धनबाद: अगजनी की घटना में मृतकों का शव इस कदर जल गया था कि पहचान में नहीं आ रहा था. किसी ने पायल तो किसी ने साड़ी के रंग से अपनों को पहचाना. सुबोध श्रीवास्तव ने पायल के जरिए अपनी पत्नी माला देवी की पहचान की पत्नी के शव को पहचानने में सुबोध को दो घंटों से ज्यादा का समय लगा.
वही अन्य कुछ की पहचान उनके साड़ी व अन्य जेवरों से हुई. वहीं कुछ महिलाओं के शव व उनकी साड़ी इतनी बुरी तरह जल चुकी थी कि उनकी पहचान देर रात तक नहीं हो सकी है. देर रात तक परिजन अपनों की पहचान के लिए एसएनएमएमसीएच के पोस्टमाटम हाउस में जुटे रहे.
सुबोध की रांगाटांड में है सौंदर्य प्रसाधन की होलसेल दुकान सुबोध लाल श्रीवास्तव की रगोटा में सौंदर्य प्रसाधन की दुकान है. पहले झरिया में उनका कारोबार था. अब गंगाटांड़ से होलसेल का कारोबार करते हैं,
आशीवाद टावर में तीन आये थे. ब्लॉक व 40 फ्लैट है. एक फ्लोर पर चार फ्लैट है दूसरे फ्लोर में आग लगी और आग की लपटे तीसरे व चौथे फ्लोर तक पहुंची गयी तीसरे फ्लोर में सबसे ज्यादा कैजुअल्टी हुई. तीसरे फ्लोर में सुबोध श्रीवास्तव के बेटी की शादी थी. शादी समारोह में दूर दूर से उनके परिवार के लोग आये थे.
आगलगी के घटना के की आशीर्वाद टावर की बिजली काट दी गयी. टावर ए के सड़क पर अपने अपने परिवार के साथ सड़क पर बैठे हुए थे. अफरा-तफरी का महौल था. देर रात तक रेस्कयू टीम काम कर रही थी. बिजली कनेक्शन नहीं जोड़ा गया.