Dengue: बक्सर में डेंगू का कहर, 70 हजार से कम प्लेटलेट्स वालों पर विभाग का नजर, इन बातों का रखें ध्यान

Dengue: बिहार में डेंगू तेजी से पांव पसार रहा है. घर के सभी कमरों की सफाई के साथ ही टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी, फ्रिज में पानी को स्थिर नहीं होने देना चाहिए. गमला, फूलदान का पानी एक दिन के अंतराल पर बदलना जरूरी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 14, 2022 12:08 PM

बिहार में डेंगू तेजी से पांव पसार रहा है. बक्सर जिले में मच्छरों का प्रकोप देखने के बाद जिलाधिकारी अमन समीर के निर्देश पर डेंगू का एसओपी जारी कर दिया गया है. जिसके तहत स्वास्थ्य विभाग ने सभी प्रखंड में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निगरानी और अनुश्रवण के लिए सख्त निर्देश दिया है. ताकि, डेंगू व उससे मिलते जुलते लक्षण वाले मरीजों की पहचान, इलाज और फॉलोअप किया जा सके. वहीं, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण विभाग ने सभी प्रखंडों को 70 हजार से कम प्लेटलेट्स वाले मरीजों को चिह्नित करने का निर्देश जारी किया है. ताकि, उनमें डेंगू की जांच कर स्थिति का पता लगाया जा सके.

शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनना अनिवार्य

वेक्टर जनित रोगों में वे सभी रोग आ जाते हैं. जो मच्छर, मक्खी या कीट के काटने से होते हैं. जैसे डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, स्क्रब टायफस या लेप्टोंस्पायरोसिस आदि. मलेरिया एवं डेंगू या अन्य वेक्टर जनित रोगों से बचने के लिए दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करना चाहिए. मच्छर भगाने वाली क्रीम या दवा का प्रयोग दिन में भी कर सकते हैं. पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनना ज्यादा बेहतर है. घर के सभी कमरों की सफाई के साथ ही टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी, फ्रिज में पानी को स्थिर नहीं होने देना चाहिए. गमला, फूलदान का पानी एक दिन के अंतराल पर बदलना जरूरी है.

डेंगू का प्रकोप

डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया है. डेंगू को लेकर किसी प्रकार की इलाज, प्रबंधन और प्रकोप से उत्पन्न स्थिति की रोकथाम की सतत निगरानी बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा की जा रही है. इसके लिए पटना में राज्य स्तर पर 104 कॉल सेंटर सह नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है. नियंत्रण कक्ष सोमवार से लेकर शनिवार तक तीन शिफ्ट में काम करेगा.

ये बातों का रखें ध्यान

  • घर के आस-पास साफ पानी जमा नहीं होने दें

  • जमे हुए पानी में मिट्टी का तेल अथवा जले हुए मोबिल का छिड़काव कर दें

  • सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें

  • फुल बांह का कपड़ा पहनें

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