Bihar dhanteras 2022: इस बार धनतेरस 22 और 23 अक्तूबर को दो दिन मनाया जायेगा. बिहार में धनतेरस ज्यादा लोग आज ही यानि 22 अक्टूबर को मना रहे है. मान्यता है कि इस दिन आभूषण, बर्तन और अन्य नये सामान खरीदने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है. परंपरा को देखते हुए बाजार सज गये हैं. अपने- अपने बजट के अनुसार सामान पसंद करने को बाजार में खरीदारों की भारी भीड़ उमड़ रही है. सर्राफा बाजार की बात करें, तो इस सेक्टर में लगभग 425 करोड़ व्यापार होने का अनुमान है. धनतेरस के साथ-साथ लगन के कारण बाजार को और मजबूती मिल रही है. बाजार में ऑफर, डिस्काउंट और नये कलेक्शनों की भरमार है.
धनतेरस पर सोना और चांदी खरीदने की परंपरा है क्योंकि सोना भगवान धन्वंतरी और कुबेर की धातु है. इसे खरीदने और घर में रखने से आरोग्य, सौभाग्य और स्वास्थ्य लाभ की प्राप्ति होती है. वहीं चांदी चंद्रमा की धातु है. जो शीतलता प्रदान करती है. जिससे मन में संतोष रुपी धन का वास होता है. किसी भी रोग को खत्म करने के लिए सोने या चांदी के बर्तन में औषधियां ली जाती हैं. इसके अलावा इस दिन चांदी खरीदने से घर में यश, कीर्ति, ऐश्वर्य और संपदा में वृद्धि होती है.
पुराणों के अनुसार झाड़ू को मां लक्ष्मी का रूप माना गया है. वहीं ज्योतिष के एक संहिता ग्रंथ में झाड़ू को सुख की वृद्धि करने वाला और दुष्ट शक्तियों का नाश करने वाला बताया गया है. झाड़ू से घर में दरिद्रता नहीं आती है. इससे मनुष्य की दरिद्रता दूर होती है. घर में झाड़ू से झाड़ लगाने से कर्ज से भी मुक्ति मिलती है. इसलिए धनतेरस पर सोना-चांदी और झाड़ू की खरीदी की जाती है. धनतेरस का पर्व इस बार यश, स्वास्थ्य, ऐश्वर्य और मुक्ति का बोध लेकर आया है. इस नक्षत्र में लक्ष्मी-कुबेर की आराधना से आर्थिक स्थिति को बल मिलेगा.
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पटना में शनिवार को सोने का भाव 4680 रुपये प्रति ग्राम है, जो पिछले साल के लगभग बराबर है. पिछले साल सोने का भाव धनतेरस के मौके पर 4686 रुपये प्रति दस ग्राम था. वहीं चांदी का भाव 56500 रुपये प्रति किलो है, जबकि पिछली बार चांदी का भाव 64 हजार रुपये प्रति किलो था. इस तरह देखा जाये तो चांदी की कीमत में एक साल में लगभग 7500 रुपये की कमी दर्ज की गयी है.