श्रावणी मेले के 22 दिन बीतने के बाद विभाग को याद आया होटलों का मिलावटी भोजन, भागलपुर में चलाया गया अभियान
श्रावणी मेला (Shravani Mela 2022) को खत्म होने में महज एक सप्ताह का समय शेष बचा है. तब स्वास्थ्य विभाग के फूड सेफ्टी कार्यालय को होटलों में बिकने वाले खाने पीने के सामानों की जांच की याद आयी. इस दौरान मेला क्षेत्र के होटल संचालकों ने खाने के सामान में जम कर मिलावट कर मोटा मुनाफा कमाया.
भागलपुर: एक माह तक चलने वाले श्रावणी मेला को अबतक 22 दिन बीत चुके हैं. इस दौरान गंगा जल भर कर 25 लाख से अधिक कांवरिये मेला क्षेत्र से गुजर चुके हैं. कांवरियों ने सुलतानगंज, मुंगेर व बांका जिले में पड़ने वाले कच्ची कांवरिया पथ से सटे सैकड़ों होटलों में बैठ कर भोजन किया. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग ने अस्थायी होटलों व नाश्ते की दुकानों में बिक रहे खाद्य पदार्थ के दूषित होने या मिलावट की जांच नहीं की.
श्रावणी मेला समाप्त होने में महज कुछ दिन बाकी
अब श्रावणी मेला को खत्म होने में महज एक सप्ताह का समय शेष बचा है. तब स्वास्थ्य विभाग के फूड सेफ्टी कार्यालय को होटलों में बिकने वाले खाने पीने के सामानों की जांच की याद आयी. इस दौरान मेला क्षेत्र के होटल संचालकों ने खाने के सामान में जम कर मिलावट कर मोटा मुनाफा कमाया.
पेड़े में मैदा मिला कर बेच रहे कारोबारी
श्रावणी मेला क्षेत्र में गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से खाने पीने के सामान में मिलावट की जानकारी के लिए सर्वे अभियान चलाया गया. इसके लिए भागलपुर से मेला क्षेत्र में चलंत खाद्य प्रयोगशाला वाहन को भेजा गया. फूड सेफ्टी ऑफिसर मो इकबाल व लैब टेक्निशियन विजय कुमार गुप्ता ने सुलतानगंज के दिलगौरी मोड़ के समीप दो मिठाई दुकानों में सैंपल लेकर तत्काल चलंत लैब में इसकी जांच की.
कच्ची कांवरिया पथ पर स्थित होटलों में की गई जांच
वहीं, सीतारामपुर स्थित कच्ची कांवरिया पथ पर स्थित दो होटलों में भी सैंपल लेकर सर्वे किया गया. दुकानदारों को तत्काल जांच रिपोर्ट दी गयी. विभिन्न खाद्य पदार्थों की जांच के लिए 600 रुपये फीस भी ली गयी. फूड सेफ्टी ऑफिसर मो इकबाल ने बताया कि खोआ से बनी मिठाइयों व पेड़े में मैदा व स्टार्च का प्रयोग किया गया था. होटलों में दाल व अन्य सामान में रंग का प्रयोग किया गया था. फिलहाल दुकानदारों व ग्राहकों को जागरूक करने के लिए सर्वे किया जा रहा है. दुकानदारों को बताया गया कि खाने के सामान में किन प्रतिबंधित चीजों काे नहीं मिलाना है
जारी रहेगा जांच अभियान
फूड सेफ्टी ऑफिसर मो इकबाल ने बताया कि सिविल सर्जन डॉ उमेश प्रसाद शर्मा के निर्देश पर यह अभियान शुरू किया गया है. दरअसल चलंत खाद्य प्रयोगशाला वाहन के संचालन के लिए पटना मुख्यालय से जरूरी केमिकल एक दिन पहले भागलपुर कार्यालय को मिला है. इस कारण मेला क्षेत्र में अभियान लेट से शुरू हुआ. दरअसल केमिकल की सहायता से ही चलंत प्रयोगशाला में खाद्य पदार्थ में मिलावट की जांच की जाती है. इस वाहन से भागलपुर, बांका व मुंगेर जिला में अभियान चलता रहेगा.