पटना शहर में 30 सितंबर की रात्रि से डीजल से चलने वाली नगर बस सेवा नहीं चलेगी. डीजल बस का परिचालन करने पर वाहन मालिक पर कार्रवाई होगी. पटना नगर निगम तथा दानापुर, खगौल व फुलवारीशरीफ नगर परिषद क्षेत्र की सीमा में डीजल से चलने वाली नगर बस सेवा की बसों के परिचालन पर प्रतिबंध रहेगा.
वहीं शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण के नियंत्रण के लिए सीएनजी चालित बसों को बढ़ावा देने के लिए बिहार स्वच्छ ईंधन चालित (सिटी बस प्रोत्साहन) योजना के तहत 38 लाभुकों का चयन किया गया. गुरुवार को डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में ‘बिहार स्वच्छ ईंधन (सिटी बस प्रोत्साहन) योजना, 2023’ के तहत लाभुक वाहन स्वामियों के चयन के लिए गठित चयन समिति की बैठक हुई.
बैठक में डीटीओ श्रीप्रकाश ने समिति के समक्ष प्राप्त 65 आवेदन प्रस्तुत किया. समिति के सदस्यों ने आवेदनों की समीक्षा कर परिवहन विभाग द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुरूप 38 आवेदन स्वीकृत किया. मापदंडों का अनुपालन नहीं होने पर 27 आवेदन को अस्वीकृत किया गया. बैठक में समिति के सदस्य पटना सदर, पटना सिटी व दानापुर एसडीओ, समिति के सदस्य सचिव जिला परिवहन पदाधिकारी व अन्य सदस्य उपस्थित थे.
योजना के तहत चयनित लाभुकों को बस खरीद करने पर एक्स शो रूम का 30 प्रतिशत या साढ़े सात लाख रुपये अनुदान मिलेगा. यह अनुदान एक्स शो रूम मूल्य (सभी टैक्स सहित) होगा. पटना जिले में प्रथम चरण में 121 रिक्तियां है. इसके आलोक में 38 योग्य लाभुकों का चयन किया गया.
डीएम ने कहा कि पटना शहरी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता में सुधार व सार्वजनिक हित में डीजल चालित निजी सिटी बसों को सीएनजी चालित बसों से प्रतिस्थापित करने पर वाहन स्वामियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से ‘बिहार स्वच्छ ईंधन (सिटी बस प्रोत्साहन) योजना, 2023’ लागू की गयी है. इसके लिए वाहन स्वामियों को स्वच्छ ईंधन के उपयोग हेतु प्रेरित किया जा रहा है. लाभुकों के चयन डीटीओ कार्यालय द्वारा विज्ञापन प्रकाशित किया गया था. इच्छुक वाहन स्वामियों द्वारा निर्धारित तिथि तक डीटीओ कार्यालय में आवेदन समर्पित किया गया.
डीएम ने कहा कि चयनित लाभुक वाहन स्वामी के द्वारा पटना शहर में परिचालित पुराने डीजल चालित सिटी बस के स्थान पर सीएनजी चालित बसों के क्रय के लिए अनुदान के लिए निर्धारित शर्तों का अनुपालन करना होगा.