Dengue in Bihar: पटना में डेंगू का बढ़ा दायरा, डॉक्टर से जानें कैसे करें अपना बचाव

पटना में डेंगू काफी तेजी से फैल रहा है. प्रतिदिन करीब 406 से ज्यादा मरीज इससे पीड़ित हो रहे हैं. पीएमसीएच व एनएमसीएच में डेंगू वार्ड में अब बेड पूरी तरह से फुल हो गई हैं. प्राइवेट अस्पतालों का भी कुछ ऐसा ही हाल है.यहां भी अब बेड फुल होने लगे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 15, 2022 6:53 AM

पटना में लगातार डेंगू के डंग से पीड़ितों की संख्या बढ़ती जा रही है. राजधानी तो इसका हॉटस्पॉट बन गया हैं. प्रतिदिन करीब 406 से ज्यादा मरीज इससे पीड़ित हो रहे हैं. कई ऐसे परिवार हैं जिसके सभी सदस्य डेंगू से पीड़ित हैं. PMCH और NMCH में डेंगू वार्ड में अब बेड पूरी तरह से फुल हो गई हैं. प्राइवेट अस्पतालों का भी कुछ ऐसा ही हाल है. यहां भी अब बेड फुल होने लगे हैं. बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव गुरूवार की रात में एनएमसीएच का औचक निरीक्षण कर डॉक्टरों को डेंगू के डंक पर ब्रेक लगाने के लिए आवस्यक निर्देश भी दिए. बावजूद इसके डेंगू का दायरा बढ़ता ही जा रहा है. प्रभात खबर ने इसके बढ़ते दायरे पर ब्रेक लगाने के लिए एनएमसीएच में मेडिसीन विभाग की डॉ अतुलिका प्रकाश से बात की. पढ़िए कैसे हम डेंगू के डंक से हम बच सकते हैं…

परेशान नहीं हो, सावधानी बरतें

डॉ अतुलिका प्रकाश का कहना है कि बरसात के मौसम में लगभग हर वर्ष डेंगू का संक्रमण फैलता है. इससे परेशान होने की जरूरत नहीं है. बल्कि सावधानी और जागरूकता रखा जाए तो इससे हम आसानी से लड़ सकते हैं. इसके लिए हम अगर थोड़ी सावधानी बरतें तो डेंगू के डंक से बच सकते हैं. डेंगू से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि हम अपने घर या आस-पड़ोस में पानी जमा नहीं होने दें. क्योंकि साफ जमा पानी में ही डेंगू के मच्छर पनपते हैं. एडीज मच्छर खुले और साफ पानी में लगभग 16 डिग्री सेल्सियस के आसपास तापमान में अंडे देते हैं. इसके साथ ही डेंगू के मच्छर लिफ्ट और दूसरे साधनों से किसी भी ऊंचाई तक पहुंच सकते हैं और वहां अंडे देकर बीमारी को फैला सकते हैं. इसके साथ ही, ऐसे कपड़े पहने जिसमें शरीर पूरी तरह से ढका हुआ हो.

हर बुखार डेंगू नहीं होता

डॉ अतुलिका के अनुसार हर बुखार डेंगू नहीं होता. बुखार होने पर पैरासिटामोल लें अगर बुखार कम न हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें. हालांकि ये बुखार वायरल भी हो सकता है. डेंगू और वायरल बुखार दोनों बेहद अलग तरह की बीमारियां हैं. वायरल बुखार तीन से पांच दिनों तक रहता है, जिसमें ठंड लगना और शरीर में दर्द रहता है. ये बुखार जितनी जल्दी चढ़ता है, उतनी ही जल्दी उतर भी जाता है. डेंगू में बुखार काफी तेज होता है, मांसपेशियों और हड्डियों में बहुत दर्द होती है. यह बुखार कम से कम सात दिनों तक रहता है. इसमें उल्टी-दस्त और शरीर पर लाल चक्कते (रैशेज) हो जाते हैं.

डेंगू होने पर क्या करें और क्या नहीं करें

डॉ अतुलिका के अनुसार डेंगू होने पर ज्यादा से ज्यादा पानी और तरल पदार्थ खानें में लें. सादा खाना खाएं. चिकित्सक की सलाह के बिना दवा न लें. तेज बुखार, उल्टी, नाक-हुंह से खून निकलने या काले रंग का मल होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. वैसे मरीजों से ज्यादा सावधानी रखने की जरूरत हैं जिनकों पहले भी डेंगू हो चुका है. डेंगू में पपीते का पत्ता और बकरी का दूध नहीं सेवन करना चाहिए.

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