16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहारशरीफ में हिंसा को लेकर पुलिस का बड़ा खुलासा, EOU ने दर्ज किया नया केस, पांच गिरफ्तार

जांच में एक वाट्सएप ग्रुप का पता लगा है जिसके माध्यम से धार्मिक उन्माद का कंटेंट फैलाया गया. इस ग्रुप से 456 लोग जुड़े थे और इनका एडमिन कुंदन कुमार था, जिसने हाल ही में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया.

नालंदा जिले के बिहारशरीफ में रामनवमी जुलूस में हंगामे के बाद फैली हिंसा सुनियोजित साजिश व षड्यंत्र का हिस्सा थी. बिहार पुलिस का मानना है कि सोशल मीडिया के माध्यम से साइबर स्पेस और वाट्सएप ग्रुप का इस्तेमाल कर पहले लोगों को उकसाया गया, फिर मॉब बना कर हिंसा की गयी. इस मामले में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने अलग से केस (7/2023) दर्ज करते हुए स्थलीय सबूत व डिजिटल साक्ष्य के आधार पर 15 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया है. वहीं, तीन दर्जन से अधिक लोग संदेह के घेरे में हैं. नामजद में से पांच अभियुक्त रविवार को गिरफ्तारी कर लिये गये. इनके नाम मनीष कुमार, तुषार कुमार तांती, धर्मेंद्र मेहता, भूपेंद्र सिंह राणा और निरंजन पांडेय हैं. मालूम हो कि बिहारशरीफ हिंसा मामले में अब तक स्थानीय पुलिस ने 15 प्राथमिकी दर्ज कर 271 को नामजद अभियुक्त बनाया है. इनमें अब तक 100 नामजद सहित 140 लोगों की गिरफ्तारी की गयी है.

साइबर स्पेस पर हेट न्यूज प्रसारित कर लोगों को भड़काया गया

रविवार को बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी जेएस गंगवार ने प्रेस काॅन्फ्रेंस में बताया कि बिहारशरीफ में हुई हिंसा के लिए साइबर स्पेस पर प्रसारित हेट न्यूज और धार्मिक उन्माद को भड़काने वाले पोस्ट की बड़ी भूमिका रही. इनके माध्यम से आपत्तिजनक संदेश पोस्ट कर लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काया गया. मामले को देखते हुए इओयू ने आइपीसी की धारा 153, 153 ए 1(ए), 153 ए 1(बी),153 1(सी), 297, 505, 505 (1)(बी), 505(1)(सी), 120(बी) और आइटी एक्ट की धारा 66,66 (एफ) के तहत केस दर्ज किया है. षड्यंत्र को देखते हुए धारा 120 बी लगायी गयी है.

डीएसपी के नेतृत्व में विशेष दल बना करायी गयी जांच

एडीजी मुख्यालय ने बताया कि केस दर्ज किये जाने से पहले इओयू के डीएसपी के नेतृत्व में विशेष दल बना कर जांच की गयी. इस टीम ने घटनास्थल पर जाकर जांच की. प्रसारित हुए संवाद-संदेशों का गहन विश्लेषण किया. इस दौरान सबूत मिला कि उन्माद फैलाने के लिए कतिपय व्यक्तियों द्वारा प्रेरित किया गया था. इओयू घटना के सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है. अनुसंधान के क्रम में आने वाले तथ्य पुख्ता साक्ष्य के साथ पेश किये जायेंगे.

Also Read: बिहार में न्याय मिलने की राह आसान नहीं, मुकदमों के बोझ तले अदालत, 35 लाख केस पेंडिंग
वाट्सएप ग्रुप से फैलाया गया धार्मिक उन्माद का कंटेंट

गंगवार ने बताया कि जांच में एक वाट्सएप ग्रुप का पता लगा है जिसके माध्यम से धार्मिक उन्माद का कंटेंट फैलाया गया. इस ग्रुप से 456 लोग जुड़े थे और इनका एडमिन कुंदन कुमार था, जिसने हाल ही में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया. इसके साथ ही एक अभियुक्त माधव लाल की भी संलिप्तता मिली है, जो फरवरी 2021 में हुए दंगा कांड का भी अभियुक्त रहा है. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों के मोबाइल फोन भी जब्त किये गये हैं. इनका इस्तेमाल कंटेंट अपलोड करने के लिए किया गया था. अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें