पटना. रेप के एक मामले में पीड़िता का मेडिकल चार दिन बाद करवाने और जांच के नाम पर खानापूर्ति करने वाले पूर्णिया जिले के धमदाहां के तत्कालीन डीएसपी संजीत कुमार प्रभात पर कार्रवाई की गयी है. मामला टीकापट्टी थाने का था. सोमवार को इस संबंध में गृह विभाग ने आदेश जारी किया.
आदेश में कहा गया है कि वरीय पुलिस अधिकारियों की ओर से की गयी जांच में पाया गया था कि तत्कालीन एसडीपीओ संजीत कुमार प्रभात द्वारा कई मामलों में बगैर घटनास्थल पर गये ही जांच के नाम पर खानापूर्ति करने की बात भी सामने आयी थी. ऐसे में पुलिस पदाधिकारी संजीत कुमार प्रभात पर विभागीय जांच की कार्रवाई शुरू की जाती है.
गृह विभाग ने मुंगेर सदर के तत्कालीन एसडीपीओ रंजन कुमार पर भी विभागीय कार्रवाई शुरू करते हुए तीन वेतनवृद्धियों पर भी रोक लगा दी है. सोमवार को गृह विभाग ने यह आदेश जारी किया.
आदेश में कहा गया है कि मुंगेर के मुफस्सिल थाना क्षेत्र में दो कुख्यात अपराधी कमल किशोर यादव और मनीष यादव ने महुली गांव में गोलीबारी की थी. जांच में पाया गया कि एसडीपीओ ने घटनास्थल से अपराधियों को पकड़ने की कार्रवाई नहीं की.
थानाध्यक्ष को भी पकड़ने से मना कर दिया. इस कारण उसी दिन शाम दोबारा गोरीबारी की घटना हुई. इसके अलावा जमालपुर कांड में आरोपित मनीष मंडल को बगैर साक्ष्य संकलित किये ही निर्दोष करा दिया था.
Posted by Ashish Jha