मेडिकल काउंसेलिंग: डेंगू मरीज के शरीर में न हो पानी की कमी, बुखार होने पर लें सिर्फ ये दवा..
पेट दर्द, उल्टी, शरीर में लाल चकत्ते निकले, ब्लड प्रेशर कम होने लगे, शौच काला हो, मसूढ़ों या अन्य अंगों से ब्लीडिंग जैसे लक्षण मिले या प्लेटलेट्स 50 हजार के नीचे जाने लगे या हेमोक्राइट बढ़ने लगे, तो अस्पताल में भर्ती हो जाना चाहिए
डेंगू मरीज के शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए. पानी या तरल पदार्थ का अधिक सेवन करना चाहिए. आराम करना चाहिए. घर के दूसरे सदस्य पीड़ित न हों, इसलिए खुद मच्छरदानी के अंदर रहें. बुखार होने पर सिर्फ पारासिटामोल लें. डेंगू में एंटीबायोटिक का कोई रोल नहीं है. यह कहना है कदमकुआं स्थित राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट (आरएमआरआइ) के निदेशक डॉ कृष्णा पांडे का. रविवार को प्रभात खबर की ओर से मेडिकल काउंसेलिंग का आयोजन किया गया. इसमें उन्होंने डेंगू बीमारी से बचाव व इलाज के बारे में जानकारी साझा की.
प्लेटलेट्स 50 हजार से नीचे जाने लगे व परेशानी हो, तो भर्ती हों
डॉ कृष्णा पांडे ने कहा कि यदि पेट दर्द, उल्टी, शरीर में लाल चकत्ते निकले, ब्लड प्रेशर कम होने लगे, शौच काला हो, मसूढ़ों या अन्य अंगों से ब्लीडिंग जैसे लक्षण मिले या प्लेटलेट्स 50 हजार के नीचे जाने लगे या हेमोक्राइट बढ़ने लगे, तो अस्पताल में भर्ती हो जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बकरी का दूध और पपीते के पत्ते का जूस पीने से प्लेटलेट्स बढ़ता है, इसका मेडिकल साइंस में कोई प्रूफ नहीं है. वहीं पहले से अन्य बीमारियों जैसे किडनी, शुगर, लो बीपी पीड़ित व्यक्ति यदि डेंगू से पीड़ित होते हैं, तो उन्हें अस्पताल में भर्ती हो जाना चाहिए. इन दिनों पटना समेत प्रदेश में डेंगू के स्ट्रेन 2 वायरस अधिक देखने को मिल रहा है. बीते 20 साल में डेंगू काफी तेजी बढ़ने वाला वायरल बीमारी हो गयी है.
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सभी सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क हो रही डेंगू की जांच
डॉ पांडे ने कहा कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के अलावा अनुमंडलीय अस्पताल, पीएचसी आदि सरकारी अस्पतालों में सीबीसी, एनआइसी आदि तकनीक से डेंगू की जांच नि:शुल्क की जा रही है. ऐसे में लक्षण दिखते ही तुरंत अपने नजदीकी सरकारी अस्पताल पहुंच कर जांच करा लेना चाहिए.
ये हैं डेंगू के गंभीर लक्षण
– मसूड़ों में सूजन
– पेट में तेज दर्द
-उल्टी
– नाक व पैखाने में खून आना
– मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द
– बीपी का कम होना
– चमकी आना सामान्य लक्षण
– बुखार
– सिर दर्द
– बदन दर्द
– आंखों के पीछे दर्द
– त्वचा पर लाल चकत्ते होना
डेंगू से बचाव
– जितना हो सके मच्छरों से बचें
– घर में या घर के आस-पास पानी जमा नहीं होने दें
– घर के अंदर भी मच्छर भगाने वाली दवाओं का प्रयोग करें
– रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग जरूर करें
– पूरे और आरामदायक कपड़े (जिनमें अधिकतम शरीर ढका रहे) पहनें
– घरों में खिड़की-दरवाजों पर लगी जालियां बंद रखें
किसी को बुखार तो किसी को प्लेटलेट्स कम होने की थी आशंका
सवाल : मेरा बेटा 16 साल का है. तीन-चार दिन बुखार से पीड़ित था. जांच कराने पर डेंगू निकला. अब बुखार नहीं आ रहा है. पर शरीर पर दाने निकल रहे हैं और खुजली की भी शिकायत है. मयंक कुमार, पटना.
जवाब : बुखार खत्म होने के 24 से 48 घंटे के बाद प्लेटलेट्स कम होने की आशंका रहती है. इसलिए प्लेटलेट्स की जांच करा लें.
सवाल : एक सप्ताह से फीवर और दस्त की शिकायत थी. बुखार तो नहीं है, पर दस्त की शिकायत अब भी है. विजय कुमार, पूर्णिया
जवाब : फ्लू, डेंगू और टायफाइड की जांच करा लें. फिलहाल ओआरएस लें. खिचड़ी खाएं. टायफाइड होने पर एंटीबायोटिक लेने की जरूरत होगी.
सवाल : मेरी उम्र 19 साल है. मुझे तीन दिनों से बुखार, खांसी, जुकाम की शिकायत है. दवाएं ली हैं, फिर भी आराम नहीं है, क्या करें. राखी, भोजपुर
जवाब: आप मौसमी बीमारी के शिकार हैं. परिवार के अन्य लोगों से अलग-थलग रहें. शरीर में पानी की कमी न आने दें और तरल पदार्थों का सेवन करें. बुखार के लिए पैरासिटामोल का उपयोग कर सकते हैं और जांच कराएं व नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर दिखा लें.
सवाल : दो दिनों से बुखार था. जांच कराने पर डेंगू निकला है. क्या बकरी का दूध या पपीता के पत्ते का जूस ले सकते हैं?- गोपाल जी सम्राट, बक्सर
जवाब : तरल पदार्थ जैसे नारियल पानी, ताजा फल का जूस, इलेक्ट्रॉल पाउडर लें. बकरी का दूध और पपीता के पत्ते का जूस पीने से प्लेटलेट्स बढ़ता है, इसका मेडिकल साइंस में कोई प्रमाण नहीं है. मच्छरदानी में रहें. पेट दर्द, उल्टी, मसूड़ों से ब्लीडिंग हो, तो अस्पताल में भर्ती हो जाएं.
सवाल : मां की उम्र 60 साल है और बुखार से पीड़ित हैं.- रमेश सिंह, गोपालगंज
जवाब : डेंगू और सीबीसी जांच करा लें. बुखार की दवा लें और खूब पानी पीने को कहें.