बिहार में सीएजी की सख्त आपत्ति के बाद विभाग हुए सक्रिय, एक महीने में 9 हजार करोड़ का यूसी किया गया जमा

राज्य सरकार सभी विभागों में बकाये यूसी (उपयोगिता प्रमाणपत्र) और एसी-डीसी बिल का समायोजन कराने में जुटी हुई है. एजी की रिपोर्ट में भी इसे लेकर सख्त आपत्ति दर्ज करायी गयी है. पिछले महीने में विभागों ने नौ हजार करोड़ का यूसी जमा कराया है, लेकिन अब भी करीब 92 हजार करोड़ का यूसी विभागों में बाकी है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 6, 2021 8:53 AM
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पटना. राज्य सरकार सभी विभागों में बकाये यूसी (उपयोगिता प्रमाणपत्र) और एसी-डीसी बिल का समायोजन कराने में जुटी हुई है. एजी की रिपोर्ट में भी इसे लेकर सख्त आपत्ति दर्ज करायी गयी है. पिछले महीने में विभागों ने नौ हजार करोड़ का यूसी जमा कराया है, लेकिन अब भी करीब 92 हजार करोड़ का यूसी विभागों में बाकी है. विभागों में बड़ी संख्या एसी-डीसी बिल लंबित है.

सभी विभागों के पास करीब 13 हजार 590 करोड़ का बिल बकाया है. इसमें इस एक महीने के दौरान महज 36 करोड़ का ही डीसी बिल जमा किया गया है. इस मामले को लेकर मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण की अध्यक्षता में मुख्य सचिवालय सभागार में सभी विभागों के साथ लंबित पड़े एसी-डीसी बिल एवं यूसी को लेकर गहन समीक्षा की गयी.

इस दौरान मुख्य सचिव ने सभी बकायेदार विभागों पर नाराजगी जताते हुए इसे जल्द जमा कराने को कहा. उन्होंने कहा कि एक महीने में इतना ही जमा हो सका. अगर यही रफ्तार बनी रही, तो काफी समय लगेगा. सभी विभागों को जल्द ही बकाया यूसी एवं एसी-डीसी बिल का समंजन कराने का आदेश दिया है. खासकर एसी-डीसी के लंबित बिल का निबटारा जल्द कराने को कहा है.

एजी की रिपोर्ट में भी दर्ज करायी गयी है आपत्ति

पिछले एक महीने के दौरान यूसी के लंबित मामलों में सबसे ज्यादा पंचायती राज विभाग ने तीन हजार करोड़ रुपये का जमा किया है. इसके अलावा समाज कल्याण विभाग दो हजार करोड़, नगर विकास एवं आवास विभाग ने एक हजार 700 करोड़ रुपये, कृषि ने 500 करोड़ व स्वास्थ्य विभाग ने 250 करोड़ रुपये के अलावा अन्य विभागों ने अपने लंबित यूसी का हिसाब दिया है.

समीक्षा के दौरान डीसी बिल के कम एडजस्टमेंट को लेकर चिंता जतायी गयी और इसका तेजी से निबटारा करने को कहा गया. हालांकि, यह बात भी सामने आयी कि विभागों ने 36 करोड़ रुपये के डीसी बिल को एडजस्ट कर दिया है, जबकि करीब पांच हजार करोड़ का डीसी बिल जमा कर दिया है. इनका मिलान नहीं होने के कारण यह अलग-अलग विभागों में पड़े हैं, जिन्हें एडजस्ट करने का काम किया जा रहा है. एडजस्टमेंट के बाद डीसी बिल जमा करने की राशि में बढ़ोतरी होगी.

Posted by Ashish Jha

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