Dengue in Bihar: डेंगू भी सामान्य बुखार की तरह की है, लेकिन इसमें लापरवाही भारी पड़ती है. कोई भी तेज बुखार जो दो, तीन दिन से लगातार है, साथ ही कमजोरी महसूस हो रही है. ऐसे में डेंगू की जांच जरूर कराएं. क्योंकि इन दिनों बुखार के करीब 60 से 70 प्रतिशत मरीजों में डेंगू की बीमारी मिल रही है. राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीच्यूट (आरएमआरआइ) के डायरेक्टर एमडी मेडिसिन डॉ कृष्णा पांडे ने बताया कि लोग डेंगू में स्व इलाज न करें. ऐसा करना मरीज के जान को खतरे में डाल सकता है. साथ ही, एस्पिरिन या डिस्प्रिन न लें.
डॉ कृष्णा पांडे ने कहा कि कहा कि इन दिनों डेंगू की बीमारी तेजी से फल रही है. ऐसे में कई लोग बिना डॉक्टर के सलाह के मेडिकल स्टोरों और झोलाछाप से लगातार एंटीबायोटिक और पेरासिटामोल का प्रयोग कर रहे है, गलत एंटीबायोटिक और दर्द निवारक दवाइयों के इस्तेमाल से प्लेटलेट्स अचानक गिर सकता है और मरीज कई परेशानियों से घिर सकता है. ऐसे में बिना विशेषज्ञ डॉक्टर के किसी तरह की दवा का सेवन करना जोखिम भरा हो सकता है. वहीं डेंगू में यदि नाक, मसूड़ों अथवा शौच के दौरान खून आने लगे, पेट में दर्द हो तो तत्काल अस्पताल में भर्ती हो जाना चाहिए.
डेंगू के मरीजों के पेय पदार्थ ज्यादा लेना चाहिए. डॉ कृष्णा पांडे ने बताया कि डेंगू के मरीजों के पेय पदार्थ ज्यादा लेना चाहिए. ताजे फलों का जूस, नारियल पानी आदि ले सकते हैं. खाने में सादा खाना खाएं. चिकित्सक कभी भी पपीते का पत्ता या बकरी का दूध लेने की सलाह नहीं देते हैं. डेंगू के मच्छरों से बचने के लिए घर के आसपास पानी जमा न होने दें. ऐसे कपड़े पहनने जिसमें हाथ पैर ढके हुए हो. मच्छरदानी लगाकर सोयें.