बिहार में बढ़ा डेंगू-मलेरिया का खतरा, पटना में मिले मलेरिया के 13 मरीज, पांच जगहों पर डेंगू का लार्वा
मॉनसून के मौसम में बारिश और जलजमाव की वजह से मक्करों का प्रजनन बहुत ही तेजी से होता है. ऐसे में मच्छरों की वजह से डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. आंकड़ों के मुताबिक पटना जिले में एक सप्ताह में 13 मरीज मलेरिया के व पांच स्थानों पर डेंगू का लार्वा पाया जा चुका है.
Dengue- Malaria In Patna: बारिश का सीजन आते ही पानी में मच्छरों के लार्वा पनपने से डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पटना जिले में एक सप्ताह में 13 मरीज मलेरिया के चिह्नित किये जा चुके हैं, जबकि शहर के पांच स्थानों पर डेंगू का लार्वा पाया जा चुका है.
ओडिशा की यात्रा कर पटना आए हैं छह मरीज
वहीं, डॉक्टरों की टीम ने जब संबंधित मलेरिया के मरीजों की केस हिस्ट्री का पता लगाया, तो इनमें छह मरीज ऐसे मिले जो ओडिशा की यात्रा कर पटना आये हैं. इसके अलावा दो मरीज दिल्ली व एक झारखंड से बीते दिनों पटना आये. बाकी मरीजों की हिस्ट्री पटना में ही निकली है. इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम सभी लोगों को सतर्क रहते हुए विशेष सावधानी बरतने की अपील की है.
इन इलाकों से मिले हैं मलेरिया के मरीज
शहर के बोरिंग रोड में दो मरीज पाये गये हैं, जिनमें एक 14 साल की लड़की व एक 18 साल का लड़का था. इसके अलावा मोकामा में चार, दानापुर, फुलवरीशरीफ, महेंद्रू, बुद्धा कॉलोनी, कंकड़बाग, राजेंद्र नगर आदि जगहों से एक-एक मरीज मलेरिया के चिह्नित किये जा चुके हैं.
दवाओं का छिड़काव व लार्वा नष्ट करने का निर्देश
वहीं जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ सुभाष चंद्र प्रसाद ने बताया कि बारिश का मौसम शुरू होते ही डेंगू मलेरिया के मामले आने लगे हैं. इसको देखते हुए एंटी लार्वा नष्ट करने के लिए अलग से टीम गठित करने को कहा गया है. टीम पटना जिले में चिह्नित जगहों पर लार्वा नष्ट करेगी. उन्होंने बताया कि हाल ही में टीम के निरीक्षण के दौरान गोबर से लार्वा मिला था. ऐसे में पिछले साल जहां नमूने लिये गये थे, उन जगहों पर टीम को भेजकर दवाओं का छिड़काव व लार्वा नष्ट करने को कहा गया है.
डेंगू जागरूकता अभियान के लिए हर दिन सेक्टर अनुसार निकलेगी निगम की टीम
पटना नगर निगम ने बरसात के दौरान शहर में डेंगू एवं चिकनगुनिया के मामले को रोकने और इसके लिए आमजनों को घर-घर जाकर जागरूक करने के लिए सभी वार्डों में सेक्टर वार एक-एक टीम का गठन किया है. एक दल में दो कर्मी होगें, जिसमें से एक कर्मी के पास एंटी लार्वा छिड़काव के लिए स्प्रे मशीन व दूसरे कर्मी के पास पंजी एवं स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 के लिए निर्धारित फीडबैक होगा. रोस्टर अनुसार सभी वार्डों में फॉगिंग एवं एंटी लार्वा की टीम छिड़काव कर रही है. इसके साथ ही नगर निगम की टीम द्वारा बीमारियों से बचाव एवं जागरूकता संबंधित जानकारी लोगों को घर घर जाकर उपलब्ध करवाई जा रही है. इसके साथ ही प्रत्येक घर से स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 के लिए निर्धारित क्यूआर कोड को स्कैन करा कर फीडबैक भी प्राप्त किया जा रहा है.
सवालों के माध्यम से किया जायेगा जागरूक
पटना नगर निगम कर्मियों द्वारा छिड़काव के बाद पंजी में एक निर्धारित डेंगू जागरूकता प्रपत्र जिसमें कई सवाल होंगे. इसे भरवा कर घर के मुखिया या सदस्य का हस्ताक्षर एवं मोबाइल नंबर भी प्राप्त किया जा रहा है. इसमें जनजागरूकता संबंधित सवालों को शामिल किया गया है.
डेंगू, चिकनगुनिया व मलेरिया के लक्षण
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डेंगू एक वायरल इंफेक्शन जो वायरस की वजह से होता है. डेंगू के मच्छर दिन के वक्त ज्यादा काटते हैं. डेंगू होने पर तेज बुखार, फ्लू , ब्लीडिंग और ब्लड प्रेशर कम होना जैसे लक्षण हो सकते है. डेंगू बुखार होने पर ब्लड में प्लेटलेट्स की काफी तेजी से कमी होती है.
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मलेरिया भी डेंगू की तरह ही मच्छर जनित एक खतरनाक बीमारी है. परजीवी संक्रमित मच्छरों के काटने से यह बीमारी फैलती है. मलेरिया होने पर तेज बुखार और कंपकंपी देकर ठंड लगती है. मलेरिया के कारण सांस लेने में परेशानी होती है. साथ ही किडनी-लिवर को भी नुकसान हो सकता है.
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चिकनगुनिया भी मच्छरों से होने वाली एक बीमारी है. जो वायरस की वजह से होती है. चिकनगुनिया के लक्षण बुखार और त्वचा पर दाने-चकत्ते निकलना होता है. इसके साथ ही जोड़ों का दर्द, सिरदर्द, जी मिचलाने-उल्टी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं.
ऐसे बचे मच्छर जनित बीमारियों से
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मच्छरों से बचने के लिए घर के दरवाजों और खिड़कियों में लोहे की जाली लगवाएं.
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कोशिश करें कि फुल पैंट और फुल स्लीव वाले कपड़े पहनें ताकि आपका शरीर पूरी तरह ढका रहे और मच्छर न काट सकें.
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दिर भर में पर्याप्त पानी पीने के अलावा नारियल पानी, जूस आदि भी पीते रहें.
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खिड़ी व दरवाजे के आसपास मच्छर मारने वाले स्प्रे जरूर डालें. इसके अलावा आप मच्छरों वाली रिफिल का भी इस्तेमाल करें.
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घर के आसपास हमेशा सफाई रखें और पानी न जमा होने दें.
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मच्छरदानी का उपयोग करें, मच्छर भागने वाले कॉइल के उपयोग से बचें.