Bihar: पूर्णिया में किन जमीनों को लेकर छिड़ा विवाद, एप से जांच के दौरान कब्जे का हो रहा खुलासा, जानिये
Bihar: पूर्णिया में 35 साल से बिना लीज के खासमहाल जमीन पर कई रसूखदारों ने कब्जा जमाया है. जिलाधिकारी सुहर्ष भगत के निर्देश पर सर्वे का काम चल रहा है जिसमें कई बड़े खुलासे हो रहे हैं. सर्वे के दौरान, कब्जाधारी अपना नाम लेने से भाग रहे हैं.
Bihar News: पूर्णिया शहर में 35 साल से बिना लीज के खासमहाल जमीन पर कई रसूखदार काबिज हैं. जिलाधिकारी सुहर्ष भगत के निर्देश पर शहर में चल रहे खासमहाल जमीन के सर्वे में यह खुलासा हो रहा है. शहर के मधुबनी, भट्ठा, लाइन बाजार, खुश्कीबाग व गुलाबबाग के बाजार क्षेत्रों में यह सर्वे चल रहा है. आलम यह है कि सर्वे के दौरान, कब्जाधारी अपना नाम लेने से भाग रहे हैं, चूंकि लीज उनके नाम पर है ही नहीं.
कब्जाधारियों के पसीने छूट रहे
पुराने लीजधारी का नाम लेकर सर्वे टीम के समक्ष किसी प्रकार से वे अपना बचाव कर रहे हैं. मगर समुचित कागजात प्रस्तुत करने में बड़े कब्जाधारियों के पसीने छूट रहे हैं. जानकारी के अनुसार, 1987-89 में भी जिला प्रशासन ने खासमहाल जमीन को लेकर जांच की थी. उस वक्त भी यह वाकया सामने आया था कि जो वास्तव में लीजधारी हैं, वे कब जमीन दूसरे को दे चुके हैं. इस सर्वे के बाद भी कई लोगों ने अपने नाम पर लीज हासिल करने के लिए प्रशासन को आवेदन दिया था. आज तक लीज मिलने की प्रत्याशा में उक्त जमीन पर काबिज हैं.
रसूखदारों को सड़क पर ला रही सर्वे टीम
खासमहाल जमीन पर काबिज रसूखदारों के प्रति सर्वे टीम भी काफी सख्त है. जांच को पहुंच रही सर्वे टीम घर के बाहर कब्जाधारियों को आने के लिए बाध्य कर रही है. घर के बाहर बुलाकर ही घर की चौहद्दी की माप की जा रही है. इस दौरान टीम का नेतृत्व कर रहे अधिकारी घर के अंदर आने के आग्रह को सिरे से खारिज कर रहे हैं. बड़े कब्जाधारियों की यह हालत देख छोटे कब्जाधारी तो सर्वे टीम के सामने और बेबस दिखायी पड़ रहे हैं.
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दो प्रकार से लीज पर है जमीन
खास-महाल की भूमि दो प्रकार से लीज पर है. पहली स्थायी लीज जिसमें समय निर्धारित नहीं था. दूसरा अस्थायी लीज जो तीस वर्षों से साठ वर्षों तक के लिए दी गयी थी. अस्थायी लीज का समय समाप्त होने के पश्चात लीज नवीकरण का प्रावधान है. स्वतंत्रता के बाद भी राज्य सरकार द्वारा इन खास-महाल भूमि में से अधिकांश लीज बंदोबस्ती, प्रशासनिक एवं अन्य संस्थाओं को गई है. उन बेशकीमती भूमि से सरकार को राजस्व की प्राप्ति नहीं हो रही है. इसलिये बिहार खास-महाल मैन्युअल के नियमों से इतर नयी खास-महाल नीति वर्ष- 2011 बनायी गयी है.
आधिकारिक टिप्पणी
पूर्णिया शहर में खासमहाल जमीन पर अवैध कब्जा की शिकायतों के मद्देनजर डिजिटल सर्वे चल रहा है. सर्वेक्षण के लिए विशेष ऐप तैयार किया गया है. राजस्व अधिकारी के साथ अमीन को सर्वे टीम में शामिल किया गया है. पूर्णिया पूर्व अंचल के सीओ को इसकी मॉनीटरिंग करने की जवाबदेही है.
परमानंद साह , नोडल पदाधिकारी सह डीसीएलआर, सदर.
Posted By: Thakur Shaktilochan