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पटना में डेंगू मरीजों का आकड़ा पहुंचा 1723, दो वैरिएंट छोड़ रहे खतरनाक प्रभाव, जानें लक्षण व बचाव के उपाय

Bihar News: बिहार में डेंगू मरीजों का आकड़ा तेजी से बढ़ रहा है. राजधानी पटना में मरीजों का आकड़ा 1723 हो चुका है. वहीं, बिहार में मरीजों का आकड़ा पांच हजार के पार जा चुका है. इस कारण लोगों की चिंता बढ़ चुकी है.

Bihar News: बिहार में डेंगू मरीजों का आकड़ा तेजी से बढ़ता हुआ दिख रहा है. राजधानी पटना में मरीजों का आकड़ा 1723 पहुंच चुका है. वहीं, बिहार में मरीजों का आकड़ा पांच हजार के पार जा चुका है. इस कारण लोगों की चिंता बढ़ चुकी है. लोग बढ़ते आकड़ों को लेकर परेशान है. दो वैरिएंट ऐसे है जो मरीज पर खतरनाक प्रभाव छोड़ रहे हैं. इसके लक्षण भी अलग- अलग है. डेंगू का डंक पटना जिले में लगातार जारी है. जिले में गुरुवार को डेंगू के 102 नये मरीज मिले. इसके साथ जिले में मरीजों की संख्या 1723 तक पहुंच गयी है. वहीं, 24 घंटे में 12 नये मरीजों को पीएमसीएच, आइजीआइएमएस व एनएमसीएच के डेंगू वार्ड में भर्ती किया गया है, जबकि आठ मरीजों को डिस्चार्ज किया गया. वर्तमान में शहर के अलग-अलग सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 87 डेंगू मरीज भर्ती हैं.

इन इलाकों में मिले सबसे अधिक मरीज

इन दिनों सबसे अधिक पाटलिपुत्र व बांकीपुर अंचल में डेंगू के मरीज मिल रहे हैं. अब तक इन दोनों इलाकों से एक तिहाई मरीज मिल चुके हैं. जिला वेक्टर बोर्न डिजीज नियंत्रण पदाधिकारी डॉ सुभाष चंद्र प्रसाद ने बताया कि गुरुवार को बांकीपुर, पाटलिपुत्र, कंकड़बाग, पटना सिटी, दानापुर, सब्जीबाग, मखनिया कुआं, दरभंगा हाउस काली मंदिर व मंदिरी से पांच से 10 नये मरीज मिले. राज्य में डेंगू के 284 नये मरीज मिले है. भर्ती मरीजों का आंकड़ा 300 के पार जा चुका है.

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पिछले 24 घंटे में मिले डेंगू के 284 नये मरीज

राज्य में पिछले 24 घंटे में डेंगू के 284 नये मरीज पाये गये. इनमें पटना के बाद सारण में 26 और मुंगेर में 21, पूर्वी चंपारण में 14 और मुजफ्फरपुर में 11 नये डेंगू मरीजों की पहचान की गयी. अस्पतालों में भर्ती डेंगू मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 302 तक पहुंच गया है. स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार सितंबर महीने में राज्य में डेंगू के 5334 मरीज पाये गये हैं. इस वर्ष अब तक डेंगू के 5609 मामले पाये गये हैं. इसके बाद एनएमसीएच के डेंगू वार्ड में बेड बढ़ाये गये है. एनएमसीएच के मेडिसिन विभाग में बने डेंगू वार्ड में 18 डेंगू मरीज भर्ती हैं. अधीक्षक डॉ राजीव रंजन और उपाधीक्षक डॉ सरोज कुमार ने बताया कि मेडिसिन में पांच बेड बढ़ा कर 25 और शिशु रोग विभाग में 10 बेड आरक्षित हैं. माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ संजय कुमार ने बताया कि डेंगू मरीजों के लगभग चार दर्जन से अधिक सैंपल हर दिन जांच के लिए आ रहे हैं.

मुजफ्फरपुर में डेंगू के छह नये मरीज की पुष्टी

मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में हुई जांच में डेंगू के छह नये मरीज मिले हैं. इनमें अहियापुर के तीन, शाहबाजपुर के दो और मुशहरी का एक मरीज शामिल है. जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़कर 120 हो गयी है. जिले में डेंगू का पहला मरीज 6 जून को मिला था. इसके बाद 11 अगस्त से रोज दो से दस की संख्या में नये मरीज मिल रहे हैं. जिला वेक्टर बाॅर्न डिजीज कंट्रोल पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार ने कहा कि जिले में डेंगू फैलने के बाद से गांव से लेकर शहर तक मच्छरों के लार्वा को मारने वाली दवा का छिड़काव किया जा रहा है. नालों में दवा छिड़का जा रहा है. साथ ही जिन इलाकों में डेंगू के मरीज मिले हैं, वहां विशेष रूप से अभियान चला कर दवा का छिड़काव किया जा रहा है. इस बीमारी से बचाव के लिए लोगों को सजग रहना होगा. अपने घर के आसपास सफाई रखें और छत या परिसर में पानी जमा नहीं रहने दें तो डेंगू से बचाव होगा. डेंगू के मच्छर दिन में ही काटते हैं, इसलिए सतर्क रहना जरूरी है.

स्वास्थ्य विभाग डेंगू से बचाव के लिए शहर में लगातार प्रचार कर रहा है. इससे बीमारी से बचाव की जानकारी दी जा रही है. शहर के अलावा गली-मुहल्ले में रिक्शा व ऑटो रिक्शा से घूम-घूम कर लोगों को बताया जा रहा है कि बीमारी से बचाव के लिए उन्हें क्या सावधानी बरतनी चाहिए. इसके अलावा नगर निगम की कचरा गाड़ी से एइएस बीमारी से बचाव की भी जानकारी दी जा रही है. पीएचसी स्तर पर बुखार वाले मरीजों को डेंगू जांच के लिए एसकेएमसीएच या सदर अस्पताल रेफर किया जा रहा है.

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मरीजों में पाए गए अलग- अलग लक्षण

बता दें कि डेंगू के भर्ती मरीजों में डीईएनवी एक और चार वैंरिएंट मिले है. इनमें अलग- अलग लक्षण पाए जा रहे हैं. डीईएनवी एक में बुखार, सर्दी व खांसी, अपेक्षाकृत कम खतरनाक है. डीईएनवी दो में बुखार के साथ ही प्लेटलेट्स भी गिर जाता है. नाक, मसूड़ों आदि से खून आता है. डीईएनवी तीन में बुखार और प्लेटलेट्स में हल्की कमी आएगी. डीईएनवी चार का तेजी से फैलाव होता है. इसमें लोगों का बुखार जल्दी कम नहीं होता है. दवा खाने के बाद भी बुखार बना रहता है. जबकि, प्लेटलेट्स में कमी नहीं आती है. यह कम घातक है.

डेंगू से बचाव के उपाय

डेंगू से बचाव के लिए सावधानी बरतना जरुरी है. घर के आसपास या घर के अंदर भी पानी जमा नहीं होने देना है. गमलों, कूलर, टायर में पानी भर जाए, तो इसे तुरंत निकाल लें. साफ- सफाई बेहद जरुरी है. पानी की टंकियों को खुला नहीं छोड़े. इन दिनों फुल स्लीव और पैरों को ज्यादा से ज्यादा ढकने वाले कपड़े ही पहनें.

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