बिहार में बदलेगी स्कूलों की टाइमिंग, आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी डीएम को दिया निर्देश
बिहार में भीषण गर्मी को देखते हुए डीएम स्कूलों के समय में बदलाव कर सकते हैं. इस संबंध में आपदा प्रबंधन विभाग ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि भीषण गर्मी को देखते हुए स्कूलों के समय में बदलाव किया जाए और अगर जरूरी हो तो निर्धारित समय से पहले गर्मी की छुट्टियां कर दी जाएं.
Bihar School Timing: बिहार में हर र बढ़ रही गर्मी को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी विभाग के प्रधान सचिव, सचिव और सभी डीएम के लिए दिशा- निर्देश जारी किया है. विभागों के अधिकारियों को इस दिशा-निर्देश का पालन करने की हिदायत दी गई है. जिसमें कहा गया है कि स्कूल के बच्चों को गर्मी से बचाने के लिए स्कूल या तो सुबह की पाली में ही संचालित करें या गर्मी की छुट्टियां निर्धारित समय से पहले घोषित कर दी जाए. गर्मी की स्थिति को देखते हुए स्कूलों को अल्पावधि के लिए बंद करने का फैसला डीएम समीक्षा कर ले सकते है. इसी तरह आंगनबाड़ी केंद्रों के खुलने और बंद होने के समय को बदलने पर फैसला लिया जाए, ताकि बच्चों को भीषण गर्मी से बचाया जा सके. इसके साथ ही कि सभी अस्पतालों में दवा और बेड सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया है.
चलंत टीमों का जिलों में होगा गठन
गर्मी के मौसम में चलंत चिकित्सा दल का भी बने, जो जरूरत पड़ने पर बच्चों के साथ अतिगंभीर रूप से बीमार लोगों को अस्पताल तक पहुंचाने में मेडिकल टीम मदद करेगी. सभी स्कूलों और केंद्रों पद दवा के रूप में ओआरएस का पैकेट रखने का निर्देश दिया गया है. नवजात, शिशु, बच्चों, धातृ और गर्भवती महिलाओं के लिए स्वास्थ्य के संबंध में सहयोग स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से केंद्र पर होगा.
जियो टैंगिंग कर 12 घंटों में मिलेगा अनुदान
आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलों को आगजनी के दौरान राहत-बचाव कार्य एसओपी के मुताबिक पूरा करने का दिशा-निर्देश भेजा है, ताकि ग्रामीण इलाकों और स्लम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को जागरूक किया जा सकें. जले हुए और क्षतिग्रस्त मकानों का सर्वेक्षण तुरंत करते हुए जियो टैगिंग और फोटोग्राफी होगा. उसी रिपोर्ट पर अनुदान का भुगतान 12 घंटे में होगा. भीषण अग्निकांड होने पर जिला पदाधिकारी को स्वयं घटना स्थल पर पहुंच कर सहायता की पूरी व्यवस्था करनी है.
जिला प्रशासन लोगों के बीच शुरू करें जागरूकता कार्यक्रम
- हवा के झोंके तेज होने के पहले ही खाना पकाकर चूल्हे की आग को पानी से पूरी तरह बुझा दें.- चूल्हें की आग की चिंगारी पूरी तरह बुझी हो, इसे सुनिश्चित कर लिया जाये.
- घर से बाहर जाते समय बिजली का स्विच ऑफ हो, इसे सुनिश्चित कर लिया जाये.- खाना वैसी जगह पकाया जाये, जहां हवा का झोंका न लगे.
- खाना वैसी जगह पकाया जाये, जहां हवा का झोंका न लगे- बीड़ी – सिगरेट पीकर इधर-उधर या खलिहान की तरफ नहीं फेंके.
जिलों को दिया गया यह भी निर्देश
- मनरेगा अंतर्गत तालाबों, आहर इत्यादि की खुदाई की योजनाओं में तेजी लायी जाये, जिससे इनमें पानी इक्कठठा कर पशु-पक्षियों को पापी उपलब्ध कराया जा सकें. लू चलने पर मनरेगा की कार्य अवधि सुबह छह बजे से 11 बजे तक और 3:30 बजे से छह 6:30 तक किया जा सकता है.
- कार्य के जगह पर पेय जल, विशेष आश्रयों की स्थपना एवं लू लगने पर प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की जाये. प्रचार प्रसार बढ़ाया जाये, ताकि लोग लू के दौरान खुद को बचा सकें.
- खुले में काम करने वाले, भवन बनाने वाले तथा कल-कारखानों में काम करने वाले मजदूरों के लिए पानी,आइस पैड की व्यवस्था के साथ शेड की भी व्यवस्था करना होगा. श्रम संसाधन विभाग लू से बचने के लिए मजदूरों के लिए अभी सुबह छह बजे से 11 बजे तक तथा साढे तीन बजे से साढ़े छह बजे तक निर्धारित किया जा सकता है.
- सार्वजनिक परिवहन में पानी , ओआरएस के साथ प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की जायेगी. बिजली के सभी ढीले तार को दुरुस्त करने का निर्देश भी दिया है. सभी जिलों में लू से बचाव के लिए कंट्रोल रूम शुरू करने का निर्देश दिया गया हे. जहां तक संभव हो वाहनों का परिचालन कम से कम करना चाहिए और 11 बजे से साढ़े तीन बजे तक सार्वजनिक परिवहन की गाड़ियों के परिचालन को नियंत्रित किया जा सकता है.
- पीएचइडी सभी खराब चापाकलों का मरम्मत युद्ध स्तर पर करें, जहां पानी संकट हो. वहां पानी पहुंचाने के लिए टैंकर की व्यवस्था करें. भूजल स्तर की समीक्षा नियमित करें.
- पंचायती राज विभाग के पास पंचायतों में लू चलने के दौरान क्या करें क्या नहीं करें. इसका प्रचार-प्रसार करें. पंचायतों में पेयजल की व्यवस्था करें और जल संरक्षण की योजनाओं पर कार्य किया जा सकता है.
- ऊर्जा विभाग बिजली के ढीले तारों की मरम्मति कर लें, ताकि तार आपस में नहीं टकराएं और कहीं आग लगने की घटना नहीं हो.
- राज्य अग्निशमन निदेशालय अगलगी की घटनाओं के दौरान बचाव कार्य के लिए सभी तैयारी पूरी कर लें.
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