भूकंप जोन में रहने के बावजूद लापरवाह मुंगेर, बिना नक्शा पास कराये ही शहर में बन रहीं बहुमंजिली इमारतें

मुंगेर भूकंप प्रभावित क्षेत्र है, बावजूद शहर में बहुमंजिली इमारतें बनाने की होड़ लगी है. बिना नक्शा के ही शहर में अट्टालिका खड़ी की जा रही है. शहर के मुख्य बाजार के साथ ही इससे सटे बाजार व मोहल्ले में बिना मानक व नक्शा के भवनों का निर्माण किया जा रहा है, जो आने वाले समय में मुश्किल पैदा कर सकता है.

By Ashish Jha | September 25, 2023 4:11 PM

मुंगेर. मुंगेर भूकंप प्रभावित क्षेत्र है, बावजूद शहर में बहुमंजिली इमारतें बनाने की होड़ लगी है. बिना नक्शा के ही शहर में अट्टालिका खड़ी की जा रही है. शहर के मुख्य बाजार के साथ ही इससे सटे बाजार व मोहल्ले में बिना मानक व नक्शा के भवनों का निर्माण किया जा रहा है, जो आने वाले समय में मुश्किल पैदा कर सकता है. बावजूद इसके न तो मकान बनाने वाले लोग नक्शा पास कराने की जरूरत समझ रहे और न ही निगम प्रशासन ऐसे मामलों में गंभीर है. हालांकि समय-समय पर कुछ लोगों को नोटिस भेज कर अपने कर्तव्य का पालन जरूर किया जा रहा, लेकिन अंतत: सब सेट हो जाता है.

जाति गणना के अनुसार 30 हजार से अधिक होल्डिंगधारियों की संख्या बढ़ी

निगम प्रशासन के अनुसार पिछले पांच वर्षों में शहर के 45 वार्ड में मात्र 470 मकान का नक्शा बनाया गया है. अर्थात पांच वर्षों में निगम क्षेत्र में मात्र 470 लोगों ने ही घर बनाये हैं, जबकि 2011 की जनगणना व 2023 में हुई जाति आधारित गणना के अनुसार 30 हजार से अधिक होल्डिंगधारियों की संख्या शहर में बढ़ी है. पांच वर्षों में पांच हजार से अधिक घरों का निर्माण कराया गया है. इसमें अधिकांश घरों का नक्शा तक पास नहीं है. मिस्त्री व गृहस्वामी खुद इंजीनियर बनकर भूकंप जोन में रहने के बावजूद मानक को ताख पर कर रखकर भवनों का निर्माण करा रहे हैं.

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शहर में बन रहीं बहुमंजिली इमारतें

निगम के अनुसार पिछले पांच वर्ष में नगर निगम ने जो नक्शा पास किया है वह जी एवं जी प्लस वन का है. निगम ने इस पांच वर्ष में वित्तीय वर्ष 2020-21 में एक मात्र व्यक्ति को जी प्लस थ्री का नक्शा पास किया है. लेकिन शहर में सैंकड़ों मकान बना है जो जी प्लस टू व थ्री का है. यानी शहर में जितने भी मकान जी प्लस टू, थ्री व फोर का बना हुआ है वह पूरी तरह से अवैध है. इससे जहां शहर में हाई रिस्क की स्थिति बन गयी है, वहीं दूसरी ओर निगम को भी भारी राजस्व का घाटा हो रहा है. क्योंकि नक्शा पास कराने के लिए एक निर्धारित राशि दी जाती है.

कहते हैं नगर आयुक्त

नगर आयुक्त निखिल धनराज ने बताया कि बिना नक्शा पास कराये भवन और बेसमेंट का निर्माण करना नियम के विरुद्ध है. अंडरग्राउंड भवन और बहुमंजिला भवन के निर्माण की जांच निगम प्रशासन द्वारा कराई गयी है और करायी जा रही है. ऐसे लोगों को नोटिस भेज कर जवाब मांगा गया है. जवाब मिलने के बाद निगम प्रशासन कानूनी कार्रवाई करने के साथ ही जुर्माना भी वसूल करेगी.

धड़ल्ले से शहर में हो रहा बेसमेंट का निर्माण

मुंगेर. शहर में बेसमेंट का धड़ल्ले से निर्माण किया जा रहा है. बेसमेंट निर्माण के लिए नक्शा पास होने की प्रक्रिया काफी जटिल है. भवन उपविधि 2104 के प्रावधान के अनुसार अंडरग्राउंड भवन निर्माण का नक्शा पास करने के लिए जमीन से सटे 12 फीट सड़क का होना जरूरी है. पर्यावरण एवं वन विभाग और फायर ब्रिगेड (अग्निशमन विभाग) का अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना जरूरी है. यही कारण है कि बेसमेंट के लिए नक्शा पास होने की जटिल प्रक्रिया के कारण पिछले चार साल में मात्र दो लोगों को बेसमेंट निर्माण का नक्शा दिया गया है. एक बेसमेंट निर्माण की स्वीकृति निगम ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में एक और 2022-23 में एक लोगों को स्वीकृति दी है. लेकिन निगम प्रशासन अगर जांच करें तो शहर में 100 से अधिक प्रतिष्ठान, दुकान और मकान में बेसमेंट बना मिलेगा. कई ऐसी जगहों पर भी बेसमेंट का निर्माण कराया गया है जहां मात्र पांच फीट चौड़ी सड़क है.

कब कितनी तीव्रता का आया है भूकंप

15 जनवरी 1934 को 8.5, 11 जनवरी 1962 को 6.0, 21 अगस्त 1988 को 6.7, 18 सितंबर 2011 को 5.7, 25 अप्रैल 2015 को 7.9, 28 अप्रैल 2015 को 6.8, 4 जनवरी 2016 को 6.9 भूकंप की तीव्रता थी. यह सर्वविदित है कि यह शहर 1934 में आयी भूकंप में पूरी तरह से बर्बाद हो गया था, जिसे पुन: बसाया गया था.

किस वित्तीय वर्ष में कितना नक्शा हुआ पास

वित्तीय वर्ष कुल आवेदन पारित नक्शा बेसमेंट भवन का प्रकार

  • 2018-19 102 102 00 जी एवं जी प्लस वन

  • 2019-20 113 113 00 जी एवं जी प्लस वन

  • 2020-21 68 68 01 जी एवं जी प्लस वन

  • 2021-22 74 74 00 जी एवं जी प्लस वन

  • 2022-23 113 113 01 जी एवं जी प्लस वन

नोट : वर्ष 2021 में मात्र एक नक्शा जी प्लस थ्री बेसमेंट सहित निगम प्रशासन ने किया है पास.

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