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Dhokhadhadi: मांझी उप डाकघर में 17 लाख की सरकारी राशि का गबन, तत्कालीन उप डाकपाल समेत तीन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

Dhokhadhadi: बिहार के सारण जिला स्थित मांझी उप डाकघर में करीब 17 लाख रुपये सरकारी राशि फर्जी निकासी कर गबन कर लिये जाने का खुलासा होने के बाद तत्कालीन उप डाकपाल समेत तीन डाककर्मियों के खिलाफ मांझी थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. डाकघर में घोटाले की खबर से उपभोक्ता आश्चर्यचकित हैं और सभी अपने- अपने खाते की जांच कराने के लिए शनिवार को डाक घर पहुंचे.

बिहार के सारण जिला स्थित मांझी उप डाकघर में करीब 17 लाख रुपये सरकारी राशि फर्जी निकासी कर गबन कर लिये जाने का खुलासा होने के बाद तत्कालीन उप डाकपाल समेत तीन डाककर्मियों के खिलाफ मांझी थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. डाकघर में घोटाले की खबर से उपभोक्ता आश्चर्यचकित हैं और सभी अपने- अपने खाते की जांच कराने के लिए शनिवार को डाक घर पहुंचे. इसी बीच लिंक फेल होने का बहाना बनाकर डाकघर के कर्मचारी व पदाधिकारी फरार हो गये और दिन भर डाकघर बंद रहा.

एकमा के डाक निरीक्षक मृत्युंजय कुमार सिंह के लिखित आवेदन पर दर्ज प्राथमिकी में तत्कालीन उप डाकपाल रिविलगंज थाना क्षेत्र के नयका टोला रिविलगंज बाजार निवासी शिवजी राम, डाक सहायक वह मांझी थाना क्षेत्र के दुर्गापुर गांव निवासी सहदेव प्रसाद यादव तथा आउटसोर्सिंग स्टाफ ताजपुर फुलवरिया गांव निवासी आशुतोष कुमार सिंह को नामजद किया गया है. आरोप है कि मांझी उप डाकघर के खाता धारक संयोगिया कुंवर के खाता संख्या 37 95 930 458 से 16 लाख 74 हजार 999 रुपये की फर्जी निकासी की गयी है.

डाक निरीक्षक ने कहा है कि अक्तूबर 2017 से अप्रैल 2019 के बीच नौ किस्तों में राशि की निकासी की गयी है. पहली निकासी 28 नवंबर 2017 को 49999 रुपये की गयी. दूसरी निकासी 25 जून 2018 को 75000 रुपये, तीसरी निकासी 26 अक्तूबर, 2018 को एक लाख रुपये, चौथी निकासी 3 नवंबर, 2018 को एक लाख रुपये, पांचवीं निकासी 7 दिसंबर, 2018 को एक लाख रुपये, छठी निकासी 20 दिसंबर, 2018 को एक लाख 50 हजार रुपये, सातवीं निकासी पांच जनवरी, 2019 को तीन लाख रुपये, आठवीं निकासी नौ फरवरी, 2019 को तीन लख रुपये और नौवीं निकासी 8 मार्च, 2019 को पांच लाख रुपये की गयी.

उन्होंने आरोप लगाया है कि नियम का उल्लंघन करते हुए गलत ढंग से आउटसोर्सिंग स्टाफ के रूप में आशुतोष कुमार सिंह को तत्कालीन उप डाकपाल शिवजी राम तथा तत्कालीन डाक सहायक सहदेव प्रसाद यादव के द्वारा उप डाकघर में बहाल कर लिया गया और उसी से काम कराया जाता था. उन्होंने आरोप लगाया है कि संयोगिया कुंवर अनपढ़ व वृद्ध महिला है, जिसके नाम से बिना उसको जानकारी दी एटीएम कार्ड निर्गत कर दिया गया और निर्गत किये गये एटीएम कार्ड को उसे उपलब्ध नहीं कराया गया.

उसी एटीएम कार्ड से तीनों कर्मियों ने मिलकर फर्जी निकासी नौ किस्तों में की, जिसमें कुल राशि 16 लाख 74 हजार 999 रुपये हैं. उन्होंने कहा है कि इस मामले की जांच मुजफ्फरपुर के एपीएमजी तथा छपरा के वरिष्ठ डाक अधीक्षक के स्तर पर जांच की जा रही है. थानाध्यक्ष ओम प्रकाश चौहान ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है और इस मामले की जांच की जा रही है.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

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