पटना जंक्शन पर धनबाद इंटरसिटी एक्सप्रेस की बोगी में एक बक्से में मिले एक युवक के शव की जीआरपी ने पहचान कर ली. साथ मामले का खुलासा भी कर दिया. मृत युवक शेखपुरा जिले के अरियारी थाने के कमालपुर के शंकर महतो का बेटा जगत कुमार महतो है. इसकी हत्या अवैध संबंधों के कारण बचपन के दोस्त व लखीसराय के कवैया थाने के वार्ड नंबर 17 संसार पोखर गांधी टोला निवासी विक्की कुमार उर्फ छोटू व उसकी पत्नी निशा कुमारी ने गला दबा की थी. साथ ही बक्से में शव बंद कर उसे लखीसराय स्टेशन तक पहुंचाने में लखीसराय नगर थाने के जोमैला निवासी बिट्टू कुमार ने मदद की थी.
Also Read: बिहार में 99 % महिलाएं शराबबंदी के साथ, 7 साल में 1.82 करोड़ लोगों ने छोड़ी शराब, देखें सर्वे की ताजा रिपोर्ट
पुलिस ने विक्की, निशा कुमारी व बिट्टू को गिरफ्तार कर लिया. साथ ही मृत युवक जगत का बैग, कपड़ा, लोहे का रॉड, मोबाइल फोन व रस्सी को बरामदकिया है़ रेल एसपी अमृतेंदु शेखर ठाकुर ने बताया कि विक्की ने क्राइम पेट्रोल व सीआइडी सीरियल को देख कर हत्या की योजना बनायी, ताकि पकड़ा न जा सके. जगत की मई में शादी भी होने वाली थी. टीम में डीएसपी मुख्यालय सुशांत कुमार चंचल, दानापुर डीएसपी प्रशांत कुमार, पटना जंक्शन जीआरपी इंचार्ज रंजीत कुमार, एसआइ संतोष कुमार, राजकुमार व अन्य शामिल थे.
जगत व विक्की कोलकाता में अपने-अपने पिता के साथ रहते थे और मजदूरी करते थे. दोनों में बचपन से दोस्ती थी. विक्की ने दूसरी शादी की व अपना मोबाइल फोन पत्नी को देकर काेलकाता कमाने के लिए चला गया. इस दौरान जगत ने जब फोन किया, तो निशा से बात होने लगी और मामला अवैध संबंध तक पहुंच गया. विक्की को इस बारे पता चला तो 10 दिन पहले ही लखीसराय चला आया. पत्नी से कहा कि वह जगत के साथ ही रहे या फिर उसकी हत्या करने में साथ दे.
बताया जाता है कि 13 फरवरी को शव बरामद होने के बाद रेल एसपी अमृतेंदु शेखर ठाकुर के निर्देश पर टीम बनायी. टीम ने आसनसोल से पटना तक सीसीटीवी कैमरे के फुटेज को खंगाल दिया. इस दौरान लखीसराय स्टेशन के पास स्थित एक दवा दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में माथे पर बक्सा उठाये हुए विक्की का फुटेज हाथ लगा. इससे स्पष्ट हो गया कि लखीसराय में ही हत्या हुई और वहीं पर शव को बक्से में बंद कर धनबाद इंटरसिटी ट्रेन में रख दिया.
पुलिस ने जगत के मोबाइल नंबर की सीडीआर निकाली, तो स्पष्ट हो गया कि उसकी निशा कुमारी से बात हुई थी और लोकेशन से पता चला कि वह कोलकाता से 12 फरवरी को निकला और 13 फरवरी को लखीसराय पहुंचा था और फिर उसका मोबाइल फोन स्विच ऑफ हो गया था. मोबाइल नंबर के आधार पर पुलिस निशा तक पहुंच गयी और फिर सारे मामले का पर्दाफाश हो गया.