बिहार के घनी आबादी वाले शहरों में इस बार पड़ेगी भीषण गर्मी, अप्रैल-मई में ही शुरू होगा लू का प्रकोप

आइएमडी विशेषज्ञों का कहना है कि धरातल की उष्मा निकलने की समुचित जगह नहीं मिलने की वजह से गर्मी शहरी परिवेश में ही सिमट जायेगी. इसकी वजह से पटना, गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और भागलपुर हीट आइलैंड में तब्दील हो जायेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 16, 2023 1:25 AM
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पटना. बिहार में अप्रैल-मई में जबरदस्त लू चलेगी. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग का पूर्वानुमान है कि अप्रैल व मई में रिकाॅर्ड तापमान रह सकता है. कई इलाकों में उच्चतम तापमान 47 डिग्री तक भी पहुंच सकता है. इसको लेकर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने राज्य सरकार को सतर्क किया है. इसे देखते हुए मंगलवार को केंद्र सरकार ने राज्यों के साथ एक उच्च स्तरीय विमर्श किया है. इस पर राज्य सरकार हीट एक्शन प्लान बनाने की तैयारी कर रही है. आइएमडी के अलर्ट पर बीते रोज प्रदेश स्तर पर एक उच्चस्तरीय बैठक हुई. इसमें जिला पदाधिकारियों से कहा गया कि वह अपने-अपने क्षेत्र में लू से बचाव के जरूरी इंतजाम करें.

दक्षिण-पश्चिमी बिहार सर्वाधिक प्रभावित

आइएमडी पटना के पूर्वानुमान के मुताबिक लू से सर्वाधिक प्रभावित इलाका दक्षिण-पश्चिमी बिहार रहेगा. इससे भभुआ, रोहतास ,बक्सर और गया में दिन का तापमान 45-47 डिग्री सेल्सियस के बीच तक पहुंच सकता है. पटना, भोजपुर और जहानाबाद, सीवान, गोपालगंज, छपरा और पश्चिमी चंपारण भी अच्छी-खासी हीट वेव चलने का अलर्ट जारी किया गया है.

आइएमडी के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक उत्तरी बिहार के जिले किशनगंज, अररिया, सुपौल और मधुबनी में हीट वेव का प्रभाव न के बराबर ही रहेगा. हालांकि पूरे प्रदेश में उच्चतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से ऊपर ही रहेगा. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक 2022 में प्रदेश में सर्वाधिक उच्चतम तापमान 45.8 डिग्री सेल्सियस रहा था.

खूब तपेंगे बिहार की घनी आबादी वाले शहर

लू के साथ-साथ पूरे प्रदेश में दिन और रात का तापमान सामान्य से ऊपर रहने के पूर्वानुमान के बीच आइएमडी विशेषज्ञों का कहना है कि धरातल की उष्मा निकलने की समुचित जगह नहीं मिलने की वजह से गर्मी शहरी परिवेश में ही सिमट जायेगी. इसकी वजह से पटना, गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और भागलपुर हीट आइलैंड में तब्दील हो जायेगी. हीट आइलैंड की स्थिति में संबंधित शहर में पारा तीन से पांच डिग्री अधिक महसूस किया जाता है.

हीट आइलैंड का निर्माण मूल रूप से कंक्रीट से बने शहरों की इमारतों और घरों के कारण होता है, जिसके कारण उत्सर्जित ऊष्मा या गर्मी आसानी से वायुमंडल में नहीं पहुंच पाती है. दरअसल इन शहरों में हरियाली काफी कम हो गयी है. आइएमडी पटना के निदेशक विवेक सिन्हा ने बताया कि शहरों में हीट आइलैंड की स्थिति निश्चित रूप से बनेगी.

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