करें. डेंगू के मच्छर दिन में अधिक काटते हैं, इसलिए दिन में विशेष तौर पर सतर्क रहें. घर में कूलर के पानी को बार-बार बदलते रहें. साथ ही घर के आसपास कोई ऐसा सामान हो, जिसमें पानी जमा हो जाता है तो उसे तत्काल हटा दें.

दिन में काटते हैं डेंगू के मच्छर– डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है. इन मच्छरों के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती हैं. ये मच्छर दिन में, खासकर सुबह काटते हैं. डेंगू बरसात के मौसम और उसके फौरन बाद के महीनों यानी जून-जुलाई से अक्टूबर में सबसे ज्यादा फैलता है. इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं. एडीज इजिप्टी मच्छर बहुत ऊंचाई तक नहीं उड़ पाते हैं. बिहार में कोरोना के बाद अब डेंगू का खतरा बढ़ सकता हैं तथा Hindi News से अपडेट के लिए बने रहें।

इन लक्षणों से पहचाने डेंगू को

• अत्यधिक बुखार एवं सर-दर्द का होना

• मांसपेशियों,पेट, आँख,पीठ या जॉइंट में दर्द होना

• सामान्य से अधिक थकान का होना एवं चक्कर आना

• भूख का नहीं लगना

• उल्टी एवं अधिक घबराहट का होना

• शरीर पर लाल रंग के निशान बनना

• गंभीर स्थिति में ब्लीडिंग होना

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Posted By : Avinish Kumar Mishra

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