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बिहार में नया सिम लेना होगा अब और मुश्किल, प्री-एक्टिवेटेड सिम बेचनेवाले पर होगी कार्रवाई

बिहार में नया सिम लेना अब और मुश्किल हो जायेगा. पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी को मोबाइल कंपनियों और सिम बेचनेवालों पर नजर रखने को कहा है. बिहार में बढ़ते साइबर अपराध को देखते हुए पुलिस मुख्यालय अब एक्शन मोड में है.

पटना. बिहार में नया सिम लेना अब और मुश्किल हो जायेगा. पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के एसपी को मोबाइल कंपनियों और सिम बेचनेवालों पर नजर रखने को कहा है. बिहार में बढ़ते साइबर अपराध को देखते हुए पुलिस मुख्यालय अब एक्शन मोड में है. बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई के अतिरिक्त महानिदेशक नय्यर हसनैन खान ने तमाम जिला पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर निर्देशित किया है कि जिले में हर हाल में खुदरा विक्रेताओं और दूरसंचार कंपनियों पर नजर रखें और टीआरएआइ के सिम कार्ड पंजीकरण नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें. फर्जी दस्तावेजों की मदद से खरीदे गये सिम कार्डों का साइबर अपराधी दुरुपयोग कर रहे हैं. ऐसे में इसको रोकने के लिए प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड बेचनेवालों पर कार्रवाई की जाये. उन्होंने टेलीकॉम कंपनियों से भी फर्जी दस्तावेजों पर जारी सिम कार्ड वाले ग्राहकों के संबंध में सूचित करने को कहा है.

थोक में निष्क्रिय किये जायेंगे सिम कार्ड

बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई के अतिरिक्त महानिदेशक नय्यर हसनैन खान ने गुरुवार को समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा कि टीआरएआइ के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी. उन्होंने कहा कि पुलिस अधीक्षकों को अपने-अपने क्षेत्रों में नियमित रूप से सिम कार्ड खरीदने के लिए उपयोग किए जाने वाले दस्तावेजों की निगरानी और निरीक्षण करने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि जांच में पता चला है कि अपराधी, शराब माफिया और नक्सली समूह अपराध को अंजाम देने के लिए अक्सर फर्जी दस्तावेजों दिखाकर सिम कार्ड हासिल करते हैं. नकली दस्तावेजों की मदद से खरीदे गये सिम कार्ड का उपयोग साइबर क्राइम से संबंधित मामले, जैसे हनी ट्रैपिंग, सेक्सटॉर्शन, एटीएम फ्रॉड, डेबिट/ क्रेडिट कार्ड फ्रॉड आदि के लिए धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जाता है. एडीजी ने दावा किया कि अवैध रूप से खरीदे गए सिम कार्ड को थोक में निष्क्रिय करने से साइबर अपराधियों को बड़ा झटका लगेगा.

छह जिलों में साइबर अपराध के अधिक मामले 

एडीजी ने कहा कि यूं तो बिहार के हर जिले में फर्जी दस्तावेज पर सिम लेने के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन छह जिले- पटना, नवादा, नालंदा, गया, शेखपुरा और जमुई साइबर क्राइम के हॉटस्पॉट बनते जा रहे हैं. बिहार के नवादा, गया, नालंदा, जमुई और शेखपुरा जिलों में स्थित साइबर अपराधी राजस्थान, दिल्ली, झारखंड और पश्चिम बंगाल से संचालित अंतरराज्यीय गिरोहों के लिए सहयोगी के रूप में काम कर रहे हैं. 2022 में अवैध रूप से 920 से अधिक सिम कार्ड खरीदने के लिए राज्य भर के विभिन्न थानों में कुल 170 मामले दर्ज किये गए थे. इनमें मधुबनी में 35, नालंदा में 30, भोजपुर में 21, समस्तीपुर में 16, लखीसराय में 10, पटना में 8 और जमुई में अधिकतम आठ मामले दर्ज किये गये. एडीजी ने कहा कि जांच के बाद फर्जी दस्तावेजों से खरीदे गए अधिकतम 219 सिम कार्ड 2022 में अकेले गया में निष्क्रिय किये गये. इसी तरह मधुबनी जिले में 35 मामले दर्ज करने के बाद कुल 139 सिम कार्ड निष्क्रिय कर दिये गये. सुपौल में कुल 71 सिम कार्ड निष्क्रिय किये गये.

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