पटना के 53 साल में बदलते विकास व स्वरूप को लोग जान पायेंगे. पटना का तैयार हो रहे गजेटियर में यह दिखेगा. इसका प्रकाशन अक्तूबर तक होने की संभावना है. जानकारों के अनुसार गजेटियर में 45 विभागों से संबंधित पांडुलियों पर मंथन 15 जुलाई तक होगा. इसके बाद गजेटियर को तैयार करने में जुड़े विशेषज्ञ इसे अंतिम रूप देंगे. इससे पहले पटना का गजेटियर वर्ष 1970 में तैयार हुआ था. इसके बाद से पटना में काफी बदलाव हुआ है.
गजेटियर में पटना का इतिहास-भूगोल, कला-संस्कृति, धर्म, अपराध, न्याय, प्रशासन, खेती, अर्थव्यवस्था, मौसम सहित तमाम महत्वपूर्ण पहलुओं को रखा जायेगा. साथ ही महिला सशक्तीकरण, समाज सुधार अभियान, बाल विवाह व दहेज प्रथा पर रोक, मद्यनिषेध, जल-जीवन-हरियाली अभियान, विकसित बिहार और आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय सहित विभिन्न योजनाओं के होनेवाले काम का भी उल्लेख होगा.
गजेटियर में पटना में नवनिर्मित इमारतों के अलावा 45 विभागों में हुए नये-नये काम का डिटेल मिलेगा. नयी इमारतों में ज्ञान भवन, बापू सभागार, सभ्यता द्वार, बिहार म्यूजियम, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, सरदार पटेल भवन सहित अन्य का उल्लेख होगा. बढ़ते विकास में निर्बाध ट्रैफिक परिचालन के लिए लोहिया पथचक्र का निर्माण, जेपी गंगा पथ, मेट्रो, डबल डेकर फ्लाइओवर, पटना स्मार्ट सिटी, आपदा प्रबंधन विषयों पर विस्तृत जानकारी रहेगी.
गजेटियर तैयार करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पटना व दरभंगा जिले का चयन हुआ है. पहले पटना जिले का गजेटियर तैयार होगा. इसे तैयार करने का काम नोएडा की कंपनी इथर प्राइवेट लिमिटेड कर रही है. इसमें पटना विश्वविद्यालय, मगध विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ प्रोफेसर के अलावा 30 से अधिक लेखक व अधिकारी लगे हुए हैं. सूत्र ने बताया कि सभी 45 विभागों से प्राप्त पांडुलिपियों को राजस्व व भूमि सुधार विभाग के अधिकारी अंतिम रूप देने का काम करेंगे.
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पटना जिले का गजेटियर तैयार होने पर काफी उपयोगी होगा. इसका उपयोग प्रशासक, शोधकर्ता, मीडिया से जुड़े लोग, विद्यार्थी, पर्यटक, राजनेता, उद्योगपति अन्य करेंगे. नयी पीढ़ी को भी पटना के बारे में संपूर्ण जानकारी मिलेगी.