कोरोना से मृत 195 बैंककर्मियों के आश्रितों को जल्द मिलेगी नौकरी, अब तक चार आश्रितों को मिला नियुक्तिपत्र
कोरोना संक्रमण के कारण सार्वजनिक, निजी और ग्रामीण बैंक के 195 कर्मचारियों और अधिकारियों की मौत हुई है. अब उनके आश्रितों को नौकरी देने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. वहीं, कुछ आश्रितों के दस्तावेज में कुछ त्रुटियां पाये जाने के कारण आवेदन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी है.
पटना. कोरोना संक्रमण के कारण सार्वजनिक, निजी और ग्रामीण बैंक के 195 कर्मचारियों और अधिकारियों की मौत हुई है. अब उनके आश्रितों को नौकरी देने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. वहीं, कुछ आश्रितों के दस्तावेज में कुछ त्रुटियां पाये जाने के कारण आवेदन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी है.
सबसे ज्यादा एसबीआइ के कर्मियों की मौत
मिली जानकारी के अनुसार महामारी के दौरान दूसरे फेज में 950 से अधिक कर्मचारी और अधिकारी कोरोना से संक्रमित हुए थे. इनमें से करीब 195 बैंक कर्मचारी और अधिकारी की मौत इलाज के दौरान हो गयी थी.
सबसे अधिक मौत स्टेट बैंक के अधिकारियों और कर्मचारी की हुई थी. स्टेट बैंक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने बताया कि बैंक प्रबंधन ने कोविड के शिकार हुए कर्मियों की परेशानी को देखते हुए पहले कर्मियों के आश्रितों को मुआवजा का भुगतान किया.
उन्होंने बताया कि आश्रितों की पत्नी या उनके बेटा या बेटी को उनकी योग्यता के अनुसार नौकरी दिया जाने का प्रोसेस शुरू हो चुका है. वहीं अधिकारी के चार आश्रितों को नौकरी भी मिल गयी है. वहीं इन कर्मचारियों और अधिकारियों को बैंक प्रबंधन 20 लाख से 30 लाख रुपये का मुआवजा दे चुका हैं.
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव डीएन त्रिवेदी ने बताया कि कोरोना के कारण बैंको ने अपने 2014 के अनुकंपा आधारित नियुक्ति स्कीम में संशोधन करते हुए कोरोना से स्टाफ की हुई मौत के मामले में उनके आश्रितों को जल्द नौकरी देने का निर्देश दिया है.
इस क्रम में देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 16 मार्च, 2021 को इलेक्ट्रॉनिक परिपत्र जारी कर समस्त प्रशासनिक कार्यालय को अविलंब नियुक्ति करने को कहा है.
किस बैंक ने कितने कर्मियों को खोया
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स्टेट बैंक : 61
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सेंट्रल बैंक : 15
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ग्रामीण बैंक : 17
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बैंक ऑफ इंडिया : 12
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यूनियन बैंक : 5
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केनरा बैंक : 6
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पीएनबी : 12
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इंडियन बैंक : 8
(इसके अलावा अन्य बैंक के कर्मचारी व अधिकारी भी शामिल है. यह आंकड़ा बैंक यूनियन की ओर से मुहैया कराया गया है.)
Posted by Ashish Jha