14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Dial 102: एंबुलेंस एजेंसी पर साढ़े पांच करोड़ का जुर्माना, दौड़ाई पांच साल पुरानी एंबुलेंस…

Dial 102: मरीजों को समय पर एंबुलेंस की सेवा उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश में 102 एंबुलेंस सेवा सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई है. इसके साथ ही एंबुलेंस सेवा के संचालन के लिए कॉल सेंटर भी तैयार किया गया है. लोगों को एंबुलेंस की सेवा समय पर मिल सके इसके लिए सरकार ने निजी एजेंसी से करार किया, लेकिन एजेंसी ने करार की शर्तो का बिल्कुल पालन नहीं किया.

Dial 102: मरीजों को समय पर एंबुलेंस की सेवा उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश में 102 एंबुलेंस सेवा सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई है. इसके साथ ही एंबुलेंस सेवा के संचालन के लिए कॉल सेंटर भी तैयार किया गया है.

लोगों को एंबुलेंस की सेवा समय पर मिल सके इसके लिए सरकार ने निजी एजेंसी से करार किया, लेकिन एजेंसी ने करार की शर्तो का बिल्कुल पालन नहीं किया. जिसके बाद सरकार ने संबंधित एजेंसी पर साढ़े पांच करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगा दिया है.

बता दें कि महालेखाकार की आपत्ति के बाद यह जुर्माना लगाया गया है. स्वास्थ्य समिति से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में एंबुलेंस और शव वाहन की सुविधा के लिए पशुपतिनाथ डिस्ट्रीब्यूटर प्रा. लि. (Dial 102 Ambulance Company Name) से पिछले साल मई महीने में सरकार ने करार किया था.

90 दिनों में 757 एंबुलेंस कराना था उपलब्ध

करार के तहत एजेंसी को 90 दिनों में 757 एंबुलेंस 102 सेवा के लिए उपलब्ध कराना था, लेकिन एजेंसी ने 21 शव वाहन समेत 481 एंबुलेंस हीं उपलब्ध कराए. इतना ही नहीं जो एंबुलेंस मुहैया कराए गए वे पांच वर्ष या इससे अधिक पुराने थे. जबकि ऐसे एंबुलेंस उपलब्ध कराने थे, जो तीन महीने से अधिक पुराने न हो।

नियमों के उल्लंघन को देखते हुए सरकार ने आठ महीने के विलंब के लिए प्रति एंबुलेंस पांच हजार रुपये प्रति 30 दिन की दर से 3.02 करोड़ रुपये की पेनाल्टी एजेंसी पर लगाई है.

ये भी पढ़ें: श्रावणी मेला में भाग लेने वाले कलाकार 10 जुलाई तक करें आवेदन, जानें आवेदन की प्रक्रिया…

कॉल सेंटर की क्षमता कुल 75 सीट

एंबुलेंस एजेंसी द्वारा संचालित हो रहे कॉल सेंटर के संयुक्त परीक्षण में एक और बात सामने निकलकर आई कि कॉल सेंटर की क्षमता कुल 75 सीट की ही थी. जबकि करार के मुताबिक दो शिफ्ट में काल सेंटर सौ सीट तथा तीसरी शिफ्ट में 50 सीट के साथ संचालित होना था.

इस मामले में एजेंसी पर 2.47 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया. इस प्रकार दोनों मामलों को मिलाकर पांच करोड़, पचास लाख, सत्तर हजार रुपये का जुर्माना एजेंसी पर लगाया गया है.

इस मामले में महालेखाकर कार्यालय की आपत्ति भी सरकार को प्राप्त हुई है. जिसके बाद राज्य स्वास्थ्य समिति के विशेष कार्य पदाधिकारी सह प्रभारी रेफरल ट्रांसपोर्ट ने संबंधित एजेंसी को पत्र भेज अपना स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें