बिहार में ग्राम पंचायतों में कराये जाने वाले विकास कार्यों का बंटवारा कर दिया गया है. मुखिया, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद को अलग अलग काम कराने की जिम्मेदारी दी गयी है. इन सभी को कितने प्रतिशत राशि खर्च करनी है, इसे भी लेकर दिशा निर्देश जारी किया गया है. ग्राम पंचायतों में विकास कार्य कराने के बाद अब मुखिया को ही अपना कार्ययोजना अपलोड करना होगा. अपनी ग्राम पंचायतों में विकास कार्य कराने के लिए मुखिया को विकास कार्ययोजना अपलोड करना अनिवार्य है. जिन पंचायत के मुखिया अब तक अपनी कार्ययोजना अपलोड नहीं किया है, उन्हें 31 मार्च तक अपलोड करने के लिए कहा गया है. 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुसार आयोग द्वारा अनुशंसित अनुदान की राशि प्रत्येक वर्ष जून और अक्टूबर में दो किश्तों में विमुक्त किया जाएगा.
ग्राम पंचायतों में मुखिया के जिम्मे कई काम अब होंगे. अनटायड मद में कुल राशि की 40 प्रतिशत राशि से मुखिया अपने पंचायत में विकास कार्य कराएंगे. सोलर स्ट्रीट लाइट, उद्यान में खुले जिम की व्यवस्था, बस स्टैंड, आटो स्टैंड, खेल का मैदान, यात्री शेड का निर्माण, सामुदायिक भवन का निर्माण, आंगनबाड़ी केंद्रों में सुविधाओं का विकास, शवदाह गृह व विद्युत शवदाह गृह, होगा. इसके साथ ही टायड मद से 30 प्रतिशत राशि से स्वच्छता एवं खुले में शौचमुक्त के सतत रखरखाव किया जाएगा. पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन व वाटर रिसाइक्लिंग, मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना को पूरा करने और इसके रखरखाव करने, सार्वजनिक कुआं के जीर्णोद्धार व छठ घाटों का निर्माण होगा.
पंचायत समिति सदस्य अनटायड मद से कई काम पंचायत में करा सकेंगे. इनके जिम्मे खेल के मैदान का निर्माण होगा. उद्यान व खुले जिम की व्यवस्था होगी. शवदाह गृह व विद्युत शवदाह गृह का निर्माण, टायड मद से सामुदायिक शौचालय का निर्माण व नालों का निर्माण करायेंगे. इसके साथ ही टायड मद से सिंचाई क्षमता में वृद्धि के लिए चेक डैम, आहर, पाइन का निर्माण, जल संसाधन विभाग व लघु जल संसाधन विभाग से समन्वय कर नदी के पुरानी धार का पुर्नस्थापन कार्य किया जाएगा. एक से तीन हेक्टेयर के जल संग्रहण क्षेत्रों का जीर्णोद्धार व निर्माण, छठ घाटों का निर्माण किया जाएगा.
जिला परिषद की जमीन का सीमांकन और चहारदीवारी का निमाण, जिला परिषद अस्पताल की व्यवस्था, सैरातों का विकास, आयोत्पादक परिसंपत्तियों का निर्माण, शवदाह गृह व विद्युत शवदाह गृह का निर्माण, ग्रामीण क्षेत्रों में बस स्टैंड, आटो स्टैंड, यात्री शेड का निर्माण अनटायड मद से किया जाएगा. वही, टायड मद से सामुदायिक शौचालय का निर्माण, चेक डैम, आहर, पाइन का निर्माण, पक्की नाली के रास्ते हर खेत तक सिंचाई का पानी उपलब्ध कराए जाने के लिए नाला का निर्माण, एक से पांच हेक्टेयर तक के जल संग्रहण क्षेत्रों का जीर्णोद्धार व निर्माण किया जाएगा.