पटना में बागेश्वर बाबा होटल के जिस कमरे में ठहरे थे, भक्तों में उसके दर्शन के लिए मची होड़
बाबा बागेश्वर जब तक होटल पनाश में रहे तब तक होटल के बाहर मेला जैसा नजारा बना रहा. दिन -रात वहां भक्तों की भीड़ लगी रही. अब जब बाबा वापस चले गए है तो लोग उस कमरे को देखने और उसमें ठहरने की चाह लेकर होटल पहुंच रहे हैं.
बागेश्वर धाम के पीठाधीश धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का पांच दिवसीय पटना दौरा समाप्त हो चुका है. 13 से 17 मई तक बागेश्वर बाबा ने नौबतपुर में हनुमंत कथा और दिव्य दरबार लगाया. इस दौरान गांधी मैदान के नजदीक स्थित होटल पनाश में रुके थे. होटल के जिस कमरे में बाबा रुके थे, उसे देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. भक्तों द्वारा होटल प्रबंधन से की तरह के आग्रह किए जा रहे हैं. कोई उस कमरे को देखना चाहता है, तो कोई ठहरना चाहता है. कई लोग तो यह भी जानना चाहते हैं कि बाबा किस तरह होटल में रह रहे थे और इस दौरान वो क्या खाना खाते थे.
बुक किए गए थे 17 कमरे
धीरेन्द्र शास्त्री के ठहरने के लिए आयोजकों द्वारा पटना के पनाश होटल में एक एक फ्लोर पर 17 कमरे बुक किए गए थे. इन कमरों में बाबा के साथ आये सुरक्षाकर्मी, भक्त इत्यादि लोग ठहरे थे वहीं बाबा जिस कमरे में ठहरे थे वो प्रेसिडेंशियल सुइट था. बाबा के इस दौरे के दौरान उनके सात्विक भोजन के लिए अलग से किचन की भी व्यवस्था की गई थी. 13 मई को जब बाबा पटना आए थे तो एयरपोर्ट से सीधे होटल के इसी कमरे में आए थे.
होटल के बाहर था मेला जैसा नजारा
बाबा बागेश्वर जब तक होटल पनाश में रहे तब तक होटल के बाहर मेला जैसा नजारा बना रहा. दिन -रात वहां भक्तों की भीड़ लगी रही. लेकिन होटल में सुरक्षा के ऐसे कड़े इंतजाम थे कि लोगों का आना जाना मुमकिन नहीं था. यहां तक जिन लोगों ने होटल में कमरा ले रखा था उनका भी आना जाना मुश्किल हो रखा था. बाबा तो अब इस कमरे से जा चुके हैं. लेकिन उनके भक्तों के लिए यह कमरा अब खास बन चुका है. लोग बाबा के बारे में जाने के लिए होटल पहुंच रहे हैं.
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होटल स्टाफ को कमरे में जानें की नहीं थी अनुमति
बाबा बागेश्वर जब तक होटल में रहें होटल के स्टाफ को कमरे में जानें की अनुमति नहीं थी. इस दौरान बाबा के खाने-पीने और साफ सफाई की व्यवस्था उनके सेवादार ही देखते थे. धीरेन्द्र शास्त्री इस कमरे में पूजा-पाठ भी किया करते थे. लोगों का कहना है कि जब तक बाबा होटल में रुके थे यहां का माहौल भक्तिमय हो गया था. लेकिन अब सब कुछ सूना-सूना लग रहा है. अब बाबा के भक्तों में उनके होटल के कमरे के लिए क्रेज देख होटल प्रबंधन भी सोच में पड़ गया है. लोग उस कमरे को बुक करना चाहते हैं जिसमें बाबा रुके थे.