Bihar News: बिहार में डेंगू के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. ऐसे में फिर से मरीज पाए गए है. पटना में डेंगू का खतरा लगातार बढ़ रहा है. मरीजों की संख्या में रोजाना इजाफा हो रहा है. जिले में अब तक करीब 60 से अधिक डेंगू के मरीज मिल चुके हैं. इनमें 23 ग्रामीण व बाकी मरीज शहरी इलाके के रहने वाले हैं. विभाग मरीजों का आकड़ा 60 मान रहा है. वहीं, जानकारों का कहना है कि मरीजों की संख्या 100 के आसपास हो सकती है. बता दें कि पटना में बाजार समिति डेंगू का हॉटस्पॉट बन चुका है. पटना में बांकीपुर, पाटलिपुत्रा, दानापुर, फतुहा के मरीज हैं. कंकड़बाग, मलाही पकड़ी, ट्रांसपोर्ट नगर, बुद्धा कॉलोनी, दानापुर, महेंद्रू आदि कॉलोनी व कुछ अन्य जगहों पर डेंगू का लार्वा मिला है.
कटिहार जिले के कोढ़ा नगर पंचायत के सभी वार्डों में डेंगू और मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए फॉगिंग कराया जा रहा है. कोढ़ा में डेंगू अपना पांव पसार चुकी है. कोढ़ा में डेंगू के रोगी मिलने के बाद नगर पंचायत द्वारा साफ-सफाई कराया जा रहा है. मच्छर को भगाने के लिए नगर पंचायत के सभी वार्ड व सार्वजनिक स्थान में फॉगिंग भी कराया जा रहा है. बताया जाता है कि डेंगू बुखार एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होता है. मच्छर के काटने के करीब तीन से पांच दिनों के बाद डेंगू मरीजों में इनके लक्षण दिखने लगते हैं. डेंगू फैलने वाली एडिस मच्छर को पूरी तरह से समाप्त करना संभव नहीं है. मौसम गर्म माहौल में भी यह जिंदा रह सकता है. पानी के संपर्क में आते ही अंडा लार्वा देकर और फिर एडल्ट मच्छर बन जाता है. यही मच्छर आम जनों को काट लेता है तो वह व्यक्ति डेंगू जैसी बीमारियों की चपेट में आ जाती है.
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पटना में मिले नए मरीजों में एक बांकीपुर, एक अजीमाबाद और एक मरीज बख्तियारपुर का रहने वाला है. भागलपुर के मायागंज अस्पताल में डेंगू के नए मरीज भर्ती हुए है. 40 बेड के डेंगू वार्ड में मरीजों की संख्या अब बढ़कर 39 हो चुकी है. डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन की संयुक्त टीम लार्वा को नष्ट करने को लेकर महाअभियान चलाने का निर्णय लिया है. इसी क्रम में जिले के शहरी व ग्रामीण इलाकों में प्रचार-प्रसार के लिए जागरूकता वाहन रवाना करने के साथ ही जिले में 52 नये डोमेस्टिक ब्रीडर चेकर तैनात करने का निर्णय लिया गया है. यह रोजाना के मानदेय पर तैनात होंगे. इनका मुख्य काम संवेदनशील इलाके, खाली प्लॉट व घरों में जाकर जांच करना होगा. हालांकि, राहत की बात यह है कि अभी डेंगू मरीजों की भर्ती की संख्या अस्पतालों में कम है.
डीबीसी के लोग नगर-निगम की टीम के साथ मिलकर काम करेंगे. रोजाना मानदेय के अनुसार इनको पांच महीने तक काम पर रखा जायेगा. इनका मुख्य काम संवेदनशील इलाकों व घरों में जाकर जांच करना. जहां लार्वा मिले वहां जांच कर सफाई करवाने की जिम्मेदारी है. साथ ही लार्वा वाले जगह की सूचना स्वास्थ्य विभाग को देनी है. वहीं आशा व एएनएम को ट्रेनिंग दी जा रही है. डीबीसी के लोग नगर-निगम की टीम के साथ मिलकर काम करेंगे. रोजाना मानदेय के अनुसार इनको पांच महीने तक काम पर रखा जायेगा. इनका मुख्य काम संवेदनशील इलाकों व घरों में जाकर जांच करना. जहां लार्वा मिले वहां जांच कर सफाई करवाने की जिम्मेदारी है. साथ ही लार्वा वाले जगह की सूचना स्वास्थ्य विभाग को देनी है. वहीं जिले में अब तक करीब 60 से अधिक डेंगू के मरीज मिल चुके हैं. इनमें 23 ग्रामीण व बाकी मरीज शहरी इलाके के रहने वाले हैं.
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सिविल सर्जन ने बताया कि डेंगू के प्रति जागरूकता लाने के लिए अभियान चलाया जाएगा. इसमें प्रचार गाड़ियों की मदद से सभी मुहल्लों में लोगों को बीमारी के प्रति जागरूक किया जाएगा. साथ ही अलग से डीबीसी कर्मियों की तैनाती कर लार्वा को नष्ट करने का अभियान चलेगा. ऑनलाइन मॉनिटरिंग भी होने वाली है. छतों पर बेकार पड़े खाली बर्तनों, टायरों, ट्यूबों, डिब्बों, गमलों व अन्य पानी के स्रोतों इत्यादि में से पानी निकलवा दें. घर के आस-पास पानी इकट्ठा न होने दें. यदि किसी कारण पानी की निकासी न हो ताे उसमें थोड़ा मिट्टी का तेल, काला तेल, डीजल इत्यादि डाल दें.