पटना. बिहार के शून्य से 18 वर्ष तक 2.30 लाख दिव्यांग बच्चों की दिव्यांगता की जांच सह मूल्यांकन, दिव्यांगता प्रमाणीकरण एवं विभिन्न विभागों की दिव्यांगों से जुड़ी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने चार विभागों मसलन शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, समाज कल्याण एवं ग्रामीण विकास विभाग ने कार्य योजना तैयार की है. जिसे राज्य में औपचारिक तौर पर सोमवार से प्रभावी किया जा रहा है. इस कार्य योजना के तहत शिक्षा विभाग ऐसे बच्चों के नामांकन अभियान की औपचारिक तौर पर एक अप्रैल से शुरुआत करने जा रहा है. इसी साल जरूरत मंद बच्चों की शल्य चिकित्सा भी की जायेगी.
जगजीवन राम संसदीय एवं राजनीतिक शोध संस्थान के सभागार में चारों विभागों के अधिकारियों एवं जिला स्तरीय अफसरों की साझी कार्यशाला आयोजित की गयी. जिसमें इस योजना को प्रभावी तौर पर लागू करने की जानकारी दी. औपचारिक तौर पर यह कार्ययोजना प्रभावी कर दी गयी है. हालांकि शिक्षा विभाग एक अप्रैल से दिव्यांग बच्चों के नामांकन शुरू करेगा.
जानकारी के मुताबिक बिहार में दिव्यांग बच्चों की संख्या कुल आबादी का दो फीसदी है. फिलहाल उन्हें दिव्यांगता प्रमाण पत्र से लेकर समस्त सुविधा एक साथ एक जगह पर ही उपलब्ध करा दी जायेंगी. इसमें बच्चों का पुनर्वास भी शामिल है. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक चारों विभागों की समेकित योजना को प्रभावी तौर पर लागू करने के लिए जिला स्तर पर अनुश्रवण समिति का गठन जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में किया गया है.
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक प्रत्येक जिले में चिन्हित किये गये 41 प्रकार के दिव्यांग बच्चों को विभिन्न सुविधा देने के लिए टाइम भी निर्धारित कर दिया गया है.
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दिव्यांगता प्रमाणीकरण शिविर लगाये जायेंगे- 25 मार्च तक
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दिव्यांग बच्चों के दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाये जायेंगे-15 जून
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यूडीआइडी कार्ड उपलब्ध कराये जायेंगे- 15 अप्रैल से 30 जून तक
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दिव्यांग बच्चों को सभी तरह के उपकरण दिये जायेंगे- 25 मार्च से 25 मई तक
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विद्यालयों में नामांकन- एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक
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दिव्यांग बच्चों की जरूरी शल्य चिकित्सा- एक जुलाई से 15 अगस्त तक
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शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि चार विभागों ने दिव्यांग बच्चों के कल्याण के लिए साझा कार्य योजना तैयार की है. इसके तहत उनके नामांकन से लेकर शल्य चिकित्सा तक की सुविधा मुहैया करायी जायेगी. इसकी व्यापक तैयारी कर ली गयी है. इस योजना को धरातल पर औपचारिक तौर आज से ही प्रभावी कर दिया गया है.