बिहार में डेंगू का प्रकोप, आरा में एक की मौत, राज्य में संक्रमितों की संख्या 3500 के करीब पहुंची
बिहार में डेंगू संक्रमितों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रहे हैं. अब तो राज्य के कई हिस्सों में डेंगू से पीड़ित मरीज की मौत होने लगी है. आरा में शुक्रवार को डेंगू से संक्रमित एक महिला की मौत हो गई.
बिहार में डेंगू का कहर जारी है. पटना व भागलपुर के अलावा डेंगू ने प्रदेश के कई हिस्सों में अपना पांव पसार लिया है. भोजपुर जिले में भी डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. खास कर सदर अस्पताल के ओपीडी और इमरजेंसी वार्ड में डेंगू के लक्षण वाले मरीज ज्यादा आ रहे है. जिले के लगभग 26 लोग इस बीमारी की चपेट में अब तक आ चुके हैं. हालांकि सदर अस्पताल में इस बीमारी से संबंधित 21 मरीजों को भर्ती कर इलाज किया गया, जिसमें से नौ मरीजों के स्वस्थ होने के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया. वहीं, एक महिला मरीज की गंभीर स्थिति की देखते हुए उसे पटना रेफर किया गया था, जहां उसकी मौत हो गई. महिला शहर के टाउन थाना क्षेत्र के कबीरगंज वार्ड नंबर 30 के निवासी अमित कुमार की 23 वर्षीय पत्नी रजनी कुमारी थी.
पटना से आरा जाने के दौरान रास्ते में तोड़ा दम
बताया जा रहा है कि रजनी कुमारी को डेंगू हुआ था. जिसकी वजह से परिजनों ने आरा सदर अस्पताल के डेंगू वार्ड में उसे भर्ती कराया था. जहां से बेहतर इलाज के लिए मंगलवार की रात महिला के परिजन उसे पटना लेकर गए. लेकिन वहां भी महिला की स्थिति में सुधार नहीं हुई तो महिला को उसके परिजन वापस आरा सदर अस्पताल ले कर जा रहे थे, इस दौरान रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया. जिसके बाद परिजनों ने आरा सदर अस्पताल की लचर व्यवस्था पर सवाल उठाना शुरू कर दिया.
मृतका के पति ने डॉक्टर पर लगाया आरोप
मृतक महिला रजनी कुमारी के पति अमित कुमार ने बताया कि बारह दिन पहले रजनी कुमारी ने एक बच्चे को जन्म दिया था. उस वक्त भी डेंगू के लक्षण दिखाई दे रहे थे. इसके बाद जब जांच हुई तो उसमें डेंगू पाया गया था.जिसके बाद आरा सदर अस्पताल के डेंगू वार्ड में उसे भर्ती कराया गया था. अमित कुमार ने डॉक्टर पर आरोप लगाते हुए कहा कि डॉक्टर समय पर मरीज की जांच करने नहीं आते थे, केवल पानी चढ़ाया जाता था. इसी कारण से मेरी पत्नी की हालत में सुधार नहीं हुआ. इसके बाद में हम लोग रजनी को पटना के पीएमसीएच ले गए. लेकिन वहां भी उसकी स्थिति जस की तास बनी रही. जिसके बाद हमलोग दोबारा सदर अस्पताल ले आए. जहां डॉक्टर ने जांच कर मृत घोषित कर दिया.
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राज्य में 3500 के करीब पहुंची डेंगू संक्रमितों की संख्या
इधर, पूरे राज्य में गुरुवार को 363 नए डेंगू के मरीज पाये गये. पटना जिले में सर्वाधिक 109 मरीजों के अलावा भागलपुर में 47, वैशाली में 25, औरंगाबाद में 23 और सारण में पांच नये डेंगू मरीज पाये गये. नये मरीजों के मिलने के बाद राज्य में इस वर्ष डेंगू मरीजों की संख्या 3462 हो गयी है. इनमें सिर्फ सितंबर में 3187 डेंगू मरीज शामिल हैं. स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार डेंगू से पीड़ित 283 मरीज विभिन्न अस्पतालों में भर्ती है. इनमें सर्वाधिक 132 मरीज जेएलएनएमसीएच भागलपुर में भर्ती हैं. इसके अलावा एनएमसीएच गया में 26, विम्स पावापुरी में 25, एम्स पटना में 18, आइजीआइएमएस व पीएमसीएच में 16 – 16, एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर में 14, एनएमसीएच व जीएमसी पूर्णिया में 10 – 10, डीएमसीएच दरभंगा में आठ और जीएमसी बेतिया व जेएनकेटीएमसीएच मधेपुरा में चार-चार मरीज भर्ती हैं.
25 से 35 उम्र वाले डेंगू से हो रहे सबसे अधिक पीड़ित
पटना में 25 से 35 उम्र वर्ग के युवा सबसे अधिक डेंगू पीड़ित हो रहे हैं. इसका मुख्य कारण ऐसे युवाओं के बीमारी के बाद भी गतिमान रहना माना गया है. पटना जिले में अब तक एक हजार से अधिक डेंगू के मरीज मिल चुके हैं, जिनमें सबसे अधिक शहरी क्षेत्र के हैं. पीड़ितों में पुरुषों की संख्या महिलाओं से दोगुनी है. प्रशासनिक आंकड़ों की मानें, तो पटना जिले में 25 से 35 वर्ग के 387 पीड़ित हैं. इनमें 11 से 25 उम्र वर्ग के 168, 35 से 45 उम्र वर्ग के पीड़ितों की संख्या 158 है. 45 से 55 उम्र वर्ग के पीड़िताें की संख्या 118 है. इसके बाद 10 साल से नीचे और 55 से 72 उम्र के बुजुर्ग पीड़ित मिले हैं.
आरा से दीनानाथ मिश्रा की रिपोर्ट