Bihar News: बिहार के अस्पतालों में डेंगू के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. पटना में संक्रमितों की संख्या 100 के पार जा चुकी है. इस कारण स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है. राजधानी में सोमवार को डेंगू के छह नये मरीज मिले. इनमें एक-एक को पीएमसीएच और एनएमसीएच में भर्ती कराया गया है, जबकि चार मरीज घर पर ही इलाज करवा रहे हैं. वहीं, एक मरीज को पीएमसीएच से डिस्चार्ज किया गया. अब तक जिले में कुल 102 डेंगू मरीजों की पुष्टि हुई है. सिविल सर्जन डॉ श्रवण कुमार ने इस मामले में जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि डेंगू को देखते हुए लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है.
साथ ही नगर-निगम और स्वास्थ्य विभाग को लापरवाह लोगों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिये गये हैं. सिविल सर्जन ने अपील की है कि इन दिनों कूलर को साफ रखें. डेंगू के लक्षण और बचाव के बारे में जानकारी रखें. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, डेंगू का मच्छर दिन के समय काटता है. यह स्थिर और साफ पानी में पनपता है. तेज बुखार, बदन, सिर व जोड़ों में दर्द, त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान, नाक-मसूड़ों से खून इसके लक्षण हैं.
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राज्य में अब- तक डेंगू के 293 केस मिल चुके है. इसमें भागलपुर में मरीजों की संख्या सर्वाधिक है. राज्य में डेंगू के कुल 293 केस मिले हैं. इसमें सर्वाधिक 105 डेंगू के केस भागलपुर जिले में मिले हैं, जबकि राजधानी पटना में 102 डेंगू के मरीज मिले हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से इसकी रोकथाम को लेकर लगातार जागरूकता और छिड़काव का काम किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक डॉ अशोक कुमार ने बताया कि डेंगू के नियंत्रण में जन भागीदारी भी बहुत आवश्यक है. स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की ओर से लगातार काम किया जा रहा है. इसके अलावा नागरिकों को भी डेंगू से बचाव के लिए पहल करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि पटना में छठ को लेकर निर्मित किये गये तालाबों में डेंगू अंडा देता है. उन्होंने बताया कि गमला, पुराने टायर, नारियल का खोखा और कबाड़ में रखी गयी रद्दी वस्तुओं में भी पानी जमा होने से डेंगू के मच्छर के प्रकोप का खतरा है.
भागलपुर जिले में डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. शहर मायागंज अस्पताल, सदर अस्पताल और निजी नर्सिंग होम में डेंगू मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी है. अधिकांश मरीज मायागंज अस्पताल आ रहे हैं. अस्पताल में बेड कम पड़ने से जमीन पर मरीजों का इलाज हो रहा है. मामले की पड़ताल करने मंगलवार को डीएम सुब्रत कुमार सेन मायागंज अस्पताल पहुंचे. निरीक्षण के दौरान अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर उदय नारायण सिंह को निर्देश दिया की जमीन पर लेटे मरीजों को फैब्रिकेटेड अस्पताल में शिफ्ट किया जाए. वार्ड को 4:00 तक शुरू करने का निर्देश दिया गया.
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मुजफ्फरपुर जिले में डेंगू व मलेरिया के मरीज नहीं मिलें, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने सभी पीएचसी प्रभारियों को अलर्ट किया है. सिविल सर्जन ने कहा कि शहरी क्षेत्र में एक डेंगू मरीज मिला है, हालांकि, वह बाहर से आया था. लेकिन इसके बाद भी सर्तकता बरते हुए डेंगू, मलेरिया के मच्छर को मारने के लिए जिले में दवा का घर छिड़काव किया जायेगा. गांव के उन घरों के पास जहां जलजमाव है या फिर मरीज बुखार की चपेट में है, वहां दवा का छिड़काव कराने का निर्णय लिया गया है. इससे बीमारी के फैलने से रोकथाम हो जायेगी. इस संबंध में सीएस ने जिला मलेरिया अधिकारी को आदेश दिये हैं. गांव में एंटी लार्वा का स्प्रे एवं फाॅगिंग लगातार जारी है. अब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उच्चाधिकारियों के आदेश पर गांव में डेंगू से बचने के लिए दवा का घर- घर में छिड़काव कराने का निर्णय लिया गया है. डेंगू, मलेरिया एवं जापानी इंसेफेलाइटिस के मच्छर को खत्म करना है. स्वास्थ्य विभाग ने सभी घरों में पैराथम दवा का छिड़काव कराया जायेगा. दवा का छिड़काव होने के बाद गांव में बीमारी से रोकथाम हो जायेगा.