मरमत होने के बावजूद एनएचएआई ने रोका कर्मनासा पुल पर परिचालन, बिहार के तीन डीएम को लिखा पत्र, जानें क्या है वजह

एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने इसको लेकर कैमूर, रोहतास और औरंगाबाद डीएम को पत्र भेजकर फिर एक बार आगाह किया कि जब तक ओवर लोडिंग वाहन नहीं रुकेगा तो पुल डैमेज होते रहेगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 14, 2020 1:06 PM
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कैमूर. कैमूर में कर्मनासा नदी पर बना अस्थायी स्टील ब्रिज जर्जर हो गया है. यह कभी भी टूट सकता है. नदी पर बने इस पुल को दुरुस्त तो कर लिया गया है, लेकिन एनएचएआई ने भाड़ी वाहनों को चलाने पर रोक लगा दी है.

अधिकारियों का कहना है कि पहले प्रशासन ओवर लोडिंग बालू पर रोक लगाये, तभी हम गाड़ियों को जाने देंगे. एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने इसको लेकर कैमूर, रोहतास और औरंगाबाद डीएम को पत्र भेजकर फिर एक बार आगाह किया कि जब तक ओवर लोडिंग वाहन नहीं रुकेगा तो पुल डैमेज होते रहेगा.

अधिकारियों का कहना है कि एक साल पहले कर्मनासा नदी पर बना एनएच-2 के इस पुल का एक पाये में दरार आने से तत्काल वाहनों को पुल से पार करने पर रोक लगा दिया था, जिससे दो माह तक बिहार उत्तर प्रदेश से सम्पर्क टूट गया था. दो ओर डायवर्सन बना गया जिसमें 16 करोड़ की लागत आयी. इसके बाद स्टील ब्रिज की मरम्मत की गयी. जिसमें 8 करोड़ का खर्च आया.

स्टील ब्रिज बनने के साथ एनएचएआई ने बिहार और उत्तर प्रदेश सरकार को आगाह किया कि आप ओवर लोडिंग बालू वाले ट्रक पर रोक लगाए, क्योंकि स्टील ब्रिज की क्षमता 50 से 60 टन का भार सहन कर सकता है उसके बाद भी लगातार ओवर लोडिंग वाहन चलते रहे जिससे 6 माह में ही स्टील ब्रिज कई जगह टूट गया उसी पर वाहन जा रहा कभी भी बड़ा हादसा होने की सम्भावना बनी है.

इधर अब इस पुल को लेकर बिहार में राजनीति भी शुरू हो गयी है. जिला कांग्रेस के नेताओं ने डीएम से जल्द ओवर लीडिंग पर रोक लगाने और परिचालन बहाल करने की मांग की है, वर्ना आंदोलन की धमकी दे डाली है.

इसबीच, एनएचएआई के योगेश गढ़वाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जो पुल डैमेज हुआ था, उसको नए सिरे से बनाया गया है. इसमें 6 माह का समय लगा है. अभी पुल पर क्षमता के अनुसार वाहन जा सकता है, पर प्रशासन को ओवर लोडिंग पर रोक लगाना होगा, नहीं तो हम पुराने पुल जिसकी मरमती कराई गई है उस पर वाहन चलाने नहीं देंगे.

Posted by Ashish Jha

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