बिहार: भागलपुर में डेंगू पीड़ित मरीज की मौत, तेजी से पांव पसार रही बीमारी, जानें कैसे करें अपना बचाव..

Bihar News: बिहार के भागलपुर जिले में डेंगू से पीड़ित मरीज की मौत हो गई. बारिश के बाद डेंगू के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. रोज नए मरीज सामने आ रहे हैं. पटना में भी डेंगू के मरीज मिले है. इसके अलावा मुजफ्फरपुर में भी मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है.

By Sakshi Shiva | August 18, 2023 8:35 AM
an image

Bihar News: बिहार के भागलपुर जिले में डेंगू पीड़ित मरीज की मौत हो गई. जेएलएमसीएच में 16 अगस्त की शाम भर्ती हुए मरीज की बुधवार रात दो बजे के करीब मौत हो गई. यह इस साल जिले में डेंगू से पीड़ित शख्स की पहली मौत है. इस घटना के बाद मृतक के मौहल्ले में कोहराम मच गया. दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है. मृतक की पहचान तिलकामांझी हटिया रोड निवासी सकलदीप मंडल के 42 वर्षीय पुत्र सकलदीप मंडल के रुप में हुई है. यह पंचायती राज विभाग रजौन में डाटा आपरेटर के पद पर कार्यरत था. मृतक के भाई ने बताया कि मंगलवार को संतोष की तबीयत बिगड़ी थी. उसके पेट में दर्द और बुखार था. इसके बाद जांच में वह डेंगू संक्रमित मिला था. बुधवार की रात शौच जाने के क्रम में उसकी मौत हो गई. इस घटना के बाद मृतक के परिजनों का रो- रोकर बुरा हाल है.

पानी जमा होने के कारण डेंगू के मच्छरों का फैलाव

तेज बुखार व बदन दर्द होने पर डॉक्टर डेंगू जांच की सलाह दे रहे है. भागलपुर के अलावा पटना और मुजफ्फरपुर शहर में बारिश के बाद डेंगू जैसे लक्षणों वाले मरीज मिलने लगे हैं. इन दिनों तेज बुखार और बदन दर्द के मरीज निजी डॉक्टरों के यहां इलाज कराने पहुंचे रहे हैं. गुरुवार को बालूघाट मुहल्ले के दो लोगों में डेंगू जैसे लक्षण दिखे हैं. डॉक्टर ने उन्हें डेंगू जांच कराने की सलाह दी है. डॉक्टर का कहना है कि बारिश के बाद पानी जमा होने के कारण डेंगू के मच्छरों का फैलाव होता है. ऐसे समय में लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. घर के आसपास या किसी बर्तन में पानी जमा होने से डेंगू के मच्छर उसी पानी में लार्वा छोड़ता है और डेंगू के मच्छरों का जन्म होता है, इसलिए जरूरी है कि घर के आसपास पानी जमा नहीं होने दे.

डेंगू से बचाव के उपाय

– घर के आसपास पानी जमा न होने दें

– कूलर का पानी सप्ताह में एक बार जरूर बदलें

– घर में कीटनाशक दवा का छिड़काव करें

– बच्चों को ऐसे कपड़े पहनाएं, जिससे उनके हाथ-पांव पूरी तरह ढंके रहें

– सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें

– मच्छर भगाने वाली दवाओं का प्रयोग करें

– टंकियों और बर्तनों को ढंक कर रखें

Also Read: Health Tips : इन चीजों को खाने से डेंगू का खतरा होता है कम, अपनी डाइट में आज ही करें शामिल

जिला वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार बताते है कि बारिश के बाद डेंगू फैलने का खतरा अधिक हाेता है. उसके लिए यह अनुकूल समय है. लोगों को डेंगू से बचाव के लिए सतर्क रहना चाहिए. यदि किसी व्यक्ति को डेंगू जैसा लक्षण हो, तो उसे एलीजा टेस्ट कराना चाहिए, इसकी सुविधा सदर अस्पताल और एसकेएमसीएच में उपलब्ध है.

साफ-सफाई पर का रखें विशेष ख्याल

भागलपुर जिले में डेंगू मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है. गुरुवार को शहरी क्षेत्र में डेंगू के पांच नये मरीज की पहचान की गयी. सभी मरीजों का टेस्ट मायागंज अस्पताल में किया गया था. अस्पताल प्रबंधक सुनील कुमार ने बताया कि एमसीएच भवन में बनाये गये डेंगू वार्ड में अब भर्ती मरीजों की संख्या बढ़ कर 16 हो गयी है. उन्होंने बताया कि डेंगू से बचाव के लिए अपने घरों की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें. घर के कूलर समेत अन्य जगहों पर जलजमाव न होने दें. मच्छरदानी लगा कर ही साेयें.

कोरोना संक्रमित की हुई पहचान

बता दें कि डेंगू के अलावा लोग डायरिया और आई फ्लू से भी पीड़ित हो रहे है. इसके साथ ही अब मायागंज अस्पताल में गुरुवार को जांच के बाद एक महिला कोरोना संक्रमित पायी गयी. अस्पताल के अधीक्षक डॉ उदय नारायण सिंह ने बताया कि 28 वर्षीय महिला को पेटदर्द की शिकायत थी. खगड़िया के नया गांव परबत्ता निवासी महिला 14 अगस्त को अस्पताल में भर्ती हुई थी. उसे डॉ हेमशंकर शर्मा की यूनिट में भर्ती करके इलाज शुरू किया गया. महिला में कोरोना के लक्षण दिखने पर बुधवार को उसका रैपिड एंटिजन टेस्ट किट से जांच की, तो वह कोरोना पॉजिटिव निकली.

फिलहाल, कोरोना मरीजों के लिए स्पेशल वार्ड नहीं बना है. एमसीएच बिल्डिंग के जिस हिस्से में कोरोना वार्ड संचालित किया जा रहा था, वहां पर डेंगू वार्ड चल रहा है. वहीं, करीब दो साल से बन रहा फैब्रिकेटेड अस्पताल तैयार नहीं हो सका है. ऐसे में कोरोना संक्रमित मिलने के बाद महिला को सामान्य मरीजों से इतर कहां पर भर्ती किया जाये. इसको लेकर ऊहापोह की स्थिति बन गयी. करीब दो घंटे तक संक्रमित महिला को कहां पर भर्ती किया जाये, इसका निर्णय ही नहीं हो सका. इस दौरान अन्य मरीजों के साथ-साथ महिला मेडिसिन वार्ड में पड़ी रही. करीब दो घंटे के बाद उसे मेडिसिन विभाग में बने रिसेसिटेशन रूम में भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया गया.

Exit mobile version