पटना. शहर में काफी तेजी से डेंगू पांव पसार रहा है. शहर के अधिकतर मुहल्लों में डेंगू के मरीज मिल रहे हैं. नगर निगम की लगातार फॉगिंग के बावजूद डेंगू मच्छरों का प्रकोप कम नहीं हो रहा है. शनिवार को डेंगू के नये मरीजों के आंकड़े (482) ने रिकोर्ड तोड़ दिया. यह इस सीजन का सबसे बड़ा आंकड़ा है.
बांकीपुर, अजिमाबाद, पाटलिपुत्र, कंकड़बाग, बजरंगपुरी, संदलपुर, बिस्कोमान कॉलोनी, भिखनापहाड़ी, मुसल्लहपुर और पटना सिटी के कई इलाके हॉट स्पॉट बने हुए हैं. डेंगू के तेजी से फैलने का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि 10 सितंबर को जिले में कुल 174 मरीज ही थे. इसके दस दिन बाद ही 20 सितंबर को यह संख्या 460 पर जा पहुंच गयी. 30 सितंबर को मरीजों की संख्या दोगुनी से ज्यादा बढ़ कर 1172 हो गयी. 13 अक्टूबर को 406 नये मरीज मिले थे.
इधर, नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डेंगू पीड़ित पांच वर्ष के बच्चे की मौत हो गयी. हालांकि चिकित्सकों का कहना है कि परिजनों ने बच्चे को गंभीर स्थिति में भर्ती कराया था, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गयी है. एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ मुकुल कुमार सिंह ने बताया कि बीते 14 अक्तूबर शुक्रवार को अस्पताल के शिशु रोग विभाग में नालंदा के सूरजपुरा गांव निवासी अजीत कुमार के पांच वर्षीय पुत्र अभिषेक कुमार की मौत शनिवार को हो गयी. मरीज को गंभीर स्थिति में डॉ राकेश कुमार की यूनिट में भर्ती कराया गया था. जांच में वो डेंगू पीड़ित मिला था. लेकिन उसकी तबीयत अधिक खराब थी.
डेंगू के डर से शहर के पार्कों में आने वाले विजिटर्स की संख्या भी आधे से भी कम हो गयी है. पटना पार्क प्रमंडल के रेंज टू में तीन कर्मी और रेंज 1 के भी विभिन्न कर्मी डेंगू से पीड़ित हो गये हैं. पार्क प्रमंडल खुद ही साफ-सफाई और घास की कटाई करा रहा है, लेकिन नगर निगम की ओर से पार्कों में फॉगिंग की कोई व्यवस्था नहीं की गयी है.
कंकड़बाग स्थित शिवाजी पार्क में नगर निगम की लापरवाही से गंदा पानी जम रहा है, जो डेंगू का कारण बन रहा है. पार्क प्रमंडल के रेंज ऑफिसर एके सहगल ने बताया कि नगर निगम की ओर से पार्क में फॉगिंग की व्यवस्था नहीं की गयी है.