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डेंगू के मरीजों को नहीं मिल रहा प्लेटलेट्स, पटना के अधिकतर ब्लड बैंकों में स्टॉक खत्म

राजधानी के सरकारी अस्पतालों के ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स की कमी हो गई है. प्रभात खबर को पड़ताल में पता चला कि शहर के जयप्रभा व एनएमसीएच के ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स नहीं है. जबकि पीएमसीएच 47 यूनिट यानी तीन दिन का ही स्टॉक बचा हुआ है. इसी तरह आइजीआइएमएस 36 यूनिट जो पांच दिन चलेगा.

रिपोर्ट: आनंद तिवारी

पटना. राजधानी में अब तक करीब 120 लोग डेंगू संक्रमित हो चुके हैं. अभी 13 संक्रमित शहर के पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एनएमसीएच व निजी अस्पतालों के डेंगू वार्ड में चल रहा है. लेकिन चिंता की बात यह है कि राजधानी के सरकारी अस्पतालों के ब्लड बैंकों में प्लेटलेट्स की कमी हो गई है. प्रभात खबर को पड़ताल में पता चला कि शहर के जयप्रभा व एनएमसीएच के ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स नहीं है. जबकि पीएमसीएच 47 यूनिट यानी तीन दिन का ही स्टॉक बचा हुआ है. इसी तरह आइजीआइएमएस 36 यूनिट जो पांच दिन चलेगा. इसी क्रम में एम्स अस्पताल में भी कुल चार दिन का ही स्टॉक बचा हुआ है. लेकिन इन अस्पतालों में भी समय पर मरीजों को प्लेटलेट्स उपलब्ध हो जायेंगे, इसकी गारंटी नहीं है.

मरीज बढ़ेंगे तो और स्थिति हो सकती है गंभीर

जानकारों की माने तो इनदिनों मरीजों की संख्या की तुलना में भर्ती मरीजों संख्या कम है. इनमें भी अब तक आधे दर्जन ही डेंगू मरीजों को प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ी है. वहीं अगर मरीजों की संख्या बढ़ती है और ब्लड बैंकों की यही स्थिति रहेगी तो आने वाले दिनों में परेशानी बढ़ सकती है. प्लेटलेट्स के अभाव में हर साल डेंगू के गंभीर संक्रमितों की मौत हो जाती है. विशेषज्ञों के मुताबिक शहर में डोनर की संख्या में आई कमी के कारण प्लेटलेट्स की पूर्ति नहीं हो पा रही है.

बिना डोनर नहीं मिलता प्लेटलेट्स, पोर्टल पर अपडेट भी नहीं

शहर के रेड क्रॉस, पीएमसीएच, आइजीआइएमएस समेत सभी सरकारी ब्लड बैंक बिना डोनर मरीज को प्लेटलेट्स नहीं दे रहे हैं. इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं. जबकि सरकारी अस्पताल में भर्ती मरीज को बिना डोनर भी प्लेटलेट्स देने का प्रावधान है. वहीं सूत्रों की माने तो कई बार प्लेटलेट्स एक्सपायर भी हो जाते हैं. क्योंकि प्लेटलेट्स की अवधि सिर्फ पांच दिन तक ही रहती है. वहीं दूसरी ओर जिले में संचालित कुल 22 सरकारी व प्राइवेट ब्लड बैंकों की ओर से अभी तक ई-रक्त कोष पोर्टल पर उपलब्ध प्लेटलेट्स की जानकारी ऑनलाइन नहीं दी जा रही है. जबकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा ई-रक्तकोष पोर्टल पर ब्लड से लेकर प्लेटलेट्स की जानकारी ऑनलाइन जानकारी देने के निर्देश दिए हुए हैं.

डेंगू बुखार होने पर तेजी से घटने लगते है प्लेटलेट्स

गार्डिनर रोड अस्पताल के अधीक्षक डॉ मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि डेंगू बुखार होने के बाद मरीज के शरीर में तेजी से प्लेटलेट्स की संख्या घटने लगती है. उन्होंने बताया कि इन्फेक्टेड ब्लड होने के कारण प्लेटलेट्स भी इन्फेक्टेड होने लगती हैं. यही इन्फेक्टेड प्लेटलेट्स हेल्दी प्लेटलेट्स को तेजी से खत्म करना शुरू कर देती हैं. डॉक्टर इलाज के दौरान हेल्दी प्लेटलेट्स की संख्या ही बढाते हैं. प्लेटलेट्स की संख्या 1.5 लाख से 4.5 लाख के बीच होनी चाहिए. इससे कम या अधिक होने पर मरीज की स्थिति गंभीर हो सकती है.

डेंगू बुखार के क्या हैं लक्षण

तेज बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द, भूख की कमी, उलटी, डायरिया, आंखों में दर्द, थकान, सुस्ती, घुटने का दर्द, शरीर में लाल धब्बे, नाक से खून ये सब डेंगू के लक्षण हैं. इन लक्षणों के दिखाई देने पर फौरन डॉक्टर के पास जाएं और प्लेटलेट्स काउंट चेक कराएं. डेंगू के लक्षण आम तौर पर संक्रमण के चार से छह दिनों बाद शुरू होकर 10 दिनों तक रह सकते हैं. ध्यान रहे कि डॉक्टर की सलाह के बिना दवाइयों का सेवन बिल्कुल न करें.

इनका कहना है

सिविल सर्जन डॉ श्रवण कुमार का कहना है कि डेंगू के बढ़ते मामले को देखते हुए सभी अस्पतालों व ब्लड बैंको को ब्लड व प्लेटलेट्स का स्टॉक रखने के निर्देश दिये गये हैं. सरकारी अस्पतालों में बिना डोनर भी प्लेटलेट्स देने का प्रावधान है. साथ ही खून व मरीजों का आंकड़ा रोजाना पोर्टल पर देना है. अगर ऐसा नहीं कर रहे हैं तो यह गलत है. वहीं हमारी मरीजों के परिजनों से यही मांग रहती है कि वे अपने साथ किसी एक डोनर को जरुर लाएं.

प्लेटलेट्स की व्यवस्था व जांच का किट तैयार रखें : प्रत्यय अमृत

पटना. पटना के जिलाधिकारी के डेंगू पीड़ित होने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बुधवार को राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों, सिविल सर्जनों, एम्स, पटना, आइजीआइएमएस और आरएमआरआइ के निदेशकों के साथ डेंगू की समीक्षा की. राज्य में डेंगू के मरीजों की संख्या में अगस्त से अधिक वृद्धि इस माह में दर्ज की गयी है. इसको लेकर अपर मुख्य सचिव ने सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों को 25-25 बेड के अलावा, पर्याप्त मात्रा में दवा और गंभीर मरीजों के लिए प्लेटलेट्स उपलब्ध रखने का निर्देश दिया.

नगर निकायों में सघन छिड़काव कराने का निर्देश

उन्होंने सभी नगर निकायों में सघन छिड़काव कराने का निर्देश दिया. इसके साथ ही सभी सिविल सर्जनों को प्रभावित क्षेत्रों में फॉगिंग करने का निर्देश दिया. साथ ही उनको निर्देश दिया गया कि जिस जिले में फॉगिंग मशीन नहीं है उसे अविलंब मांग करें.साथ ही जिलों को डेंगू का किट उपलब्ध रखने और अधिक संख्या में जांच करने का निर्देश दिया गया. जिला अस्पतालों को कम से कम पांच-पांच बेड डेंगू मरीजों के लिए सुरक्षित रखने का निर्देश दिया. साथ ही अस्पतालों में ऐसे मरीजों के लिए मच्छरदानी भी लगाने का निर्देश दिया गया. यह भी निर्देश दिया गया कि अब डेंगू मामलों की प्रति दिन मुख्यालय स्तर पर मॉनिटरिंग की जायेगी.

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