VIDEO: नए साल के मौके पर बिहार के थावे दुर्गा मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़, जानें मंदिर का इतिहास

मां थावे वाली के दरबार में जो भी भक्त सच्चे मन से आता है, मां उसकी मनोकामना पूरी करती हैं. यही कारण है कि नए साल पर देश भर से श्रद्धालु यहां पूजा-अर्चना करने आते हैं और सुख-समृद्धि की कामना करते

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 1, 2024 4:58 PM

जानें थावे मंदिर का इतिहास, नए साल पर डेढ़ लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किया दर्शन #thawemandir

नव वर्ष पर बिहार के प्रमुख शक्तिपीठ गोपालगंज के थावे दुर्गा मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है. बिहार के अलावा यूपी, पश्चिम बंगाल और नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां सिंहासिनी के दर्शन के लिए यहां पहुंचे हैं. यह नया वर्ष सुख-समृद्धि के साथ बीते इस उद्देश्य से 1 जनवरी को श्रद्धालु यहां पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे. मंदिर में श्रद्धालुओं की पहुंचने वाली भीड़ को देखते हुए मंदिर परिसर में 12 मजिस्ट्रेट के अलावा 100 से अधिक पुलिस बल तैनात किये गये हैं. कहा जाता है कि मां थावे वाली मां के दर्शन मात्र से ही भक्तों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.

थावे वाली माता की कहानी चेरोवंश के जिद्दी राजा मनन सिंह से जुड़ी है. किंवदंतियों के अनुसार, एक जिद्दी राजा मनन सिंह और माता के महान भक्त रहषु भगत हुआ करते थे. राजा मनन सिंह ने रहषु भगत से माता को बुलाने के लिए कहा. भक्त रहषु के बुलावे पर कौरी कामाख्या देवी कामरूप पटना, आमी, घोड़ाघाट होते हुए थावे पहुंची थीं और भक्त रहषु का सिर काटकर राजा मनन सिंह को दर्शन दिया था. तब से मां थावे वाली यहीं विराजमान हैं.

मां थावे वाली के दरबार में जो भी भक्त सच्चे मन से आता है, मां उसकी मनोकामना पूरी करती हैं. यही कारण है कि नए साल पर देश भर से श्रद्धालु यहां पूजा-अर्चना करने आते हैं और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं.

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