बिहार में डेंगू के बाद अब गले में खराश व सीने में कफ की समस्या, गोपालगंज के प्राइवेट अस्पतालों में भी बेड फुल

लगभग हर घर में एक-दो लोग इससे ग्रसित हैं. वायरल बुखार के अलावा टाइफाइड, चिकनगुइया, इन्फ्लुएंजा के मरीजों की संख्या सर्वाधिक है. सरकारी अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों में ऐसे मरीजों की भीड़ बढ़ गयी है. कुछ लोगों को भर्ती करना पड़ रहा है. कुछ को दवा देकर आराम की सलाह दी जा रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 29, 2023 10:11 PM

गोपालगंज. डेंगू संक्रमण का खतरा कम होने का नाम नहीं ले रहा. अब गले में खराश व सीने में कफ की समस्या बढ़ गयी है. लगभग हर घर में एक-दो लोग इससे ग्रसित हैं. वायरल बुखार के अलावा टाइफाइड, चिकनगुइया, इन्फ्लुएंजा के मरीजों की संख्या सर्वाधिक है. सरकारी अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों में ऐसे मरीजों की भीड़ बढ़ गयी है. कुछ लोगों को भर्ती करना पड़ रहा है. कुछ को दवा देकर आराम की सलाह दी जा रही है.

मौसम में बदलाव की वजह से हो रहा ऐसा

डॉक्टरों का कहना है कि मौसम में बदलाव की वजह से ऐसा हो रहा है. ऐसे में सावधानी बरतने की जरूरत है. दिन में तेज धूप से गर्मी लग रही है. शाम होते ही ठंड का अहसास हो रहा है. दिन और रात के तापमान में अंतर दिखने लगा है. ऐसे में मौसमी बीमारी की समस्या बढ़ गयी है. रविवार को सदर अस्पताल की ओपीडी बंद रहने के कारण प्राइवेट अस्पतालों में सर्दी, खांसी, जुकाम वाले मरीजों की लाइन लगी रही. गले में खरास और कफ की समस्या वाले मरीजों में बच्चे भी हैं. पिछले 24 घंटे में डेंगू के 10 मरीज मिले हैं, जो जांच में पॉजीटिव मिले हैं.

वायरल फीवर की वजह से भी गिर रहा प्लेटलेट्स

सदर अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ मंकेश्वर सिंह ने बताया कि बदलते मौसम का असर बच्चों पर अधिक है. इस समय पीडियाट्रिक वार्ड में 13 बच्चे भर्ती हैं. वायरल फीवर की वजह से बच्चों में प्लेटलेट्स कम होने की समस्या देखने को मिल रही है. प्राइवेट अस्पतालों में रविवार को 3900 मरीज आये, जिनमें 456 लोग मौसमी बीमारियों से पीड़ित हैं.

अगस्त से ही बुखार के अटैक से परेशान हैं लोग

इस वर्ष 15 अगस्त के बाद से ही लोगों को वायरल बुखार परेशान कर रखा है. हर घर बुखार से तपा है. अब बुखार दोबारा व तीसरा बार अटैक कर रहा. लोगों की परेशानी बढ़ी हुई है. खांसी व कफ से जल्दी राहत भी नहीं मिल पा रही.

ये बरतें सावधानी

  • -भोर में टहलने वाले लोग जरूरत के हिसाब से गर्म कपड़े पहनें

  • – मौसमी फल और सब्जियों का सेवन करें

  • – रात में जरूरी होने पर ही पंखा चलाएं

  • – कूलर और एसी चलाकर न सोएं

  • -बिना चिकित्सकीय सलाह के नहीं लेनी चाहिए दवा.

  • – पीने के लिए गरम पानी का अधिक प्रयोग करें.

तीन दिनों में बुखार न उतरे, तो डेंगू की जांच जरूर कराएं, खुद से न लें दवा

पटना में डॉक्टरों का कहना है कि डेंगू भी सामान्य बुखार की तरह है, लेकिन इसमें लापरवाही भारी पड़ सकती है. अगर लगातार दो-तीन दिन तेज बुखार है और कमजोरी महसूस हो रही है, तो डेंगू की जांच जरूर कराएं. क्योंकि इन दिनों बुखार के करीब 50 प्रतिशत से अधिक मरीजों में डेंगू वायरस का संक्रमण रहा है. यह कहना है आइजीआइएमएस के पूर्व जनरल फिजिशियन डॉ संजय कुमार वरुण का. रविवार को प्रभात खबर की ओर से टेली मेडिकल काउंसेलिंग का आयोजन किया गया. इसमें उन्होंने पाठकों को डेंगू, मलेरिया व वायरल संबंधित बीमारियों के लक्षण, बचाव व इलाज संबंधित जानकारी साझा की.

डेंगू में अपने मन से नहीं लें कोई भी दवा

डॉ संजय कुमार वरुण ने कहा कि कहा कि इन दिनों डेंगू की बीमारी तेजी से फल रही है. ऐसे में कई लोग बिना डॉक्टर की सलाह के मेडिकल स्टोरों और झोलाछाप डॉक्टर से एंटीबायोटिक और पैरासिटामोल लेकर लगातार का प्रयोग कर रहे हैं, जो खतरनाक हो सकता है. गलत एंटीबायोटिक और दर्दनिवारक दवाओं के इस्तेमाल से प्लेटलेट्स अचानक गिर सकता है और मरीज कई परेशानियों से घिर सकता है. वहीं डेंगू में यदि नाक, मसूड़ों अथवा शौच के दौरान खून आने लगे, पेट में दर्द हो, तो तत्काल अस्पताल में भर्ती हो जाना चाहिए.

डेंगू से घबराएं नहीं, समय पर डॉक्टर से इलाज कराएं

डॉ संजय ने कहा कि डेंगू होने पर घबराना नहीं चाहिए. सिस्टम पता होते ही तुरंत जांच कर इलाज कराना चाहिए. 10 हजार से अगर नीचे प्लेटलेट्स है, तभी प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत पड़ती है. दवा व अच्छे खान-पान से बीमारी ठीक हो सकती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी प्राइवेट व सरकारी अस्पतालों में सीबीसी, एनआइसी आदि तकनीक से डेंगू की जांच की सुविधा है. ऐसे में लक्षण दिखते ही तुरंत अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल पहुंच कर जांच करा लेना चाहिए.

ये हैं डेंगू के गंभीर लक्षण

  • – मसूड़ों में सूजन

  • – पेट में तेज दर्द

  • – नाक, उल्टी व शौच में खून आना

  • – मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द

  • – बीपी का कम होना

  • – चमकी आना

सामान्य लक्षण

  • – बुखार

  • – सिर दर्द

  • – बदन दर्द

  • – आंखों के पीछे दर्द

  • – त्वचा पर लाल चकत्ते होना

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